रायपुर raipur news। भारतीय राज्य पेंशनर्स महासंघ छत्तीसगढ़ रायपुर द्वारा केन्द्र के समान 4% डीआर और मध्यप्रदेश राज्य पुनर्गठन अधिनियम 2000 की धारा 49 को विलोपित करने की मांग को लेकर आगामी 12 अगस्त को वित्तमंत्री ओ पी चौधरी के सरकारी आवास पर प्रदर्शन कर बंगले का घेराव करने का निर्णय लिया गया था।जिसे वित्त सचिव मुकेश बंसल और गौरव कुमार सिंह से चर्चा में दोनो मसले पर त्वरित कार्यवाही करने की भरोसा दिलाने पर वित्त मंत्री के बंगले पर घेराव प्रदर्शन कार्यक्रम को फिलहाल स्थगित कर दिया गया है। उक्त जानकारी जारी विज्ञप्ति में महासंघ छत्तीसगढ़ के प्रदेश अध्यक्ष वीरेन्द्र नामदेव ने दी है।
भारतीय राज्य पेंशनर्स महासंघ छत्तीसगढ़ के प्रदेश अध्यक्ष वीरेन्द्र नामदेव ने बताया है कि विगत 23 वर्षों से लम्बित मध्यप्रदेश राज्य पुनर्गठन अधिनियम 2000 की धारा 49 को विलोपित कर राज्य की बुजुर्ग पेंशनरों को मध्यप्रदेश सरकार पर आर्थिक निर्भरता से मुक्ति दिलाने और जनवरी 24 से बकाया 4% महंगाई राहत प्रदान करने पर शीघ्र निर्णय लेने हेतु वित्त मंत्री का ध्यान आकर्षण हेतु 12 अगस्त को घेराव प्रदर्शन का निर्णय लिया गया था। Virendra Namdev
जारी विज्ञप्ति में आगे बताया गया है कि वित्त सचिव से चर्चा में प्रतिनिधि मंडल ने उन्हे अवगत कराया कि राज्य पुनर्गठन अधिनियम 2000 के तहत पेंशनरी दायित्वों का बंटवारा नही होने से हर आर्थिक भुगतान के लिये मध्यप्रदेश शासन से सहमति लेना अनिवार्य मजबूरी बना हुआ है, सम्प्रति पेंशनरो की महंगाई राहत की राशि की किस्त केंद्र में 50℅प्रतिशत हो गया है और यहां पेंशनरों को केवल 46℅ पर रोककर रखे हुए हैं. जबकि प्रदेश में ही भारतीय प्रशासनिक सेवा के अधिकारी और बिजली विभाग के अधिकारी कर्मचारी को राज्य के बजट से 50% महंगाई भत्ता का भुगतान किया जा रहा है। एक ही राज्य में दोहरी नीति राज्य के पेंशनरों के साथ घोर अन्याय है।देश के बहुतायत राज्य भी अपने राज्य में आदेश कर पेंशनरो को 50% के दर से भुगतान भी कर चुके हैं छत्तीसगढ़ राज्य के लगभग सवा लाख से अधिक पेन्शनर और परिवार पेंशनर महंगाई से त्रस्त दोनों राज्य सरकारों के बीच सहमति असहमति के बीच पिसा जा रहा है।राज्य विभाजन के बाद से पेंशनरों को महंगाई राहत (डीआर) की किस्त देने के लिए वित्त विभाग छत्तीसगढ़ शासन को आदेश जारी करने हेतु मध्य प्रदेश राज्य पुर्नगठन अधिनियम 2000 के धारा 49(6) के परिपालन में दोनों राज्यों के बीच आपसी सहमति जरूरत होती है। जिसमें दोनों राज्यों के बीच 74:26 के अनुपात में बजट का आबंटन के बाद ही पेंशनर्स हेतु दोनों राज्यों में समान दर और समान तिथि से आदेश जारी होते हैं। जैसा कि हमेशा से होता आया है। इसलिए छत्तीसगढ़ सरकार को बिना देर किए मध्यप्रदेश शासन से सहमति हेतु पत्राचार करना चाहिए। सचिव को बताया गया कि मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ शासन के बीच पेंशनरी दायित्व के बंटवारे नहीं होने पर मध्यप्रदेश सरकार को आर्थिक फायदा है,इसलिए मध्यप्रदेश शासन धारा 49 को वर्षो से जानबूझकर टालती आ रही हैं। पेंशनरी दायित्वों का बंटवारा नहीं होने से छत्तीसगढ़ शासन को भारी आर्थिक नुकसान हो रहा है।इसे संज्ञान में लेकर छत्तीसगढ़ राज्य के हित में जरूरी कार्यवाही करने पर बल दिया। वित्त सचिव मुकेश बंसल ने पेंशनर्स महासंघ छत्तीसगढ़ के प्रतिधिनिधि मंडल को आश्वस्त किया कि छत्तीसगढ़ राज्य के साथ बने राज्य उत्तराखण्ड और झारखंड तथा उत्तर प्रदेश, बिहार सरकार के अधिकारियो से सम्पर्क स्थापित कर धारा49 की स्थिति पर एक माह में जानकारी प्राप्त कर सरकार उचित कार्यवाही की जाएगी।
कलेक्टर रायपुर के पहल पर वित्त सचिव द्वारा महासंघ को चर्चा हेतु में आमंत्रित किया गया। इस महत्वपूर्ण चर्चा में प्रदेश अध्यक्ष वीरेन्द्र नामदेव,कार्यकारी प्रांताध्यक्ष जे पी मिश्रा, महामंत्री अनिल गोलहानी, कोषाध्यक्ष बी एस दसमेर,रायपुर जिला के अध्यक्ष आर जी बोहरे आदि शामिल रहे।