अवैध एजेंटों की जद में भाठागांव बस स्टैंड

Update: 2025-01-09 05:44 GMT

एसएसपी के फरमान के बाद भी अब तक कोई ठोस का्र्रवाई नहीं हुई

फर्जी एजेंटों के सिंडीकेट को कोई भी अधिकारी तोड़ नहीं पाया

भाठागांव बस स्टैंड में फर्जी एजेंट दफ्तर, यात्रियों के लिए खतरा

रायपुर। भाठागांव बस स्टैंड जब से बना है तब से फर्जी एजेंटों के कारनामे से सुर्खियों में है। एसपी लाल उमेंद सिंह ने भाटागांव बस स्टैंड की व्यवस्था सुधारने के लिए पदभार संभालने के तत्काल बाद बस स्टैंड का दौरा कर पुलिस चौकी औऱ सुरक्षा व्यवस्था को दुरूस्त करने नगर निगम के संबंधित जोन कमिस्नर की बैठक लेकर सख्त हिदायत दिया था कि भाटागांव बस स्टैंड में चल रहे सभी अघोषित एजेंटों के दफ्तर को तत्काल बंद कर नए सिरे से एजेंटों के पंजीयन के अनुसार दफ्तर संचालन हो ताकि यात्रियों से हो रही अवैध वसूली और धोखाधड़ी पर अंकुश लग सके।

भाठागांव बस स्टैंड पर परिवहन विभाग, पुलिस और नगर निगम मिलकर बड़ी कार्रवाई की तैयारी में हैं। परिवहन विभाग और पुलिस की पिछले एक माह से चल रही गोपनीय जांच में बड़ा खुलासा यह हुआ है कि बस स्टैंड परिसर में ऐसे दर्जनों लोगों ने एजेंट के रूप में पिछले तीन-चार से दफ्तर खोल रखे हैं, जो परिवहन विभाग में रजिस्टर्ड ही नहीं हैं। पैसेंजर्स की लगातार शिकायतों पर यह जांच की गई थी और यह बात सामने आई है कि ऐसे ही लोगों से बस स्टैंड आने वाले यात्री न सिर्फ परेशान हैं, बल्कि अवांछित लोगों का आना-जाना बढऩे से यात्रियों की सुरक्षा भी खतरे में पड़ रही है। ऐसे ही अवांछित लोगों को पूरी तरह से बस स्टैंड से साफ किया जाने वाला है। अपर परिवहन आयुक्त डी रविशंकर और रायपुर एसएसपी लाल उमेद सिंह ने पुष्टि की है कि भाठागांव बस स्टैंड को जल्दी ही ऐसे तत्वों से मुक्त करवा लिया जाएगा। बस स्टैंड में नगर निगम की ओर से पिछले कुछ सालों में ऐसे लोगों को दफ्तर खोलने की अनुमति दी गई है। इसलिए इस जांच में नगर निगम को भी शामिल किया जाएगा, ताकि रिकार्ड क्लियर रहे। भाठागांव बस स्टैंड में अवांछित तत्वों की आवाजाही तथा यात्रियों की परेशानी की शिकायतें लगातार मिल रही हैं।

दर्जनों अवांछित लोगों को दी

गई चेतावनी बेअसर

तकरीबन एक माह पहले एसएसपी डा. लाल उमेद ने बस स्टैंड पर फोर्स के साथ धावा बोला था और दर्जनों अवांछित लोगों को चेतावनी दी गई थी कि वे स्टैंड में प्रवेश नहीं करें। परिवहन विभाग को ट्रांसपोर्टर्स तथा अन्य सूत्रों से ऐसी शिकायतें लगातार मिल रही थीं कि पिछले तीन-चार साल में बस स्टैंड में भारी बदइंतजामी पसर गई है। सीएम विष्णुदेव साय ने अफसरों को पहले ही निर्देश दे चुके हैं कि सार्वजनिक स्थलों में सबसे पहले वहां आने वाले लोगों की सुरक्षा सुनिश्चित की जाए। इन्हीं बातों को ध्यान में रखकर परिवहन विभाग, पुलिस और नगर निगम ने मिलकर बड़ा आपरेशन प्लान किया है। यह कब होगा और किस तरह की कार्रवाई की जाएगी, इस बारे में खासी गोपनीयता बरती जा रही है। लेकिन सूत्रों के मुताबिक अगले कुछ दिन में तीनों विभाग मिलकर इस कार्रवाई की तैयारी कर रहे हैं।

