रवि-आसिफ गैंग पर हाथ नहीं डाल रही पुलिस!

Update: 2022-02-25 05:05 GMT

प्रबंध संपादक - पप्पू फरिश्ता 

ड्रग पैडलर्स के खिलाफ नारकोटिक्स सेल का चौतरफा अभियान, धरे जा रहे तस्कर

जसेरि रिपोर्टर

रायपुर। प्रदेश में नशीले पदार्थों की तस्करी रोकने के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के निर्देश के बाद 28 जिलों में नारकोटिक्स सेल गठित करने के बाद पुलिस धड़ाधड़ कार्रवाई कर तस्करों के हौसले पस्त कर दी है। वहीं हैरानी की बात यह है कि राजधानी में रवि और आसिफ गैंग बिना रोक-टोक नशीले पदार्थों की तस्करी को अंजाम दे रहा है। राजधानी में भी पुलिस तस्करों के कई ठिकानों में छापामार कर तस्करों के गुर्गों को पकड़ कर उनके पास लाखों रुपए के मादक पदार्थ जब्त कर आरोपियों को जेल भेजा है। राजधानी में गठित नारकोटिक्स सेल अब तक दोनों मुख्य सरगना के ठिकानों तक नहीं पहुंच पाई है। जबकि पूरे प्रदेश के जिलों में नारकोटिक्स सेल स्थानीय स्तर पर मादक पदार्थो की तस्करी रोकने में एड़ी-चोटी की जोर लगा दी है। राजधानी में तस्करों के मुख्य सरगना का अब तक नहीं पकड़ा जाना चर्चा का विषय बना हुआ है। नारकोटिक्स सेल गठित होने के तुरंत बाद स्थानीय तस्करों के गुर्गों ने पुलिस को चुनौती देते हुए ऐलान किया था कि पुलिस कोई भी सेल गठित कर ले हमारा कोई कुछ नहीं बिगाड़ सकता,यह बात अक्षर: सच साबित हो रही है। दूसरी ओर राज्य में नशीली दवाओं का कारोबार भी लगातार बढ़ रहा है। हाल ही में जितनी भी कार्रवाई हुई है उन ज्यादातर मामलों में बड़ी मात्रा में नशीली दवाइयां जब्त हुई है।

5 हजार करोड़ का कारोबार

राज्य में दवा का 5 हजार करोड़ से ज्यादा का थोक और चिल्हर कारोबार हो रहा है। छत्तीसगढ़ में ओडिशा और आंध्र के दवा कारोबारी भी आते हैं। बाहरी कारोबारियों का यहां के कुछ लोकल दवा कारोबारियों के साथ कनेक्शन हो गया है। दूसरे राज्य के कारोबारी भी दो नंबर में कारोबार कर रहे हैं।

53 दिन में 16 मामले दर्ज

पुलिस अब तक केवल 53 दिनों में नशीली दवाइयों और ड्रग्स की तस्करी करने वाले 27 से ज्यादा तस्करों पर 16 केस दर्ज किया है। इसमें सबसे ज्यादा कार्रवाई टिकरापारा इलाके में 5 की गई है। सिर्फ 11 थानों में ही इस साल तस्करों के खिलाफ केस दर्ज किया गया है। इसमें भी पुलिस सिर्फ तस्करों को पकड़ पाई है।

बार्डर के शहर बने डंपिंग यार्ड

नारकोटिक सेल को जो क्लू मिला है, उसके अनुसार दूसरे राज्यों से प्रतिबंधित दवाइयों मंगवाने वाले कारोबारियों ने शहर के आउटर या बॉर्डर वाले शहर स्टॉक डंप करवा रहे हैं। दिखावे के लिए उन्होंने छोटे-छोटे मेडिकल स्टोर खोलकर रखें हैं, ताकि किसी को शक न हो और उनका कारोबार चलता रहे। पुलिस ने पिछले साल ऐसे ही नेटवर्क का पर्दाफाश किया था। अम्लेश्वर, कुम्हारी और भिलाई के तीन स्टोर में छापे मारे गए थे। उन छोटी छोटी दुकानों से हर महीने लाखों की दवाइयां सप्लाई होती थी।

