मंत्रालय से शिक्षा विभाग के अवर सचिव आरपी वर्मा ने जो निलंबन आदेश जारी किया है, उसमें स्पष्ट लिखा है कि प्राचार्य ढिमोले कई - कई दिनों तक अनुपस्थिति रहती थीं। इसके बाद भी हाजिरी रजिस्टर में एक साथ हस्ताक्षर कर देती थीं। स्कूल के छात्र - छात्राओं, शिक्षकों व कर्मचारियों से उनका व्यवहार बहुत ही अशोभनीय व अभद्र है। उनका यह कृत्य सिविल सेवा आचरण नियम की के विपरीत गंभीर कदाचरण की श्रेणी में आता है। इस वजह से उन्हें तत्काल प्रभाव से निलंबित किया जाता है। निलंबन अवधि में उनका मुख्यालय संभागीय संयुक्त संचालक शिक्षा कार्यालय तय किया गया।
निलंबन आदेश जारी करने के 24 घंटे के भीतर ही 25 अप्रैल को अवर सचिव आरपी वर्मा ने फिर एक नया आदेश जारी किया। इसमें डॉ. राज ढिमोले को बहाल कर शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय जोरा में ही फिर से पदस्थ कर दिया गया। पुराना आदेश 24 घंटे में ही वापस ले लिया गया। जबकि उन पर कदाचरण के गंभीर आरोप हैं।