असम की जनता ने कांग्रेस की नीतियों को नकारा: बृजमोहन

Update: 2021-05-03 06:28 GMT

कोरोना और असम दोनों मोर्चे पर असफल रही कांग्रेस सरकार

रायपुर (जसेरि)। पूर्व मंत्री बृजमोहन अग्रवाल ने असम सहित 5 राज्यों के चुनाव परिणाम पर बोलते हुए कहा है कि असम की जनता ने कांग्रेस की नीतियों को नकार दिया है, छत्तीसगढ़ सरकार कोरोना और असम दोनों मोर्चे पर असफल रही है, बंगाल में हमें उम्मीद ज्यादा थी वो उम्मीद पूरी नहीं हुई। असम में वहां की प्रदेश इकाई भी गुटबाजी में उलझी रही जिसका भी कांग्रेस को नुकसान उठाना पड़ा।

इसके पहले राजनांदगांव से बीजेपी सांसद संतोष पाण्डेय ने 5 राज्यों के चुनाव परिणाम पर बोलते हुए कहा है कि असम में कांग्रेस ही नहीं छत्तीसगढ़ कांग्रेस की भी हार हुई है, असम सहित अन्य राज्यों में कांग्रेस का सूपड़ा साफ हो गया है, अब देश में कांग्रेस की कोई ऑडियोलॉजी नहीं रह गई है, इसलिए कांग्रेस के ऐसे परिणाम सामने आ रहे हैं।

भाजपा ने कहा, न असम में चुनाव जीत पाए न छत्तीसगढ़ में कोरोना की जंग : भाजपा प्रवक्ता संजय श्रीवास्तव ने कहा, मुख्यमंत्री भूपेश बघेल चुनाव प्रचार करने पहले बिहार गए और फिर असम। दोनों जगहों पर कांग्रेस का बुरा हाल हुआ। छत्तीसगढ़ की जनता से तो झूठे वादे कर सत्ता में आ गए लेकिन असम की जनता ने दूध का दूध और पानी का पानी कर दिया। श्रीवास्तव ने कहा, चाहे बंगाल हो या असम जनता ने कांग्रेस को सिरे से नकार दिया है। अब केवल ढाई वर्ष बचे हैं, भूपेश बघेल जी! दुनियादारी छोड़कर केवल छत्तीसगढ़ में ध्यान दीजिए। न असम में चुनावी जंग जीत पाए और न छत्तीसगढ़ में कोरोना की जंग।

अमित जोगी ने बोले, तंह-तंह बंटाधार : जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ के अमित जोगी ने कहा, अमेठी के बाद असम की कमान संभालने वाले छत्तीसगढ़ के सीएम भूपेश बघेल जी ने सिद्ध कर दिया है कि जंह-जंह पांव पड़े संतन के तंह-तंह बंटाधार। वे अपना राष्ट्रीय कद बनाने की असंभव महत्वाकांक्षा को पूरा करने में प्रदेश के सीमित संसाधनों को अन्य राज्यों में फूंकना बंद करें।

काम नहीं आई छत्तीसगढ़ कांग्रेस की रणनीति : कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने चुनाव की घोषणा से काफी पहले जनवरी 2021 की शुरुआत में ही मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को असम में कांग्रेस का चुनावी पर्यवेक्षक और चुनाव प्रबंधक बना दिया था। छत्तीसगढ़ के ही कांग्रेस विधायक विकास उपाध्याय को राष्ट्रीय सचिव बनाकर असम का सह प्रभारी बनाया गया। उसके बाद से ही कांग्रेस नेताओं का बड़ा हिस्सा असम चुनाव अभियान में शामिल होने पहुंचा था। दूसरे चरण का चुनाव प्रचार खत्म होने तक असम में छत्तीसगढ़ के 500 से अधिक नेता-कार्यकर्ता मौजूद थे। छत्तीसगढ़ कांग्रेस की टीम ने बूथ स्तर पर कांग्रेस कार्यकर्ताओं को प्रशिक्षण देने के साथ ही गली-मोहल्लों में पंपलेट बांटने तक का काम किया। इनका फोकस अपर और मिडिल असम पर था। जहां चाय बागानों के आसपास छत्तीसगढिय़ा मूल के लाखों लोग रहते हैंं। चाय मजदूरों, ष्ट्र्र-हृक्रष्ट विरोधी आंदोलन और स्थानीयतावाद और क्षेत्रीय दलों के साथ गठबंधन के साथ कांग्रेस का सत्ता में वापसी की उम्मीद थी, लेकिन यह पूरी नहीं हो पाई। नतीजों में दिख रहा है कि अपर असम में भाजपा को एकतरफा बढ़त मिली है।

हार के कई कारण हो सकते हैं समीक्षा होगी : कांग्रेस के असम प्रभारी विकास उपाध्याय ने कहा, हार के कई कारण हो सकते हैं। हमें जमीनी स्तर पर अधिक मेहनत करने की जरूरत है। कुछ दिनों में पूरी समीक्षा होगी। कारणों की तलाश की जाएगी। उनपर काम होगा।

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