गरियाबंद। जिले में वर्ष 2022-23 से लागू अभिनव शिल्क समग्र योजना के तहत रेशम के उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए किसानों की एक एकड़ सिंचाई एवं फेंसिंग युक्त निजी भूमि पर शहतुत के पौधे रोपित किये जाने का प्रावधान है। रेशम विभाग के सहायक संचालक एसके कोल्हेकर ने बताया कि प्रति एकड़ 5500 पौधों की हिसाब से 3 किसानों की निजी भूमि पर कुल 16 हजार 500 पौधे रोपित किये गए है। जो वर्तमान में किसानों के खेतों की हरियाली का पर्याय बन चुका है एवं पर्यावरण को शुद्ध बनाने में सहायक हो रहे हैं। आगामी जुलाई माह में इन पौधों के पत्तियों को मलवरी रेशम के कीड़ो को खिलाकर मलवरी कोसा का उत्पादन शुरू कर दिया जायेगा। इससे किसान अपनी परम्परागत खेती के अलावा शहतुत कोसा उत्पादन से अतिरिक्त आय अर्जित कर सकेंगे।