इंस्टाग्राम पर पुलिस कप्तान और पत्रकार को दी गाली, एफआईआर
सोशल साइट पर छींटाकशी, ब्लेकमेलिंग के बढ़ रहे मामले
जसेरि रिपोर्टर
रायपुर। इंस्टाग्राम पर पुलिस कप्तान और पत्रकार को अपशब्द कहकर गाली-गलौज करने वाले अज्ञात शख्स के खिलाफ आखिरकार पुलिस ने एफआईआर दर्ज कर लिया। 17 दिनों की जांच के बाद इस मामले में पुलिस ने आईटी एक्ट की धारा 67 के तहत अपराध पंजीबद्ध किया है। रायपुर में साइबर अपराध के कई मामले लगातार सामने आ रहे हैं। इस मामले में एक पत्रकार को इंस्टाग्राम में आईडी बनाकर गाली गलौच किया गया। इंस्टाग्राम यूजर ने रायपुर पुलिस कप्तान अजय यादव को भी गाली दी। इस मामले के पूरे स्क्रीनशॉर्ट पत्रकार के पास मौजूद है। पत्रकार के पास गाली-गलौज के सभी मैसेज के स्क्रीनशॉट मौजूद है। जिसमे में रायपुर शहर के पुलिस कप्तान को भी अभद्र व्यवहार से गाली दी गई। जिसे प्रकाशित करना हमारे प्रतिष्ठा के अनुरूप नहीं है।
शहर में साइबर अपराध बढे है: जिले में साइबर क्राइम का ग्राफ लगातार बढ़ता जा रहा है। विभिन्न थानों में आए दिन इससे संबंधित मामले दर्ज कराए जाते रहे हैं। संसाधन के अभाव में किसी मामले का पर्दाफाश करने में पुलिस को सफलता नहीं मिल पा रही है। हालांकि, जिला पुलिस ने साइबर क्राइम मॉनिटरिग के लिए साइबर सेल का गठन भी किया है, लेकिन अनुसंधान को अपेक्षिक गति नहीं मिल पा रही है। पकड़े जाने का भय नहीं रहने से साइबर अपराधी बेखौफ घटना को अंजाम दे रहे हैं। किसी भी व्यक्ति का सोशल मीडिया फेक आईडी बनाकर दूसरों को मेसेज करना, लोगों से गाली-गलौज, बैंक की ओटीपी पूछ कर खातों से पैसे पार कर देना। आजकल ऐसे साइबर अपराध काफी बढ़ गए है और संसाधनों की कमी से पुलिस साइबर अपराधियों तक पहुंचने में विलंब कर देते है।
युवा सोशल मीडिया में रहते एक्टिव
इंटरनेट का इस्तेमाल करने वालों को अब साइबर क्राइम की समस्या का अंदाजा भी होने लगा है। हर दिन ईमेल, फेसबुक अकाउंट, कंप्यूटर, क्रेडिट कार्ड या नेटबैंकिंग अकाउंट से जुड़ी साइबर क्राइम की सैकड़ों खबरें आती हैं। आज के जमाने में एक अलर्ट कंप्यूटर यूजर को साइबर क्राइम का शिकार होने की स्थिति में अपने अधिकारों, उठाए जाने वाले कदमों और गलत तत्वों को सबक सिखाने का रास्ता मालूम होना चाहिए। लेकिन आजकल के युवा ईमेल, फेसबुक, इंस्टाग्राम, व्हाट्सएप का ज्यादा इस्तेमाल करते है। जिसकी वजह से उनके साथ ठगी होने का डर हमेशा बना रहता है।
साइबर टीम का हर जिले में गठन
साइबर अपराधों से निपटने के लिए जिले में बकायदा साइबर अपराध नियंत्रण टीम का गठन किया गया है। साइबर अपराध के प्रति आम जन को जागरूक करने के लिए सोशल मीडिया से लेकर संचार के अन्य माध्यमों द्वारा लगातार जागरूक किया जा रहा है।
चाइल्ड पोर्नोग्राफी के मामले में एक और गिरफ्तारी
