रायपुर : आईजी की क्लास के बाद पुलिस ने शुरू की सख्ती...अब आएगी अड्डेबाजों की शामत, सट्टा-जुआ व गुंडों पर कसेगा शिकंजा

डीजीपी-आईजी की लगातार अपराध समीक्षा बैठक में पुलिस की सक्रियता पर जोर दिया जा रहा है

Update: 2020-10-16 06:17 GMT

जसेरि रिपोर्टर

रायपुर। डीजीपी-आईजी की लगातार अपराध समीक्षा बैठक में पुलिस की सक्रियता पर जोर दिया जा रहा है। डीजीपी ने तो सीधे थानेदार पर कार्रवाई की चेतवानी दे दी है। पुलिस की थोड़ी सी ढील मिलते ही अवैध कारोबारियों ने गली मोहल्लों मे ंपैर पसारना शुरू कर दिया है। अवैध कारोबार े चरम सीमा पर पहुंंच कर राजधानीवासियों का नींद हराम कर दिया है। बर्नीपारा में रातोंरात अवैध शराब और गांजा की बिक्री जोर-शोर से चल रहा हैं। अवैध शराब कारोबारी अपने काले कारनामों को छुपाने के लिए अपने लोगों को 24 घंटे अपने इलाके के बाहर तैनात रखते हैं। इस काले करतूतों की खबर पुलिस तक को नहीं हैं। वही दूसरी तरफ जुआरी लोग बंजारी नगर में दोपहर और रात को भीड़ जमा करके जुआ खिलाते हैं। जिससे पूरे इलाके के रहवासी परेशान है। मगर पुलिस ने भी जुआरियों, सटोरियों, और गांजा बेचने वालों पर सख्त कार्रवाई करने के आदेश से थानेदारों ने अपने-अपने क्षेत्र में ताबड़तोड़ कार्रवाई की। इसके चलते ये अवैध कारोबार कुछ दिनों तक बंद रहे, लेकिन अब फिर अवैध कारोबार करने वाले कई मोहल्लों में सक्रिय हो गए हैं। खुलेआम सटोरिए सट्टा-पट्टी काट रहे हैं। शराब-गांजा बेचने वाले भी बेधड़क अपने काम में लगे हैं। बंजारी नगर इलाका आखरी छोर में पड़ता है, जहां पुलिस को पेट्रोलिंग जाती हैं तो पता चल जाता हैं। और जुआरी अपने सारे ताश के पत्तों को छुपा लेते हैं। जिससे पुलिस भी गुमराह हो जाती हैं। जिससे उनकी धांधली और भी बढ़ती ही जा रही हैं। अपराधी इतने शातिर थे कि उन्हें पुलिस के आने की ख़बर ही मिल जाती है। पूरे इलाक़े में इस वारदात का विरोध होने लगा। जुआरी लोग वहां खुलेआम जुआ खिलाते डरते भी नहीं हैं। पुलिस को देखकर गांजा कारोबारी ने अपने ग्राहकों को ये सूचना देकर रखे हैं कि गांजा और शराब केवल रात को और भरी दोपहरी को ही मिलता हैं। गांजा और अवैध कारोबार पर रोक लगाने के लिए पुलिस भी निरंतर प्रयास करती जाती हैं। पुलिस योजना बनाकर गांजा व शराब की तस्करी करने वालो पर अपना शिकंजा कसती हैं। मगर ऐसे अपराधी पुलिस को चकमा देकर कानून से और न्यायालय से कब्बडी खेल कर छूट जाते हैं। गांजा तस्कर अपने इलाके में मादक पदार्थ को पांच हजार रुपए किलों में बेचते हैं। और ग्राहकों के कुछ बोलने पर उन्हें धमकी भी दे देते हैं। इस तरह खुलेआम गांजा तस्कर और अवैध शराब कारोबारी अपने क्षेत्र को विस्तृत करते जा रहे हैं।

आपराधिक तत्वों पर रोक के लिए चलाये अभियान : शहर के थाना क्षेत्रों में अवैध शराब और गांजा की बिक्री करने वालों के साथ-साथ सट्टा खिलाने वालों को पकडऩे छापामार अभियान चलाया गया। शहर के जिन जगहों से सबसे ज्यादा शिकायतें थी वहां पुलिस की टीम ने जांच की। इस दौरान डेढ़ दर्जन से ज्यादा लोगों को गिरफ्तार भी किया गया है। पुलिस के 100 से ज्यादा जवानों के साथ अफसरों ने छापामार अभियान चलाकर अमलीडीह, आजाद चौक और अभनपुर में जुआ खेलते हुए आधा दर्जन से ज्यादा को गिरफ्तार किया। अवैध शराब के खिलाफ 11 जगहों पर एक साथ छापे मारे। मगर जमानती अपराधों पर अंकुश लग पाना अब मुश्किल होने लगा हैं। पुलिस ने न्यू राजेंद्र नगर, श्याम नगर, खालबाड़ा, गुढिय़ारी, भरेंगाभाठा अभनपुर, रामकुंड समेत कुछ और स्थानों पर लोगों को अवैध शराब बेचते हुए रंगे हाथों पकड़ा। इन सभी के खिलाफ आबकारी एक्ट के तहत अपराध दर्ज कर लिया गया। इसके अलावा अवैध रूप से गांजा बेचने वालों को भी पकड़ा गया। सभी को जेल भी भेज दिया गया है।

शराब बेचने वाले बने राजा

शराब बेचने वाले बदमाश दुकान खुलने के पहले और बंद होने के बाद भी अवैध शराब बेचा करते हैं। इलाके के पार्षद ने बताया कि इस अवैध कारोबार से आस-पास के लोग भी काफी परेशान होते जा रहे हैं। गली कोचिए में अपने कारोबार को बढ़ावा दे रहे शराब कारोबारी लोगो की दूकान खुलने से पहले और दुकान बंद होने के बाद तक अपना धंधा चलाते जा रहे हैं।

जमानती अपराध गिरफ्तारी से बचा लेती हैं

जुआ, सट्टा, और गांजा जैसे अपराधी खुलेआम अपने कारोबार को चला रहे हैं। जिस पर पुलिस भी लगातार कार्यवाही कर रही हैं। मगर ये अपराधियों को पता हैं कि जो अपराध वो कर रहे हैं वो केवल जमानती अपराध हैं, और ऐसे अपराधी को पुलिस को ज्यादा से ज्यादा 2 घंटे तक ही पकड़कर रख सकती हैं। और ऐसे अपराधियों को डर भी नहीं होता क्योंकि इनके पीछे कुछ सफेदपोश लोग छुपकर वार करते हैं। एक तरफ सट्टेबाजों पर पुलिस काफी कार्यवाही कर रही हैं। वही दूसरी तरफ जुआ जैसे अपराध आये दिन अपने गुर्गे सक्रीय करते जा रहे हैं। ऐसे कई मामले पुलिस के संज्ञान में आते रहते हैं। मगर जमानती अपराध के चलते पुलिस ऐसे आरोपियों को मुचलके में छोडऩा पड़ता हैं।

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