पंडरी बस स्टैण्ड में मृत मिले कबूतर, मचा हड़कंप

बर्ड फ्लू की आशंका, राज्य में दर्जन भर पक्षियों की मौत, सैंपल जांच के लिए भेजे

Update: 2021-01-13 05:43 GMT

जसेरि रिपोर्टर

रायपुर। बर्ड फ्लू की खबरों के बीच मंगलवार को राजधानी के पगारिया काम्प्लेक्स में दो मृत कबूतर की सूचना मिलने से आसपास के लोगों में हड़कंप मच गया। सूचना मिलते ही हरकत में आए जिला प्रशासन, पशुपालन विभाग ने कबूतरों की मौत की पुष्टि और कारण जानने के लिए जांच दल (रैपिड रिस्पांस) को मौके पर रवाना किया। पंडरी बस स्टैंड के पास मृत कबूतर की सूचना मिलने पर रायपुर महापौर एजाज ढेबर मौके पर पहुंचे। इस दौरान उन्होंने पशु डाक्टरों से चर्चा करने के साथ ही सफाई मित्रों को सुरक्षा के लिहाज से बेहतर कार्य करने की बात कही। वहीं रायपुर शहर की रेपिड रिस्पांस टीम में पशु चिकित्सा शल्यज्ञ डा.संजय जैन का कहना है कि कबूतर की मृत्यु का कारण पता करने के लिए टीम मौके पर गई। मृत कबूतर का सैंपल लिया गया। मौत का कारण पता करने के लिए भोपाल स्थित हाई सिक्योरिटी एनिमल डिजीज लेबोरेटरी को भेजा जाएगा, जहां तीन दिन बाद रिपोर्ट में मौत के कारण की जानकारी मिल पाएगी। प्रथम दृष्टया बर्ड फ्लू के लक्षण आदि को लेकर अभी कुछ कहा नहीं जा सकता है। रिपोर्ट आने के बाद ही मौत के सही कारण का पता चल पाएगा। पगारिया परिसर में कबूतरों की मौत की सूचना मोबाइल के माध्यम से जिला प्रशासन तक पहुंची थी। डा. जैन ने बताया कि बर्ड फ्लू आदि को लेकर घबराने की जरूरत नहीं है। राजधानी समेत प्रदेश भर में हालात काबू में हंै।

भोपाल भेजेंगे सैंपल : इसके अलावा बर्ड फ्लू की रोकथाम के लिए पशुपालन विभाग द्वारा बरती जा रही सतर्कता के बीच विभागीय दलों ने राजधानी से सटे छोटे कुक्कुट पालन व्यवसायियों के यहां से मुर्गे, मुर्गियों के 10 सैंपल लिए, जिन्हें बर्ड फ्लू टेस्टिंग के लिए भोपाल स्थित लैब भिजवाया गया है। जिला पशु अस्पताल के डॉक्टर संजय जैन ने बताया कि कबूतरों का इस तरह से मरना बर्ड फ्लू ही हो यह जरूरी नहीं है। यहां पाए गए कबूतरों के सैंपल की जांच की जाएगी इसके लिए सैंपल भोपाल भेजे जाएंगे । 3 दिन के समय के बाद रिपोर्ट आएगी जिससे यह साफ हो सकेगा कि कबूतरों की मौत किस वजह से हुई । डॉक्टर जैन ने दावा किया कि कई बार फूड प्वाइजनिंग या मौसम के बदलाव की वजह से भी पक्षियों में इस तरह से मौत देखी जाती है।

कलेक्टर ने दिए निर्देश : रायपुर के कलेक्टोरेट परिसर में मंगलवार को एक विशेष बैठक का आयोजन किया गया। कलेक्टर एस भारती दासन की अध्यक्षता में हुई इस बैठक में बर्ड फ्लू को लेकर जिला प्रशासन ने विशेष चर्चा की। इस बैठक में पोल्ट्री फार्म संचालकों को खास तौर पर बुलाया गया था। अधिकारियों ने बर्ड फ्लू को लेकर बरती जाने वाली सावधानियों के संबंध में निर्देश दिए। सभी पोल्ट्री फॉर्म संचालकों से साफ तौर पर कहा गया है कि मुर्गियों में होने वाली बीमारी के संबंध में फौरन विभागीय अधिकारियों को जानकारी दें। अपने फार्म में साफ सफाई की व्यवस्था रखें । एक्सपट्र्स ने बताया कि छत्तीसगढ़ में अब तक एक भी बर्ड फ्लू का मामला सामने नहीं आया है।