सोशल मीडिया पर महिला और बच्चों का अश्लील वीडियो डालने के मामले में पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार किया है। आरोपी को रिमांड पर भेज दिया गया है। मिली जानकारी के अनुसार अनमोल केशरवानी उम्र 21 साल साकिन तिल्दा थाना तिल्दा नेवरा के द्वारा महिला और बच्चे का अश्लील वीडियो सोशल मीडिया के माध्यम अपलोड करता था। इस पर आरोपी के विरुद्ध थाना तिल्दा नेवरा में अपराध धारा 67, 67(क्च) आई.टी. एक्ट पंजीबद्ध कर गिरफ्तार किया गया। मंगलवार को आरोपी को न्यायिक रिमांड पर भेज गया।
साइबर क्राइम पुलिस के लिए चुनौती
साइबर अपराध का बढ़ता ग्राफ पुलिस के लिए चुनौती बन गया है। शातिर अपराधी नए-नए तरीके से लोगों को झांसे में लेकर ठगी का शिकार बना रहे हैं। इन शातिरों को गिरफ्त में लेने के लिए पुलिस अधिकारियों-कर्मचारियों को विवेचना का स्तर बढ़ाना होगा। रायपुर में साइबर अपराध बढ़ते जा रहे है।
लोग ठगियों के झांसे में आकर अपना सब कुछ लूटा रहे है। बैंक खातों से पैसे की अवैध निकासी के मामले सबसे ज्यादा सामने आ रहे हैं।
ऑनलाइन ठगी: नंबर ब्लॉक करने का झांसा देकर महिला अधिकारी से ठगी
रायपुर (जसेरि)। मंत्रालय में आपदा प्रबंधन विभाग में पदस्था महिला अधिकारी ऑनलाइन ठगी की शिकार हो गई। उनके फोन में सिम ब्लॉक का मैसेज आया। उसमें एक नंबर था। महिला ने उस नंबर पर कॉल किया। फोन रिसीव करने वाले ने कहा उन्हें एक लिंक भेजा जा रहा है, जिसमें 10 रुपए का रिचार्ज करना होगा। महिला ने एटीएम कार्ड से ऑनलाइन रिचार्ज कर दिया। उसके बाद उनके खाते से 2 किश्त में 81 हजार निकाल लिए गए। उनके फोन पर जब ट्रांजेक्शन का मैसेज आया तब उन्हें ठगी का पता चला।
आजाद चौक पुलिस ने बताया कि कंकालीपारा निवासी तिलोत्तमा सोनी मंत्रालय में आपदा प्रबंधन विभाग में पदस्थ हैं। उनके फोन पर 8 मई को एक मैसेज आया, जिसमें उनका सिम ब्लॉक करने का झांसा दिया गया था। नंबर को चालू करवाने के लिए फिर से प्रक्रिया करने को कहा गया। इसके लिए संपर्क करने एक मोबाइल नंबर दिया गया था। महिला अफसर ने उस नंबर पर फोन किया, लेकिन ठग ने फोन रिसीव नहीं किया। 20 मिनट बाद महिला के पास उसी नंबर से फोन आया। उन्हें एक लिंक भेजा गया। उसमें 10 रुपए जमा करने को कहा गया। लिंक खोलने पर एनीडेस्क एप डाउनलोड हो गया। महिला ने उसमें 10 रुपए ऑनलाइन जमा कर दिए। ठग ने कहा कि उनके पास पैसा नहीं आया, दूसरे खाते से जमा करें। महिला ने अपने दूसरे खाते से फिर दस रुपए जमा कर दिए। उसके बाद दोनों खाते से 81 हजार रुपए निकाल लिए गए।
पीडि़त महिला ने सायबर सेल में शिकायत की है। उसके बाद आजाद चौक थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई गई। ठगों ने ई-वॉलेट में पैसा ट्रांसफर किया था, जिसे निकाल लिया है। हालांकि पुलिस ने ट्रांजेक्शन रोकने के लिए मेल किया है।