जोबी। शहीद वीर नारायण सिंह शासकीय महाविद्यालय जोबी में बसंत पंचमी को ज्ञान और संस्कृत की देवी, मां सरस्वती के पूजन का आयोजन धूमधाम से किया गया। इस अवसर पर विद्यार्थियों ने रंग-बिरंगी प्रदर्शनियों के माध्यम से भारतीय संस्कृति, कला, साहित्य और संगीत को प्रदर्शित किया। विभागाध्यक्ष सहायक प्राध्यापकों ने प्रस्तुतियों में सरस्वती वंदना, संस्कृत श्लोकों, चित्रकला और संगीत कार्यक्रमों के द्वारा सांस्कृतिक धरोहर पर मनमोहित करने वाले विद्यार्थियों को सम्मानित किया।
शुरुआती चरण में आमंत्रित अतिथिजनों के साथ दीप प्रज्वलन के पश्चात प्राचार्य रविंद्र कुमार थवाईत ने अपने उद्घाटन भाषण में ‘‘कराग्रे वस्ते लक्ष्मी ‘‘मध्ये सरस्वती’’ श्लोक की व्याख्या करते हुए बताया कि शिक्षा के आरंभ में मां लक्ष्मी का वास होता है, जबकि बीच में मां सरस्वती की उपासना होती है।
इस श्लोक का संदेश है कि जीवन में सुख, समृद्धि और ज्ञान की प्राप्ति केवल मां सरस्वती की कृपा से ही संभव है। वहीं, सहायक प्राध्यापक एवं सांस्कृतिक कार्यक्रम के प्रभारी, वासुदेव प्रसाद पटेल ने सरस्वती वंदना के महत्व पर प्रकाश डालते हुए कहा कि यह हमें शिक्षा की शक्ति और सद्गुणों की ओर प्रेरित करता है। ‘‘ज्ञान ही सर्वोत्तम वस्तु है’’ इस संदेश को हम सभी को मिल कर जन–जन तक पहुंचाना है। बढ़ते क्रम में सहायक प्राध्यापक एवं राष्ट्रीय सेवा योजना कार्यक्रम अधिकारी श्री सुरेंद्र पाल दर्शन ने भी इस अवसर पर विद्यार्थियों को ज्ञान के माध्यम से जीवन को सही दिशा देने की प्रेरणा दी। साथ ही सहायक प्राध्यापक श्रीमती श्वेता कुम्भज ने बताया कि शिक्षा केवल किताबों तक सीमित नहीं रहती, बल्कि यह हमें समाज में एक जिम्मेदार नागरिक बनने के लिए मार्गदर्शन करती है। इस अवसर पर मंच संचालन कर रहे सहायक प्राध्यापक श्री योगेंद्र कुमार राठिया के नेतृत्व में विद्यार्थियों ने उत्साहपूर्वक सरस्वती पूजा में भाग लिया और ज्ञान की देवी से आशीर्वाद प्राप्त किया।