रायपुर के मार्केट में नकली उत्पादों का कब्जा

Update: 2021-11-22 05:54 GMT
  1. यहां ब्रांडेड कंपनियों के नकली सामान मिलते हैं मुंह मांगे दाम पर, संबंधित विभाग और पुलिस नींद में
  2. दैनिक जीवन के उपयोग में आने वाली सभी आवश्यक सामग्री नकली
  3. सौंदर्यप्रसाधन के नकली सामान मेंस सेलून और ब्यूटीपार्लर, स्पॉ में हो रही सप्लाई
  4. गुटखा, शराब, बिड़ी ,सिगरेट, गुड़ाखू, गांजा, भांग, अफीम, चरस और हुक्का का तम्बाखू,ब्रांडेड कंपनियों के कपड़े का हो रहा नकली उत्पादन
  5. मिनरल वाटर, खोवा, मिटाई, ब्रांडेड कंपनियों के चाय, दाल-चावल सहित खाने-पीने के नकली पैकेजिंग वाले उत्पाद खप रहा धड़ल्ले से
  6. नकली दवाइयों के साथ मोबाइल, इलेक्ट्रानिक्स गुड्स, एलईडी, प्रेस, इमरशन रॉड,बल्ब, बिजली के घरेलू स्वीच बोर्ड, सॉटेक-प्लग, वायर मार्केट में, गुणवत्ता जांचने वाले गहरी नींद में
  7. पुलिस को झांसा देने असामाजिक तत्व करते है सुधरने का नाटक, छोटी-मोटी दुकान खोलकर चलाते है नकली सामनों की बिक्री का सिंडिकेट
  8. जनता से रिश्ता की खबर सच साबित भी हुई - बड़ी कंपनियों को चूना लगाने डुप्लीकेट प्रोडक्ट का अंधा मार्केट बड़ी और नामचीन कंपनियों के हूबहू ट्रेडमार्क की नकल, नकली मिनरल वाटर सहित चिप्स, नड्डा, कुरकुरे, बिस्किट, चाय, काफी कोल्डड्रींक्स, साबुन, तेल, पेस्ट, डियो, फेस पैक, नेल पालिश, ब्यूटी-प्रोडक्ट, ब्लेड, शैंपू, काजू, किसमिश, लौैंग इलायची, दवाई को भी नहीं बख्श रहे। घरेलू व डेली उपयोग की नकली सामान बनाने की तिल्दा, नेवरा, भाटापारा, जांजगीर-चांपा, नैला रायगढ़, सिलतरा, मंदिर हसौद, धमतरी महासमुंद, दुर्ग-भिलाई, जगदलपुर-कांकेर में फैक्ट्रियां साप्ताहिक ग्रामीण बाजार से लेकर बड़े जिलों के मुख्य बाजारों में खपाने का गोरखधंधा कम पूंजी लगाकर रातों-रात अरबपति बनने के खेल में रसूखदारों व छुटभैय्ये नेताओं की बड़ी भूमिका है। जहां एक सिंडिकेट देश की बड़ी कंपनियों को फेल करने के इरादे से धड़ाधड़ नकली उत्पाद कर प्रदेश के बड़े बाजारों से लेकर गांव कस्बों में खपा रहा है।  

जसेरि रिपोर्टर

रायपुर। जनता से रिश्ता पिछले कई महीनों से नकली सामानों और जुआ, सट्टा, गांजा, भांग अफीम, चरस और हुक्का बारों के अलावा नशीली वस्तुओं को रोकने के लिए जन सरोकार के पक्ष में लगातार समाचार प्रकाशित करते आ रहा है। यह ऐसी सामाजिक बुराई है जिसमें युवा पीढ़ी के लड़के-लड़कियां एक बार इस दलदल में फंसने के बाद बर्बाद होकर ही रहते हैं ऐसा भी देखा गया है कि नशे के गिरफ्त में आने के बाद संभ्रात घरों की लड़कियां भी रोड छाप आवारा लड़कों के साथ घर छोड़कर चली गई है। जिसके कारण परिवार को शर्मिंदगी झेलनी पड़ रही है। बच्चे अपनी लत को छुपाते रहते है, जब तक घर वालों को मालूमात होती है देर हो चुकी होती है। नशे के कारोबारियों का जाल समाज में ऐसा फैला हुआ है जो हर घर के युवाओं को अपनी जद में ले लिया है। ग्लेमर और टशन दिखाने के लिए युवक परिवार से हटकर जन्मदिन के नाम पर हुक्काबारों में पार्टी का आयोजन करते हैं और जबरन नशे के लिए एक दूसरे युवा को फोर्स करते हैं। जनता से रिश्ता अपनी सामाजिक दायित्व को समझते हुए इसके खिलाफ लगातार मुहिम चला रहा है।

