रिक्त आरक्षित पदों पर पर्दे के पीछे से भर्ती
शासन की भर्ती प्रक्रिया को बदनाम करने विरोधी गिरोह की साजिश.
>इंटरव्यू से पहले अभ्यर्थियों में आक्रोश और भय झलकनेे लगा
>पुलिस एसआई भर्ती में 15 प्रतिशत आरक्षण के नाम पर नया खेल
>रिजर्वेशन की भेंट चढऩे वाली है एसआई भर्ती,युवाओं में रोष
>पुलिस विभाग के लोगों को अवांछित लाभ तो नहीं दिया जा रहा?
जसेरि रिपोर्टर
रायपुर। छत्तीसगढ़ में पुलिस विभाग में सन् 2021 से लंबित सूबेदार,उपनिरीक्षक संवर्ग तथा प्लाटून कमांडर के कुल 975 रिक्त पदों पर भर्ती के लिए राजधानी के कोटा स्टेडियम में शारीरिक दक्षता परीक्षा हुई जिसमें 4390 अभ्यर्थी शामिल हुए थे। जिसमें से कुल 1378 अभ्यर्थी का चयन हुआ है। इसमें 1136 पुरुष और 242 महिला हैं। शारीरिक दक्षता परीक्षा के आधार पर साक्षात्कार के लिए पुलिस मुख्यालय की वेबसाइट में भी दे दी गई है। साथ ही इंटरव्यू 17 अगस्त से रायपुर में होगा। लेकिन इंटरव्यू के पहले ही अभ्यर्थियों में आक्रोश और भय पनपने लगा है। एक अभ्यर्ती भोलेश कुमार ने हाई कोर्ट में पिटीशन लगाया भी है जिसके जवाब में पुलिस विभाग की और से जो जवाब दिया गया है उसे देखकर अभ्यर्थियों के होश उड़ गए हैं। जवाब में कहा गया है की भूतपूर्व सैनिकों के लिए 153 पद आरक्षित किये गए है जबकि पुलिस विभाग द्वारा जारी किये गए विज्ञापन के बिंदु क्रमांक 4 में स्पष्ट तौर पर लिखा गया है की छत्तीसगढ़ शासन के निर्देशानुसार भूतपूर्व सैनिकों के लिए 10 प्रतिशत और विभागीय कर्मचारियों के लिए 5 प्रतिशत समस्तर व प्रभागवार आरक्षण रहेगा। अब आरक्षण के हिसाब से भूतपूर्व सैनिकों के लिए दस प्रतिशत पद आरक्षित होता है उस लिहाज से कुल 975 पद के लिए कुल लगभग 97 पद आरक्षित होता है और हाई कोर्ट में दिए जवाब को आधार माने तो 153 पद आरक्षित होते है। साक्षात्कार के लिए अभी भूतपूर्व सैनिक केटेगरी से कुल 43 अभ्यर्थी ही पात्र पाए गए हैं इस दशा में 10 प्रतिशत के अनुसार 54 पद और 153 पद को आधार माने तो 110 पद किस केटेगरी से भरे जायेंगे। इसमें संशय की स्थिति बानी हुई है। क्योकि कुछ अभ्यर्थियों ने जनता से रिश्ता को बताया की कोटा स्टेडियम में शारीरिक दक्षता परीक्षा के दौरान पुलिस अधिकारियों को मालूम हो गया था की भूतपूर्व सैनिकों के केटेगरी में बहुत कम लोग आ रहे हैं इसलिए पुलिस के विभागीय उम्मीदवारों से आनन फानन में एक आवेदन लिया गया की भूतपूर्व सैनिकों की बाकी पदों में पुलिस के विभागीय कर्मचारी या उम्मीदवार को लिया जाय। सामान्य केटेगरी के कुछ उम्मीदवारों ने इसकी शिकायत करते हुए बताया कि यह सरासर गलत और नियम विरुद्ध है। उन्होंने यह भी मांग की कि सरकार से अनुमति लेकर इन पदों पर अनारक्षित श्रेणी के उम्मीदवारों की भर्ती किया जाय। पुलिस केटेगरी के उम्मीदवार पहले से ही सरकारी नौकरी में रहते हैं और यदि ऐसा होता है तो यह बेरोजगारों के साथ चलवा होगा और प्रदेश भर में धरना प्रदर्शन भी किया जायेगा। अब आरक्षण के कारण पुलिस की भर्ती उलझकर न रह जाये। चुनावी वर्ष के चलते प्रदेश में पहले ही भर्ती नहीं हो पाई थी। अब आरक्षण के कारण पुलिस में भर्ती नहीं हो सकी है।
पीएससी ने जारी किया विज्ञापन
छत्तीसगढ़ लोक सेवा आयोग ने पुलिस के लगभग 975 पदों के लिए विज्ञापन जारी किया था, जिस पर भर्ती प्रक्रिया चालु है। इसमें कुछ विभागों के पदों में पुरानी आरक्षण व्यवस्था के हिसाब से पदों की संख्या तय की है तो कुछ में इसे नजरअंदाज किया है।
चयन समिति के अध्यक्ष से चर्चा करने की कोशिश
इस बारे में पुलिस भर्ती समिति के अध्यक्ष विवेकानंद सिन्हा से बात करने की कोशिश की गई लेकिन उन्होंने मोबाईल रिसीव नहीं किया वहीं आईपीएस ओपी पाल से चर्चा हुई उन्होंने कहा कि भर्ती नियमत: ही होगा किसी भी अभ्यर्थी को शिकायत का मौका नहीं मिलेगा।
रिजर्वेशन वाले सामान्य और सामन्य को रिजर्व
मामला यह है कि सबसे पहला फायदा एसटी/एससी/ओबीसी/भतपूर्व सैनिक होने पर उनको उम्र बढऩे का पायदा तो मिलना था, जो अब वह जनरल केटेगरी में आ गया वहीं रिजर्व केटेगरी में दूसरे लोग आएंगे और जनरल में आ गए इस तरह अनारक्षित सीट पर भी काबिज हो जाएंगे। ऐसे में रिजर्वेसन वालों को दोहरी मार पड़ेगी और प्रतिस्पर्धा से बाहर हो जाएंगे। यह खेल विभागीय सलेक्शन कमेटी कर रही है जो निर्धारित सीटों को पहले से अपने चहेतों के लिए रिजर्व कर रखा है, उनके लिए आरक्षण को अनारक्षित और आनारक्षित को आरक्षित करने का खेल रहे है। जो आरक्षण के नाम पर पर्दे के पीछे भर्ती का नया गुल खिलाने जा रहा है।