उठाईगिरों, ठगों की निकल पड़ी

जब से पंडरी से बस स्टैंड भाटागांव शिफ्ट हुआ है तब से उठाईगिरों, ठगों की निकल पड़ी है, रोज चांदी काट रहे है। उनका अड्डा बिना रोकटोक के संचालित हो रहा है। यात्रियों को नए बस स्टैंड से सुविधा की जगह परेशानी अधिक हुई है। हर रोज उठाईगिरी,छिनताई और अवैध वेंडरों के लूट के यात्री शिकार हुए है । पुलिस भी यात्रियों की सुनवाई नहीं करती थी, बल्कि पीडि़तों से उल्टा सीधा सवाल किया जाता था। इतना ही नहीं बस स्टैंड के आसपास की जमीनों में अवैधकब्जा कर पक्का निर्माण कर काले कारोबार का अड्डा चला रहे है। पुलिस और निगम में सैकड़ों शिकायतों के बाद भी पुलिस और नगर निगम जोन कमिश्नर के कानों तक पीडि़त जनता की आवाज नहीं पहुंची। भाठागांव में बस स्टैंण्ड में अवैध बुकिंग एजेंट डेरा डालकर बैठे हुए हैं। उनकी शिकायत कई बार बस मालिकों द्वारा कलेक्टर और एसपी से की गई है। इसके बाद भी टेबल-कुर्सी लगाकर वह अपना कारोबार चला रहे हैं। मना करने पर बस चालक परिचालक से मारपीट कर लूटपाट भी कर रहे हैं। बुकिंग एजेंट रोजाना यात्रियों से अवैध वसूली कर हजारों रुपए के जीएसटी की चोरी कर रहे हैं। बिना किसी लाइसेंस और पंजीयन कराए अपना कारोबार कर रहे हैं।ऑनलाइन टिकटों में वह इसका भुगतान करते है। लेकिन, अपनी रसीदों में उससे कई गुना ज्यादा वसूली करते हैं। कोई रेकॉर्ड और उल्लेख भी नहीं किया जाता। बता दें कि नियमानुसार एसी बसों की टिकटों पर 18 फीसदी जीएसटी लिया जाता है। बताया जाता है कि बुकिंग एजेंट अपने गुर्गों के जरिए यात्रियों को पकडक़र लाते हैं। साथ ही उनकी टिकट ऑनलाइन बुक करने के बाद बसों में ले जाकर बिठाते हैं। बस मालिकों का कहना है कि टिकटों की ऑनलाइन बुकिंग के कारण यात्रियों का इंतजार करना पड़ता है। उनके आने के बाद ही बसों को रवाना करना पड़ता है।

अधिकृत दफ्तर नहीं होने

के कारण लूटमार

रायपुर में अधिकृत दफ्तर नहीं होने के कारण स्थानीय ट्रैवल्स एजेंसियों के भरोसे रहना पड़ता है। इसके चलते बुकिंग एजेंट अपनी मनमानी करते हैं। उन्हें यात्रियों के आने तक इंतजार करना पड़ता है। जिला प्रशासन, पुलिस और परिवहन विभाग द्वारा कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है। इसके चलते उन्हें नुकसान उठाना पड़ रहा है। एक समूह का वर्चस्व लोगों को यह समझ में नहीं आ रहा है कि ये अवैध एजेंट बस स्टेंड में किसकी शह पर हुकूमत चला रहे हैं। जब बस आपरेटर अपने बुकिंग एजेंट नियुक्त नहीं किए हैं तो इन बुकिंग एजेंटों पर किसका नियंत्रण है क्या इनकी नियुक्ति जिला प्रशासन और निगम के माध्यम से हुआ है या फिर इन्हें कांटे्रक्ट दिया गया है। इन बुकिंग एजेन्टस द्वारा बस सेवा भी संचालित नहीं की जा रही है। बावजूद बस स्टैंड पर इनकी मोनोपल्ली और सिंडीकेट का संचालन कैसे हो रहा है। आखिर इसकी पीछे किसका हाथ है और जिला और पुलिस प्रशासन की खामोश क्यों है यह भी सोचने वाली बात है।

अब तक कोई कार्रवाई नहीं

पिछले दिनों एक ट्रेवल्स के चालक के साथ मारपीट कर 16000 रुपए नकद, मोबाइल फोन और हैडफोन लूटने की घटना हुई है। इसकी शिकायत करने के बाद भी अब तक कोई कार्रवाई नहीं की गई है। जीएसटी व परिवहन विभाग खामोश लंबी दूरी की बसों की टिकटों की ऑनलाइन बिक्री के चलते बुकिंग एजेंट चांदी काट रहे है। यात्रियों की टिकट बुक करने के बाद उन्हें वास्तविक किराए की जानकारी नहीं दी जाती। वह अपनी रसीदों पर टिकटों की बुकिंग करते है। बिना किसी लाइसेंस के अपने नाम की ट्रैवल्स एजेंसी खोलकर देशभर के सभी प्रमुख शहरों के लिए कागजों में बसों का संचालन किया जा रहा है। जबकि रायपुर बस स्टैण्ड से सीधी बस सेवा भी उपलब्ध नहीं है। अवैध एजेंट रसीदों से काटी जा रही टिकटों के जरिए टैक्स चोरी भी कर रहे हैं। यात्रा टिकट पर 18 फीसदी जीएसटी लगता है जो ये नहीं पटा रहे हैं। बावजूद जीएसटी और एक्साइज डिपार्टमेंट खामोश है। बस मालिकों की मजबूरी दूसरे राज्यों से आने वाली बस मालिकों को सर्वाधिक परेशानियों का सामना करना पड़ता है।

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