अनेक स्वास्थ्य योजनाओं में एक राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य चिरायु योजना

छग

Update: 2023-06-01 17:25 GMT
सूरजपुर। कलेक्टर अग्रवाल के निर्देशानुसार जिले में स्वास्थ्य विभाग की अनेक योजनाओं पर काम किया जा रहा है। जिले में 2014 से संचालित राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम जिले में चलने वाले अनेक स्वास्थ्य योजनाओं में से एक है। इस कार्यक्रम का उद्देश्य 0 से 18 वर्ष की आयु के बच्चों में 4 डी के तहत् जन्मजात विकृति, बिमारी, पोषण की कमी, अच्छी तरह से विकास न होना या किलांगत की जांच कर उपचार प्रदाय करना है। चिरायु कार्यक्रम अंतर्गत 0 से 06 सप्ताह की आयु में नवजात शिशुओं का स्वास्थ्य परीक्षण डिलीवरी प्वाईंट के स्टाफ द्वारा, 06 सप्ताह से 06 वर्ष की आयु के बच्चों का आंगनबाडी केन्द्रों के माध्यम से तथा 6 से 18 वर्ष की आयु के बच्चों का शासकीय व शासकीय अनुदान प्राप्त विद्यालयों के माध्यम से चिरायु दलों की ओर से स्वास्थ्य परीक्षण, उपचार व 44 बीमारियों के अंतर्गत चिन्हित बच्चों को उच्च संस्था में उपचार के लिए संदर्भित किया जाता है।
जिले में 13 चिरायु दल संचालित है। एक चिरायु दल में 02 चिकित्सक (एक महिला व एक पुरुष) एक फार्मासिस्ट व एक ए.एन.एम. व लैब टेक्निशियन रहते हैं। प्रत्येक विकासखंड में 02/03 दल कार्य करते हैं तथा एक वर्ष में सभी स्कूलों का एक बार तथा सभी आंगनबाड़ी का दो बार पूर्व योजना बनाकर भ्रमण व परीक्षण करते हैं। वर्ष 2022-23 में जिले में संचालित 2122 स्कूल व 1953 आंगनबाड़ी केन्द्रों का भ्रमण कर स्कूलों में कुल 130021 तथा आंगनबाडी में कुल 140497 बच्चों का स्वास्थ्य परीक्षण किया गया। जिसमें 5113 बच्चे बीमारियों से ग्रसित पाए गए थे। जिसमें से 4027 का जिला अस्पताल, सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र, प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों में सफल उपचार किया गया तथा 1088 का उच्च संस्था में उपचार के लिए संदर्भित किया गया है, वर्ष 2022-23 में हृदय रोग के 24, क्लब फूट के 9, हॉट व तालू की विकृति के 7, जन्मजात बाधिरता के 2, त्वचा संबंधी रोग के 240, दंत रोग के 192, कर्ण रोग के 52, दृष्टिदोष के 263, अत्याधिक रक्तअल्पता के 30 तथा अति कुपोषित के 186 बच्चों का सफल उपचार किया गया।
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