प्रदेश भर में अभियान, एनडीपीएस के तहत 23 मामले दर्ज

नशीली दवा के अवैध कारोबार के खिलाफ प्रदेश भर में चलाए गए अभियान में एनडीपीएस के 23 मामले दर्ज किए गए। इनमें 2 हजार 32 किलो गांजा जब्त किया गया। इसी तरह अवैध शराब बेचने वालों के खिलाफ 1072 मामले दर्ज कर 3 हजार 65 लीटर अवैध शराब जब्त की गई। सीएम भूपेश बघेल ने हाल ही में डीजीपी को नशीले पदार्थों के अवैध कारोबारियों के खिलाफ कार्रवाई के निर्देश दिए थे। इसके बाद से ही सभी जिलों में गांजा, ब्राउन शुगर, नशीली दवाएं एवं अवैध शराब का कारोबार करने वाले अपराधियों के खिलाफ कार्रवाई की गई।नशीली दवाओं के अंतरराज्यीय तस्कर शेख महमूद एवं रवि नारायण को गिरफ्तार कर 15 किलो 500 ग्राम गांजा, 240 ग्राम चरस एवं बड़ी मात्रा में नशीली दवाएं बरामद की। आरोपियों ने ओडिशा के तापस कुमार परेश एवं समीर कुमार से नशीली सामग्री लाने की जानकारी दी। इसके बाद रायपुर पुलिस ने ओडिशा जाकर आरोपियों को गिरफ्तार किया। दोनों के पास से 5630 नाइट्रोजन एवं 26400 अल्फाजोलम तथा 3100 पेंटाजोसिन जब्त कर गई।शेष7पेज 11 उनके पास से प्रतिबंधित नशीले इंजेक्शन सहित 50 लाख के नशीले पदार्थ जब्त किये गये। इसी तरह महेन्द्र पटेल को ब्राउन शुगर तथा साढ़े 11 लाख की नशीली दवाइयों के साथ पकड़ा गया। वहीं राजनांदगांव पुलिस ने पुखराज चंदेल नाम के अंतर्राज्यीय तस्कर का पकड़कर उसके पास से 22.96 लाख का 371 किलो गांजे के साथ उसके द्वारा नशे का सामान बेचकर खरीदे गए 57 तोला सोने के जेवर जिसकी कीमत लगभग 25 लाख रुपए आंकी गई उसे जब्त किया गया। नशीला पदार्थ बेचकर रखे गए 12 लाख 48 हजार 4 सौ रुपए भी रू. जब्त किए गए। अभियान के दौरान दुर्ग पुलिस ने ब्राउन शुगर की तस्करी करने वाले मोहम्मद वाहिद, पृथ्वी सिंह एवं प्रिंस उर्फ गौतम महार को गिरफ्तार किया गया जिनसे 5 लाख रू. मूल्य के ब्राउन शुगर बरामद किया गया। महासमुंद पुलिस ने हितेश चंद्राकर को गिरफ्तार कर बड़ी संख्या में नशीली दवाएं बरामद की गईं।

राजनीतिक और पुलिसिया संरक्षण में राजधानी में नशे का कारोबार

जिलों में नारकोटिक्स सेल गठित होने के बाद नशा के सौदागरों पर धड़ाधड़ कार्रवाई हो रही है। सेल के गठन के बाद पुलिस एकदम से सक्रिय हो गई है जबकि इससे पहले लगातार तस्करी के बाद भी पुलिस नशा परोसने वाले तस्करों पर कार्रवाई से लगातार बचती रही थी। सिर्फ उन्ही तस्करों पर कार्रवाई हो पार रही थी जो अपनी गलती से जाल में फंस रहे थे। रायपुर नारकोटिक्स सेल की टीम ने उड़ीसा से एक बड़े ड्रग तस्कर को पकड़ कर लाई है लेकिन स्थानी तस्कर जिन्होंने यहां नशे का बीज डाला और गली-मोहल्लों के युवकों और शौकीनों को उसकता लत डाला उन पर पुलिस आज भी हाथ डालने से बच रही है। जनता से रिश्ता ने लगातार राजधानी में गांजा-शराब और ड्रग परोसने वाले कई नशा के सौदागरों को एस्सपोज किया है लेकिन इनकी धरपकड़ राजनीतिक संरक्षण और पुलिस बिरादरी से संबंध के चलते इन पर कार्रवाई नहीं हो रही है। राजधानी में रवि और आसिफ का गैंग सालों से मादक पदार्थों की तस्करी और धंधे में सक्रिय है लेकिन इन पर आजतक अंकुश नहीं लगा है। राजधानी में नारकोटिस्क सेल गठन होने के बाद एसएसपी के नेतृत्व में लगातार कार्रवाई तो कर रही है, लेकिन गुर्गों को ही पकड़ रही है। मुख्य सरगना तक तो पुलिस पहुंच ही नहीं पा रही है। पुलिस के भी संज्ञान में है कि राजधानी में किसके इशारे पर अवैध कारोबार का साम्राज्य संचालित हो रहा है। छोटे-मोटे पुडिय़ाबाजों पर पुलिस कहर तो बरपा रही है, लेकिन उनके आकाओं को कैसे बख्श रही है या उनके ठिकानों तक कैसे नहीं पहुंच पा रही है यह चिंतनीय विषय है। नारकोटिस्क सेल के गठन के बाद अपराधियों के हौसले तो जरूर पस्त हुए है, लेकिन तस्करों के सेहत पर इसका कोई असर अभी तक दिखाई नहीं दे रहा है। वे बेखौफ होकर अपने काम को अंजाम दे रहे है।

