Raipur News: रेस्टोरेंट-पबों में डीजे व बार बालाओं के साथ नशे में झूम रहे युवा

Update: 2024-07-22 05:41 GMT

छत्तीसगढ़ में नाइट क्लब का कोई कानून नहीं होने से रायपुर में नाइट पार्टी का ट्रेंड

रात 2 से 3 बजे तक चलती हैं पार्टियां, नाइट पार्टी में गांजा व शराब भी परोसे जा रहे

हुक्काबार बंद होने के बाद पब-क्लब नशा करने वालों का सुरक्षित ठिकाना बना

raipur news रायपुर (जसेरि)। राजधानी में नाइट पार्टी Night Party का ट्रेंड तेजी से बढ़ रहा है। इन पार्टियों में अधिकांश युवा शामिल होते हैं और मकसद होता है सिर्फ नशा करना। जब हुक्काबार चल रहे थे, तो उसमें बड़ी संख्या में युवक-युवतियां व नाबालिग जाते थे। इसमें गांजा व शराब का नशा भी करते थे। हुक्काबार बंद होने के बाद नशा करने वालों का सुरक्षित ठिकाना भी बंद हो गया। हुक्काबार संचालकों को भी आर्थिक नुकसान हुआ। इसकी भरपाई के लिए नाइट पार्टी का आयोजन होने लगा है। जहां हुक्काबार थे, अब वहां पब और रेस्टोरेंट बना लिए हैं। वीकेंड में वन डे शराब लाइसेंस लेकर भी पार्टी आयोजित करते हैं। सूत्रों के मुताबिक वन डे लाइसेंस की आड़ में कई पबों में सूखा नशा भी उपलब्ध कराया जा रहा है। कई पबों में बिना अनुमति के ही शराब परोसा जा रहा है।

chhattisgarh news 50 से ज्यादा पब-रेस्टोरेंट, होटल

chhattisgarh विधानसभा, वीआईपी रोड, मंदिरहसौद और नवा रायपुर में 50 से ज्यादा होटल, रेस्टारेंट और पब हैं, जहां नाइट पार्टियां चलती हैं। शनिवार-रविवार को तो रात 2 से 3 बजे तक खुले रहते हैं। इनमें अधिकांश में पार्टी की आड़ में नशा मुहैया कराया जाता है। विधानसभा इलाके में मेन रोड से लगे पब में इतनी भीड़ रहती है कि सडक़ तक जाम होने लगती हैं। कई बार तो सुबह 4 बजे तक भी पार्टी युवाओं की भीड़ लगी रहती है।

नशे में युवा, बढ़ रहा अपराध

नशे के साथ देर रात तक पार्टी करने से अपराध होने की आशंका रहती है। होटल क्वींस क्लब, आईपी क्लब जैसी घटना सामने आ चुकी है। इसके अलावा सडक़ हादसे, मारपीट, चाकूबाजी जैसी घटनाओं की भी आशंका रहती है।

रात 12 बजे का है नियम

जिन होटलों, रेस्टोरेंट-पब और ढाबों के पास शराब पिलाने का लाइसेंस हैं, वे रात 12 बजे तक खुला रख सकते हैं। इसके बाद खोलना अवैध है। ऐसा करने वालों पर आबकारी और पुलिस कार्रवाई कर सकते हैं। हालांकि यह टाइम बार का भी है। इसके बावजूद वीआईपी रोड, विधानसभा, माना और नवा रायपुर में आधी रात के बाद तक पीने-पिलाने का दौर चलता रहता है।

हुक्के का कारोबार बंद

एक समय राजधानी में 100 से ज्यादा हुक्का बार चलते थे। बड़ी संख्या में युवाओं के अलावा नाबालिग भी नशे के आदी हो रहे थे। शिकायतें मिलने के बाद पुलिस ने इसके खिलाफ अभियान चलाया। लगातार कार्रवाई के चलते सभी हुक्काबार बंद हो गए। हुक्काबार भी देर रात तक चलती थी और उसमें हुक्का के अलावा गांजा और शराब भी परोसा जाता था। कुछ हुक्काबारों में ड्रग्स भी बेचा जाने लगा था। हालांकि शहर के पुलिस कप्तान का कहना है कि शराब पिलाने का लाइसेंस रखने वाले पब व बारों को रात 12 बजे तक ही अनुमति दी जाती है। इसके बाद नहीं है। हुक्काबार पुलिस के सख्ती के चलते बंद हुआ है। नियम विरूद्ध शराब या कोई प्रतिबंधित नशा कराने की सूचना मिलने पर पुलिस कार्रवाई करती है। आगे भी कार्रवाई की जाएगी।

राजधानी में सबसे ज्यादा बार बालाएं

राजधानी में तेजी से नाइट पार्टी का ट्रेंड बढ़ा है, होटलों-क्लबों में डीजे और बार बालाओं की ठुमकों और डांस के साथ नशे में युवाओं और कपल का झूमना आम हो गया है। राजधानी में बड़े व मेट्रों शहरों से भी ज्यादा बार बालाएं होटल-क्लबों की शान बढ़ा रहीं हैं। बड़े-बड़े डीजे नाइट पार्टियां में बुलाए जाते हैं जिनमें युवाओं और कपल के लिए खास इंतजाम किए जाते हैं। पिछले शासन काल में जिस तरह होटलो- क्लबों में नाइट और नशे की पार्टियों की छूट दी गई वह अब ट्रेंड बन गया है।

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