पुलिस को झांसा देने कारोबार बदलतेे रहते है असामाजिक तत्व

शासन तथा पुलिस प्रशासन की सख्ती के बाद असामाजिक तत्व पुलिस को झांसा देने के लिए कारोबार बदलतेे रहते है। नशीले पदार्थ के साथ नकली सामान बेचने के धंधा में भी हाथ डाल दिया है। नशे के कारोबारियों ने अब नकली सामानों का जाल छत्तीसगढ़ में बिछा रखा है। खाने-पीने से लेकर दवाइयों को भी नक्कालों ने नहीं छोड़ा है। जन स्वास्थ्य से खिलवाड़ करके ये लाखों रूपये मुनाफा कमा रहे हैं। जनता से रिश्ता ने इसका खुलासा करते हुए खबर प्रकाशित किया था कि नक्कालों ने संक्रमण काल में रेमडेसिविर को भी नहीं छोड़ा वनांचल और दूरस्थ गांवों में इन्होंने फैक्ट्री बना रखी है, जहां धड़ल्ले से नकली सामानों का निर्माण फैक्ट्रियों में हो रहा है जहां पुलिस और प्रशासन का पहुंचना आसान नहीं, पगडंडी को बना लिया है सड़क, गांव वालों को रोजगार देने के नाम पर सस्ते में खरीद रखी है जमीन या दे रखा है कर्ज। देखा जाये तो देश के नामचीन ब्रांडेड और बड़ी कंपनियों के नकली उत्पाद का गढ़ छत्तीसगढ़ बन चुका है। मजे की बात ये है कि ये सारी चीजें रायपुर और उसके आसपास मसलन तिल्दा-नेवरा, भाटापारा, दुर्ग, भिलाई, चकरभाटा के आलावा राजधानी से दूर-दराज के शहरों और कस्बों में बहुतायत से बनाया जा रहा है। इन सभी नकली सामानों की फैक्ट्रियां इन जगहों में ही है। जहां से पूरे छत्तीसगढ़ में नकली सामानों की सप्लाई बड़े पैमाने पर होती है। जिसके चलते लोगों की स्वास्थ्यगत परेशानियां ज्यादा ही गंभीर रूप लेती जा रही है। सबसे ज्यादा चिंता की बात यह है कि बाजार में बिकने वाले नकली सामानों में एक बड़ा हिस्सा दवाओं और रोजमर्रा के जरूरत की चीजों यानी एफएमसीजी प्रोडक्ट्स का भी है।

डुप्लीकेट कॉम्पैक्ट फाउंडेशन लैक्मे क्रीम,काजल मार्केट में

सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक रायपुर में डुप्लीकेट प्रोडक्ट जैसे कॉम्पैक्ट फाउंडेशन लैक्मे क्रीम,काजल मार्केट में आया हुआ है। जिसका सबसे बड़ा गढ़ रायपुर का तेलीबांधा क्षेत्र को माना जाता है, वहां से ही पूरे छत्तीसगढ़ में स्टॉक भेजा जाता है। चिकित्स्कों की माने तो इस नकली प्रोजेक्ट से स्किन प्रॉब्लम होगा। जिससे स्किन कैंसर भी हो सकता है। हालांकि शहरी व्यापारियों का कहना है, नकली सामने के सौदागरों पर कड़ी से कड़ी करवाई होना ही चाहिए।

नकली सामानों की भरमार

नक्कालों ने आम लोगों की जिंदगियों को खतरे में डालने का काम किया है। रिपोर्ट के मुताबिक जिन चीजों के बाजार में नकली सामानों की सबसे ज्यादा भरमार हो गई है, उनमें दवाओं के अलावा एफएमसीजी प्रोडक्ट, अल्कोहल और तंबाकू, बोतल बंद पानी, वाहनों में उपयोग में आने वाले आइल के आलावा काजू बादाम तक नकली बिक रहे हैं।

छुटभैय्ये एवं राष्ट्रीय स्तर के व्यापारी नेता भी सक्रिय

आरोपियों को छुड़ाने छुटभैय्ये नेता एवं राष्ट्रीय स्तर के व्यापारी नेताओं के सक्रिय हो जाने के कारण पुलिस भी कुछ नहीं कर पाती, जबकि इनका कृत्य एक गंभीर अपराध की श्रेणी में आता है। जनस्वास्थ्य के साथ ये खिलवाड़ कर रहे हैं।

जनता को धीमा जहर देने की साजिश

छह महीने पहले हिंदुस्तान लिवर लिमिटेड का भारी मात्रा में नकली चायपत्ती और क्रीम का जखीरा गोलबाजार पुलिस ने बरामद किया था आरोपी व्यापारी के खिलाफ अपराध भी दर्ज किया गया था । इस मामले में भी छुटभैये नेताओं का थाने में दखल था। देखा गया है कि रायपुर से ही सभी बड़े कंपनियों के नकली उत्पाद प्रदेश के बड़े मार्केट से लेकर गांवों, कस्बों के साप्ताहिक हाट-बाजारों में नकली माल खपाया जा रहा है। बड़े कंपनियों को बदनाम कर उसके ब्रांड वैल्यू को खत्म करने की सभी प्रकार की कोशिश छत्तीसगढ़ में हो रही है, उनके ब्रांड के नाम से अवैध रूप नकली और अमानक उपभोक्ता वस्तु को आम जनता को बेच कर जनता के स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है। यह दुर्भाग्य है कि छत्तीसगढ़ की जनता को धीमा जहर देने की साजिश को देखते हुए भी सक्षम विभाग मूक दर्शक बना हुआ है।

गंभीर बीमारियों ने घेरा आमजनों को

प्रदेश के सभी विभाग मिलकर नकली उपभोक्ता सामानों के लिए कोई भी कानूनी कार्रवाई नहीं करता और उपभोक्ताओं को नकली सामान खाने के लिए विवश किया जा रहा है। जिसके कारण छत्तीसगढ़ के लोगों को सिकलसेल, कुपोषण, लकवा, चर्म रोग, किडनी और लिवर जैसे घातक गंभीर बीमारियों जिंदगी भर झेलना पड़ता है।  

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