छत्तीसगढ़ में अब तक बर्ड फ्लू की अधिकारिक पुष्टि नहीं

छत्तीसगढ़ में अब तक बर्ड फ्लू की पुष्टि नहीं हुई है। राज्य से जांच के लिए भेजे गए सेम्पल की रिपोर्ट निगेटिव आई है। संचालक पशु चिकित्सा सेवाएं ने बताया कि बर्ड फ्लू को फैलने से रोकने के लिए राज्य में हरसंभव एहतियाती उपाय किए जा रहे है। जिलों में कलेक्टर पोल्ट्री फार्म संचालकों की बैठक लेने के साथ ही उन्हें जैव सुरक्षा मानकों का पालन करने के साथ ही पोल्ट्री फार्मों में साफ-सफाई रखने के निर्देश दिए जा रहे है। जिला स्तर पर रैपिड रिस्पांस टीम का गठन किया गया है और सर्विलांस टीम लगातार स्थिति पर निगरानी रख रही है।

संचालक पशु चिकित्सा सेवाएं पोल्ट्री फार्म एवं कुक्कुट प्रक्षेत्रों में निरंतर निगरानी रखी जा रही है। रोजाना सैम्पल भी कलेक्ट भी किए जा रहे है। बर्ड फ्लू जांच हेतु छत्तीसगढ़ राज्य से अब तक 467 नमूने डब्ल्यूआरडीडीएल को भेजा गया है। बालोद जिले के गिधाली गांव में बीते दिनों में 274 कुक्कुट पक्षियों की असामान्य मृत्यु की जांच हेतु सैम्पल भोपाल भेजा गया है, जिसकी रिपोर्ट अपेक्षित है। बालोद जिले में असामान्य रूप से मृत पाए गए कौव्वों का जांच नमूना निगेटिव मिला है।प्रदेश में इस रोग के प्रवेश को रोकने के लिए समस्त अंतर्राज्यीय सीमाओं, प्रदेश के सभी 1042 निजी बॉयलर, 42 लेयर तथा 12 ब्रीडर कुक्कुट व्यवसायियों, 7 शासकीय कुक्कुट फार्म एवं समस्त जिलों में अलर्ट जारी किया गया है। जिलों के संवेदनशील क्षेत्र जैसे मुर्गी बाजार, मुर्गी फार्म, जलाशय एवं जंगली व प्रवासी पक्षी दिखाई दिए जाने वाले क्षेत्रों में सतत निगरानी रखने के निर्देश दिए गए हैं। जिलों को कड़ाई से जैव सुरक्षा मानकों का कड़ाई से पालन तथा सभी चिडिय़ाघर, जंगल सफारी, राष्ट्रीय उद्यान एवं अभ्यारण्य में निरीक्षण कर निगरानी रखी जा रही है। छत्तीसगढ़ राज्य में एवियन इनफ्लुएंजा (बर्ड फ्लू) का मामला प्रकाश में नहीं आया है। इस कारण किसी भी प्रकार से भयभीत होने की आवश्यकता नहीं है। संचालक पशु चिकित्सा सेवाएं ने बताया कि बर्ड फ्लू मुर्गियों में तीव्र गति से फैलने वाली विषाणु जनित एवं घातक बीमारी है। बीमार मुर्गियों में दस्त होना, अंडे नहीं देना अथवा पतले छिलके का विकृत अंडा देना, सांस लेने में कठिनाइर्, मुंह व नाक से लार निकलना, सर्दी-खासी, चेहरा, गर्दन एवं आंखों में सूजन जैसे लक्षण पाए जाते हैं। इस रोग का संक्रमण प्राय: प्रवासी पक्षी के माध्यम से फैलता है।

इसके अतिरिक्त बीमार पक्षियों के साथ या उसके मल-मूत्र, दाना-पानी, बर्तन के संपर्क से फैलता है। बर्ड फ्लू की पुष्टि होने पर बीमार एवं मृत पक्षियों को तुरंत मारकर गहरे गड्ढे में चूना डालकर दफन कर दिया जाना चाहिए। कुक्कुट में होने वाली एक गंभीर एवं घातक बीमारी का नाम है एवियन इन्फलुईन्जा जिसे बर्ड फ्लू के नाम से जाना जाता है। इस बीमारी से अत्यधिक संख्या में मुर्गियों की आकस्मिक मृत्यु हो जाती है तथा यह रोग मनुष्यों में भी संक्रमित हो सकता है। भारत देश के 9 राज्यों गुजरात, केरल, महाराष्ट,ऊ मध्यप्रदेश, उत्तर प्रदेश, राजस्थान, हिमाचल प्रदेश, हरियाणा एवं दिल्ली में बर्ड फ्लू की पुष्टि की जा चुकी है इन राज्यों में मुख्यत: कौआ, बत्तख एवं मुर्गियों में बीमारी की पुष्टि हुई हैै।

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