रेरा के केस की हाईकोर्ट में हुई सुनवाई

Update: 2024-05-02 10:16 GMT

बिलासपुर। छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने कहा है कि रेरा के प्रावधान उन परियोजनाओं में भी लागू होंगे जो पहले से शुरू किये जा चुके हैं लेकिन उन्हें पूर्व से पूर्णता प्रमाण पत्र नहीं मिला है।रेरा ने तनु कंस्ट्रक्शन रायपुर में फ्लैट और प्लॉट बुक कराने वाले अनेक लोगों ने शिकायत की थी कि उन्हें फ्लैट और प्लॉट पर मकान बनाकर निर्धारित अवधि में नहीं दिया। इसके लिए उन्होंने कंपनी को निर्धारित किस्तों का भुगतान कर दिया था। कई लोगों ने पूरी रकम भी दे दी थी।

रेरा ने शिकायत की सुनवाई करने के बाद कंस्ट्रक्शन कंपनी को आदेश दिया था कि वह लोगों से ली गई राशि का ब्याज सहित भुगतान करे। इस आदेश को तनु कंस्ट्रक्शन ने हाईकोर्ट में चुनौती दी। उसने कहा कि रेरा ने अपने अधिकार क्षेत्र से बाहर जाकर आदेश दिया है।

आवेदन करने वालों ने रेरा को पूरा भुगतान नहीं किया है। इसके बिना रेरा सुनवाई नहीं कर सकती है। हाईकोर्ट ने सुनवाई के बाद दिए गए आदेश में कहा है कि रेरा के प्रावधान ऐसे प्रोजेक्ट में भी लागू होंगे जिनमें पूर्णता प्रमाण पत्र प्राप्त नहीं किए गए हों। इस प्रमाण पत्र के नहीं होने पर यह भी नहीं कहा जा सकता कि आवेदकों ने फ्लैट या प्लाट की पूरी राशि जमा नहीं की है और वे रेरा में शिकायत नहीं कर सकते। रेरा के आदेश को जस्टिस गौतम भादुड़ी और जस्टिस संजय एस अग्रवाल की डिवीजन बेंच ने उचित ठहराया है।


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