बिलासपुर। गुरू घासीदास विश्वविद्यालय (केन्द्रीय विश्वविद्यालय) के माननीय कुलपति महोदय प्रोफेसर आलोक कुमार चक्रवाल ने भारत सरकार के जनजातीय कार्य मंत्री अर्जुन मुंडा जी से भेंट की। कुलपति प्रो. चक्रवाल ने माननीय अर्जुन मुंडा जी का पुष्पगुच्छ प्रदान कर सम्मान किया।
कुलपति प्रोफेसर चक्रवाल ने कहा कि गुरु घासीदास केन्द्रीय विश्वविद्यालय छत्तीसगढ़ का एकमात्र केन्द्रीय विश्वविद्यालय है जो छत्तीसगढ़ राज्य के जनजातीय बाहुल्य क्षेत्रों एवं वनवासियों के उत्थान के लिए सक्रिय एवं सकारात्मक प्रयास कर रहा है। कुलपति महोदय ने माननीय मंत्री जी को अवगत कराया कि गुरु घासीदास केन्द्रीय विश्वविद्यालय वनांचल में निवासरत वनवासियों की भाषा, संस्कृति, ज्ञान परंपरा एवं लोक कलाओं को संरक्षित एवं संधारित करने के लिए क्लस्टर मोड में आईजीएनटीयू अमरकंटक, केन्द्रीय विश्वविद्यालय ओडिशा एवं केन्द्रीय विश्वविद्यालय झारखंड के साथ मुख्य भूमिका में नेतृत्व कर रहा है। विश्वविद्यालय के मानव विज्ञान एवं जनजातीय विकास विभाग तथा ग्रामीण प्रौद्योगिकी तथा सामाजिक विकास विभाग जनजातीयों के समेकित सामाजिक-आर्थिक विकास पर अधिक ध्यान केन्द्रित कर कार्य योजना पर विभिन्न प्रकल्पों के माध्यमों से कार्य कर रहे हैं।
कुलपति प्रोफेसर चक्रवाल ने स्वतंत्रता संग्राम के जनजातीय गौरव भगवान बिरसा मुंडा जी पर संपादित पुस्तक पर भी विस्तार से चर्चा की। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय में भगवान बिरसा मुंडा की 147वीं जयंती के अवसर पर दूसरे जनजातीय गौरव सप्ताह का सफलतापूर्वक आयोजन किया गया। भगवान बिरसा मुंडा का जीवन पराक्रम और उच्च आदर्श नैतिक मूल्यों का संदेश देता है जिसे युवाओं तक पहुंचाने का उत्तरदायित्व हमारा है। विश्वविद्यालयों के प्रयासों की माननीय मंत्री मुंडा ने सराहना की।
विश्वविद्यालय द्वारा भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन के जनजातीय नायकों पर तैयार की जा रही पुस्तक के विषय में कुलपति प्रोफेसर चक्रवाल ने जानकारी प्रदान की। उन्होंने बताया कि ऐसे स्वंत्रता संग्राम सेनानी जिनके योगदान को भुला दिया या दर्ज ही नहीं किया गया है, को विश्वविद्यालय शोध अध्ययन एवं विश्लेषण करने के उपरांत पुस्तक के माध्यम से समुचित प्रतिष्ठाता एवं सम्मान दिलाने का प्रयास कर रहा है।