कार से हो रही थी तस्करी, नशीली कफ सिरप की बड़ी खेप पकड़ाया

बिलासपुर सिरगिट्टी पुलिस ने प्रतिबंधित कोडिऩ सिरप का जखीरा बरामद किया है। पुलिस के अनुसार बरामद कोडीन की कीमत करीब सवा दो लाख रूपयों से अधिक है। आरोपी अजय राठौर को गिरफ्तार किया गया है। आरोपी के पास कोडीन परिवहन में उपयोग किए गए वाहन को भी जब्त किया गया है। आरोपी के खिलाफ पुलिस ने धारा 21,22 एनडीपीएस एक्ट के तहत अपराध दर्ज किया है। पुलिस कप्तान पारूल माथुर ने खुलासा किया कि जिला पुलिस टीम ने बड़ी कार्रवाई कर भारी मात्रा में कोडिन सिरप का जखीरा बरामद किया है। पुलिस अधिकारियों से मुखबीर से जानकारी मिली कि एक व्यक्ति सफेद रंग कार की डिग्गी में कोडिन रखकर परिवहन कर रहा है।सूचना पर थाना सिरगिट्टी पुलिस और नारकोटिक्स सेल की संयुक्त टीम ने धर पकड़ की योजना तैयार किया। नया बस स्टैण्ड के पास घेराबंदी कर मुखबीर के बताये सूचना पर सफेद रंग की डिजायर कार को पकडा गया। पारूल माथुर ने बताया कि मौके पर कार के अन्दर एक व्यक्ति बैठा मिला। पूछताछ करने पर अपना नाम अजय राठौर पिता गणेशराम राठौर उम्र 23 वर्ष निवासी कोसमंदा थाना चाम्पा जिला जांजगीर चाम्पा का बताया। जांच पड़ताल के दौरान कार से कुल 750 नग प्रतिबंधित कोडिन कफ सिरप बरामद किया गया। पूछताछ करने पर आरोपी ने बताया कि पार्सल मंगाने के बाद नशे का सामान आस-पास ब्रिकी करता है। आरोपी के कब्जे से कुल 750 नग प्रतिबंधित कोडिन कफ सिरप और डिजायर कार को जब्त किया गया। एनडीपीएस एक्ट का अपराध दर्ज कर आरोपी को गिरफ्तारी के बाद न्यायालय के हवाले किया गया है। कार्यवाही में निरीक्षक सुरेन्द्र स्वर्णकार, उप.निरी.़ सागर पाठक थाना प्रभारी सिरगिट्टी, उप.निरी. मनोज नायक थाना प्रभारी चकरभाठा, उप.निरी. प्रसाद सिन्हा साइबर सेल, सउनि शीतला प्रसाद त्रिपाठी, प्र.आर. 1339 मनोज राजपूत थाना सिरगिट्टी आरक्षक हेमन्त सिंह, अतुल सिंह, दीपक उपाध्याय, सत्य पाटले, विवेक राय, देव भोषले एवं सुरेन्द्र पटेल की प्रमुख भूमिका रही।

आउटर की दवा दुकानों पर नजर

प्रारंभिक जांच में यह सामने आया है कि आउटर की दवा दुकानों में नशीली टेबलेट का कारोबार चल रहा है। ऐसी दुकानों पर नजर रखी जा रही है। दवा कारोबारियों की बैठक लेकर स्पष्ट कह दिया गया है कि पकड़े जाने पर सीधे लाइसेंस निरस्त करने की सिफारिश की जाएगी।

-अभिषेक महेश्वरी, नारकोटिक सेल प्रभारी

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