Durg. दुर्ग। भारत सरकार केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्री अन्नपूर्णा देवी द्वारा आज विज्ञान भवन दिल्ली से बाल विवाह मुक्त भारत अभियान कार्यक्रम का शुभारंभ किया गया। बाल विवाह मुक्त भारत अभियान के तहत छत्तीसगढ़ के दुर्ग जिले में बाल विवाह रोकथाम और जागरूकता फैलाने के उद्देश्य से कई कार्यक्रमों का आयोजन किया गया। इन आयोजनों में समाज के हर वर्ग को शामिल कर बाल विवाह जैसी कुप्रथा के खिलाफ सशक्त कदम उठाने का संदेश दिया गया। संपूर्ण राज्य की भांति जिले दुर्ग में भी बाल विवाह मुक्ति हेतु अभियान चलाया जा रहा है।
इसी के परिपालन में समस्त विद्यालयों एवं पंचायतों में बच्चों एवं ग्रामीणजनों को बाल विवाह मुक्ति हेतु शपथ दिलाई जा रही है, इस संबंध में व्यापक प्रचार प्रसार किया जा रहा है। इसी कड़ी में पाटन स्थित ऑडिटोरियम में दुर्ग कलेक्टर ऋचा प्रकाश चौधरी द्वारा पाटन में समस्त विद्यालयों के प्राचार्य तथा संकुल समन्वयकों को बाल विवाह मुक्त अभियान अंतर्गत शपथ दिलाई गई। इस दौरान जिला शिक्षा अधिकारी, खंड शिक्षा अधिकारी अनुविभागीय अधिकारी पाटन लवकेश ध्रुव, परियोजना अधिकारी पाटन सुमीत गंडेचा उपस्थित थे।
विशेष ग्राम सभाओं का आयोजन
दुर्ग जिले के विभिन्न ग्राम पंचायतों में बाल विवाह रोकथाम हेतु विशेष ग्राम सभाओं का आयोजन किया गया। इन सभाओं में जन प्रतिनिधियों, पंचायत प्रतिनिधियों, सामाजिक कार्यकर्ताओं और ग्रामीणों ने हिस्सा लिया। सभा के दौरान बाल विवाह के दुष्प्रभावों पर चर्चा की गई और इसे रोकने के लिए सामूहिक प्रयास करने की शपथ ली गई।
स्कूल-कॉलेजों में शपथ ग्रहण कार्यक्रम
जिले के विभिन्न स्कूलों और कॉलेजों में विद्यार्थियों को बाल विवाह के खिलाफ जागरूक किया गया। इस अवसर पर शिक्षकों और विद्यार्थियों ने बाल विवाह रोकथाम की शपथ ली। विद्यार्थियों को यह भी समझाया गया कि बाल विवाह न केवल बच्चों के अधिकारों का उल्लंघन है, बल्कि यह उनके शारीरिक, मानसिक और शैक्षिक विकास में भी बाधा डालता है।
शासकीय एवं अशासकीय संस्थानों में सहभागिता
दुर्ग जिले के विभिन्न शासकीय और अशासकीय संस्थानों में बाल विवाह विषय पर चर्चा आयोजित की गई। संस्थानों के कर्मचारियों ने बाल विवाह मुक्त समाज बनाने की शपथ ली और इस दिशा में सक्रिय भूमिका निभाने का संकल्प लिया।
आंगनबाड़ी केंद्रों में चर्चा और शपथ ग्रहण
जिले के सभी आंगनबाड़ी केंद्रों में परियोजना अधिकारियों एवं सेक्टर सुपरवाइजरों, आँगनबाड़ी कार्यकर्ता के उपस्थिति में बाल विवाह के मुद्दे पर विशेष चर्चा की गई। माता-पिता, देखभाल करने वालों और बच्चों को बाल विवाह के दुष्प्रभावों के बारे में जागरूक किया गया। उपस्थित सभी लोगों ने बाल विवाह रोकने के लिए अपनी प्रतिबद्धता जाहिर करते हुए शपथ ली।
आवासीय विद्यालयों और छात्रावासों में जागरूकता
दुर्ग जिले के आवासीय विद्यालयों और छात्रावासों में भी इस अभियान के तहत जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किए गए। विद्यार्थियों और अधीक्षकों ने मिलकर बाल विवाह के खिलाफ अपनी आवाज बुलंद की और इसे रोकने के लिए एकजुट होने की शपथ ली।
प्रशासन की अपील
दुर्ग जिले के प्रशासन ने सभी नागरिकों से अपील की है कि वे बाल विवाह जैसी कुरीति के खिलाफ खड़े हों और इसे रोकने के लिए प्रशासन का सहयोग करें। बाल विवाह रोकथाम हेतु शिकायत दर्ज कराने के लिए हेल्पलाइन नंबर 1098 जारी किया गया है। दुर्ग जिले के इन आयोजनों ने बाल विवाह मुक्त भारत के लक्ष्य को प्राप्त करने की दिशा में एक मजबूत कदम बढ़ाया है। प्रशासन और समाज के सामूहिक प्रयास से जिले को बाल विवाह मुक्त बनाने का सपना साकार होगा।