CG BREAKING: करोड़ों की साइबर ठगी करने वाले 3 अपराधी गिरफ्तार

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Update: 2025-01-31 14:22 GMT
Rajnandgaon. राजनांदगांव। राजनांदगांव पुलिस ने अंतरराष्ट्रीय साइबर ठगी के तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया है। कंबोडिया (एशिया का एक देश) से संचालित इस रैकेट में गुजरात और छत्तीसगढ़ के आरोपी शामिल है। मामले का मास्टरमाइंड गुजरात का श्रेणिक कुमार सांघवी है, जो कंबोडिया के स्कैम कॉल सेंटर्स से जुड़ा हुआ था। पुलिस जांच में सामने आया कि आरोपी भारतीय नागरिकों को फर्जी इन्वेस्टमेंट ऐप, शादी और सोशल मीडिया स्कैम तथा फर्जी जॉब और लॉटरी स्कीम के जरिए ठगी का शिकार बनाते थे।

राजनांदगांव में डोंगरगढ़ के रहने वाले शुभम तिवारी और दीपक नरेडी भोले-भाले लोगों से म्यूल बैंक अकाउंट्स हासिल कर ठगों को बेचते थे। इन खातों में आई ठगी की रकम को हवाला और क्रिप्टोकरेंसी के जरिए कंबोडिया भेजा जाता था। मामले का खुलासा 23 जनवरी को हुआ, जब रूपेश साहू नाम के व्यक्ति ने अपने फ्रीज किए गए बैंक खाते की शिकायत साइबर सेल में दर्ज कराई। जांच में पता चला कि उसके खाते में आए 90 हजार रुपए ठगी के थे। पुलिस ने गिरोह के अन्य सदस्य आशुतोष शर्मा की निशानदेही पर गुजरात के
वल्साड
में छापा मारा। अजय मेहेर बेहद शातिर था और फर्जी नाम, नंबर और पहचान पत्रों का इस्तेमाल करता था, इसलिए पुलिस ने उसे बैंक अकाउंट देने के बहाने रेलवे स्टेशन पर बुलाया। जैसे ही वह अकाउंट लेने पहुंचा।

पुलिस ने उसे चारों तरफ से घेर लिया और धर दबोचा। पूछताछ में श्रेणिक ने कबूल किया कि वह 2024 में कंबोडिया गया था और वहां के स्कैम कॉल सेंटर्स में ठगी का काम सीखा था। भारत लौटने के बाद उसने अपने साथियों की मदद से कई लोगों के बैंक अकाउंट इकट्ठे किए और कंबोडिया भेजे। बदले में उसे ठगी की रकम का 8-9% कमीशन मिलता था। जांच में पता चला है कि गिरोह ने अब तक करीब 10 करोड़ रुपए की ठगी की है और इसके तार देशभर के कई राज्यों से जुड़े हो सकते हैं। राजनांदगांव पुलिस अब इस ठगी रैकेट के अन्य सदस्यों की तलाश कर रही है। मनी म्यूल यानी ऐसा बैंक अकाउंट जो साइबर ठगों द्वारा अवैध पैसों के लेन-देन के लिए इस्तेमाल किया जाता है। कई बार ये अकाउंट मालिक जानबूझकर या अनजाने में ठगों की मदद कर बैठते हैं और जब पुलिस जांच करती है, तो वे खुद अपराध में फंस जाते हैं।
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