तीन दिनों की बारिश से रायपुर सहित धमतरी, गरियाबंद व महासमुंद जिले में भारी नुकसान, नदी-नाले उफान पर
राजधानी के कई इलाकों में जल भराव, राहत और बचाव कार्य जारी
जसेरि रिपोर्टर
रायपुर। प्रदेश में पिछले 24 घंटे की बारिश से नदी-नाले तो उफान पर आ ही गए, गलियों में तो पानी भरा ही, लेकिन नेशनल हाईवे में भी पांच फीट तक पानी भर गया। इसके चलते गरियाबंद राष्ट्रीय राजमार्ग को बंद करना पड़ा। धमतरी, गरियाबंद, महासमुंद और रायपुर जिले में भारी बारिश से काफी नुकसान हुआ है।
सरकार ने यहां के कलेक्टरों से रिपोर्ट मांगी है। बस्तर और रायपुर संभाग के कुछ जिलों में एक दिन के औसत से 10 गुना (एक हजार प्रतिशत ज्यादा) बारिश हो चुकी है। मौसम विभाग का पूर्वानुमान था कि 14 सितंबर को 7.7 मिमी औसत बारिश होगी, लेकिन 31.6 मिमी हुई। यानी पूरे प्रदेश में 24 घंटे में 31.6 मिमी बारिश हुई है। यह सितंबर में एक दिन के औसत से 310त्न अधिक है। पिछले तीन दिन से तेज हुई मानसूनी गतिविधियों और लगातार बारिश की वजह से प्रदेशभर में नदी-नालों का जलस्तर चढऩे लगा है और पुलों के करीब पहुंच है।
सिकासेर व सोंढूर जलाशय का पानी सोमवार रात पनटोरा पॉइंट पर टकराना शुरू हो गया। आधी रात से यहां जल स्तर बढ़ता गया। मंगलवार दोपहर 3 बजे नेशनल हाईवे-130 सी के ऊपर 5 फीट पानी बहने लगा। इससे पहले दो फीट बह रहा था। वहीं बारिश से त्रिवेणी संगम नदी के मध्य स्थित कुलेश्वर मंदिर चारों ओर से बाढ़ के पानी से घिर गया है। 30 फीट ऊंची चौड़ी में से मात्र 5 फीट चौड़ी डूबने के लिए बचा है।
सिकासेर बांध के 17 गेट खोले
गरियाबंद जिले के सिकासेर बांध के 17 गेट खोल दिए गए हैं। इसके साथ ही आसपास के गांवों को अलर्ट किया गया है। राज्य कंट्रोल रूम ने राजिम के पास एक टापू में फंसे 10 लोगों को बचाने की सूचना दी है। पानी भरने से कई गांवों के भी कटने की अपुष्ट सूचना है। सरकार ने सभी कलेक्टरों से विस्तृत रिपोर्ट मांगी है।
प्रदेश के कई जिलों में आज भी बारिश के आसार
छत्तीसगढ़ और आसपास से दो द्रोणिकाएं गुजर रही हैं। इनके असर से 15 सितंबर को भी बारिश के आसार हैं। दुर्ग और बिलासपुर संभाग में ज्यादा बारिश की उम्मीद है।
तेज बारिश के चलते राजधानी रायपुर के कई इलाकों में जलभराव हो गया है. कलेक्टर सौरभ कुमार ने जिले में अतिवृष्टि या बाढ़ की स्थिति को देखते हुए प्रभावित क्षेत्र में तत्काल राहत कार्य करने के निर्देश दिए. जिसके बाद रायपुर जिले में अभी तक करीब 150 परिवारों को डुबान क्षेत्र से निकालकर सोमवारी बाजार शेड, दुकान, सोमवारी बाजार स्कूल, मंडी प्रांगण, संगवारी भवन में ठहराया जा चुका है. आवश्यकता पडऩे पर हरिहर स्कूल में ठहराने के लिए स्कूल के कमरों की साफ-सफाई की जा रही है. मंगलवार को नगर पालिका परिषद गोबरा नवापारा क्षेत्र अंतर्गत भारी बारिश की संभावना और सिकासेर बांध से पानी छोड़े जाने के कारण आम नागरिकों को जानमाल की हानि से बचाव और बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों को खाली कराए जाने के लिए नगर पालिका परिषद गोबरा नवापारा द्वारा सघन मुनादी कराया गया. नगर पालिका परिषद गोबरा नवापारा द्वारा एडवाइजरी जारी कर आम नागरिकों को अनावश्यक रूप से नदी, नदी तटबंध, पुल और बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में जाने से मना किया गया है. नदी, पुल में फोटोग्राफी, वीडियोग्राफी, सेल्फी लेने और तैराकी करने से मना किया गया.नगर पालिका परिषद गोबरा नवापारा के वार्ड क्र.15 के देवार पारा के बाढ़ प्रभावित 80 परिवारों को नगर के सोमवारी बाजार में निर्मित शेड में व्यवस्थापित किया गया है. इसी तरह वार्ड क्र. 16 के बाढ़ प्रभावित परिवारों को शासकीय प्राथमिक शाला, सोमवारी बाजार और कृषि उपज मंडी नवापारा में व्यवस्थापित किया गया है. जो परिवार अपने रिश्तेदार के यहां रूकना चाहते थे उसके सामान को संबंधित रिश्तेदारों के यहां छोड़ा गया. वार्ड क्र.17 में व्यवस्थापन की संभावित स्थिति को देखते संगवारी भवन को आरक्षित किया गया है। उक्त सभी स्थलों में नगर पालिका द्वारा बिजली, पानी और अन्य आवश्यक व्यवस्था किया गया है।
नगर पालिका परिषद गोबरा नवापारा के राजस्व विभाग, जल विभाग, विद्युत विभाग और स्वच्छता विभाग के समस्त अधिकारियों/ कर्मचारियों को बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में आपदा प्रबंधन के लिए स्टैण्ड बाय में रखा गया है. जिससे आम नागरिकों को होने वाली जानमाल की हानि से बचाव किया जा सके. इसके साथ ही समस्त नगरवासियों से अपील की जाती है कि अनावश्यक रूप से बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में जाने से बचें एवं अपनी जान को जोखिम में न डालें।
तेज बारिश में कोई सिस्टम काम नहीं करता: भूपेश
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने राजधानी रायपुर से उतई रवाना होने से पहले की मीडिया से चर्चा करते हुए हिंदी दिवस की बधाई दी। उन्होंने कहा कि आज दुनिया में अंग्रेजी के बाद सबसे ज्यादा बोली जाने वाली भाषा हिंदी है। मुख्यमंत्री ने लगातार हो रही बारिश पर कहा कि छत्तीसगढ़ में अच्छी बारिश से किसानों के चेहरे से चिंता की लकीरें खत्म हो गई हैं। किसानों खुश हैं, वे अपने खेतों में जाकर पानी रोकने का काम कर रहे हैं। कुछ स्थानों पर बाढ़ के हालात जरूर बनें हैं, लेकिन बाढ़ को लेकर हमारे अधिकारी सजग हैं। उन्होंने कहा कि जहां भी रेक्स्क्यू की जरूरत पड़ेगी, वहां प्रशासन की टीम तुरंत पहुंचेगी। राजधानी रायपुर में जलभराव पर सीएम भूपेश बघेल ने कहा है कि तेज बारिश होती है, तो कोई भी सिस्टम काम नही करता। ऐसे समय में सभी अपने घरों पर रुक जाएं, क्योंकि पानी जब भरा होता है तो पता नही चलता कि कहां गड्ढा, कहां पानी ज्यादा है। उन्होंने कहा कि जलभराव की स्थिति को नगर निगम को अधिकारियों को देखने की जरूरत है।
तीन साल में भूपेश सरकार और 15 साल में नगर निगम ने नहीं किया कोई काम: कौशिक
बीजेपी नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक ने बारिश के कारण सिस्टम के बंद होने और लोगों को अपने घरों में रुकने की सलाह देने वाले मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के बयान पर तीखा कटाक्ष किया है. कौशिक ने कहा कि मुख्यमंत्री का यह कथन अपनी सरकार की शर्मनाक विफलताओं की स्वीकारोक्ति है. कोरोना काल में केंद्र सरकार के लॉकडाउन के फैसले को लेकर प्रलाप करने वाले कांग्रेस के लोग अब मुख्यमंत्री के इस बयान पर मुंह में दही जमाकर बैठे हैं.धरमलाल कौशिक ने कहा कि यह सरकार पूरी तरह से अंतर्विरोधों की शिकार हो चली है. अभी दो दिन पहले ही प्रदेश सरकार के प्रवक्ता और मंत्री रवींद्र चौबे ने बीजेपी के 15 साल के शासनकाल की समस्याओं के लिए बीजेपी को कोसा था. अब मुख्यमंत्री सिस्टम फेल होने की बात कहकर लोगों से घरों में ही रुके रहने को कह रहे हैं. बारिश में भाजपा के तन-मन धुलने की फि़क्र करना छोड़ मुख्यमंत्री बघेल इस बात की चिंता करें कि इस मानसून की पहली तेज़ बारिश के पानी के साथ राजधानी के अधिकांश मुहल्लों-घरों, दुकानों और मॉल्स में पानी घुस गए हैं।