Bhupesh Baghel को रिश्तेदार बताने वाले पंकज वर्मा अब पहुंचा योग आयोग

Update: 2024-06-26 05:51 GMT

भ्रष्टाचार के आरोपी को होना था सस्पेंड, वह सरकार से ले रहा पदोन्नति!

उल्टा बांस बरेली वाली कहावत लागू है छत्तीसगढ़ में

पुलिस से सांठगांठ केस खात्मे का कोर्ट में लगवाया आवेदन, अब कोर्ट लेगी संज्ञान

पंकज नाम का फायदा उठाकर भूपेश का खास अब साय का भी बन गया खास

अपर संचालक पंकज वर्मा के खिलाप फर्जी सर्टिफिकेट केस में हो चुका है एफआईआर

सस्पेंड होने के बदले पदोन्नति ये कैसे हुआ, पुलिस ने कार्रवाई के नाम पर की खानापूर्ति  

रायपुर raipur news। पिछले दिनों सभी अखबारों की सुर्खिया में बना रहा समाज कल्याण विभाग Social Welfare Department के अपर संचालक पंकज वर्मा के कारनामे, जो अपने आप को भूपेश बघेल का रिश्तेदार होने का स्वांग रचा और फर्जी सर्टिफिकेट के जरिये सरकारी नौकरी हथिया लिया और तो और अधिकारियों को बघेल का रिश्तेदार होने का झूठी बात प्रचारित कर प्रमोशन भी पा लिया। अब उसी फर्जीवाड़े को दोहरा कर लोगों बता रहा है कि मैं सीएम साय का खास हूं। अब सवाल यह भी उठता है प्रमोशन के लिए किसी नेता-अभिनेता का रिश्तेदार होना जरुरी है या नहीं? यदि आपमें योग्यता है तो आपको प्रमोशन मिलना तय है। मगर यहां मामला कुछ और ही है संस्कृति विभाग में फर्जी सर्टिफिकेट से भर्ती होकर संस्कृति विभाग के सारे हथकंड़े सीख कर सरकार के सामने सरकार के मुखिया के खास होने का ढोंग करना पंकज के आदत में शुमार हो चुका है, और उसके आड़ में सरकार बदलते ही रंग बदल रहा है क्योंकि वह मूल रूप से रंगमंच का कलाकार रहा है जो नाचा पार्टी में जोकर बनता था, उसके एक्शन को लोग खूब शबाशी देते थे, और बख्शीस भी मिलता था।

chhattisgarh news गौरतलब है कि पुरानी बस्ती थाना इलाके में एक बड़ा फर्जीवाड़ा का मामला सामने आया था जिसमें नौकरी के लिए फर्जी सर्टिफिकेट का इस्तेमाल करने के मामले में पुलिस ने समाज कल्याण विभाग के संयुक्त संचालक पंकज वर्मा के खिलाफ धोखाधड़ी, कूटरचना के आधार पर पुरानी बस्ती पुलिस ने उनके खिलाफ कोर्ट के आदेश के बाद 420, 468, 471 के तहत अपराध दर्ज किया था। लगता है भूपेश बघेल के रिश्तेदार बताने के कारण मामले में पुलिस ने खानापूर्ति कार्रवाई करते हुए थाने से ही मामले को खारिज कर दिया। सूत्रों के मुताबिक पुरानी बस्ती थाना पुलिस ने ना तो इस मामलें में कोई भौतिक सत्यापन किया और ना ही इलाहाबाद जाकर आरोपी के खिलाफ लगाए गए गंभीर अपराधों की पुष्टि की, और बिना किसी भौतिक जांच के मामले को खारिज करने के नतीजे पर पहुंच गए अब मामले के जांच से जुड़े बड़े कई सवाल है जिसके चलते पुलिस को न्यायालय में कई बड़े-बड़े जवाब देने होंगे।

कोर्ट ने दिया था अपराध दर्ज करने का आदेश

आपको बता दें कि थाना प्रभारी ने इस मामले में न्यायालय के आदेश के बाद ही अपराध दर्ज किया था। पुलिस के मुताबिक समाज कल्याण विभाग के ज्वाइंट डॉयरेक्टर पंकज कुमार वर्मा ने अपनी नौकरी ज्वाइनिंग के लिए इंस्टीट्यूट आफ इंजीनियरिंग एण्ड रूरल टेक्नोलॉजी इलाहाबाद का तीन वर्षीया फिजियोथैरेपी डिप्लोमा का सर्टिफिकेट लगाया था। इस आधार पर उन्हें विभाग में नौकरी मिल गई। सूचना के अधिकार (आरटीआई) के तहत खुलासा हुआ कि पंकज ने केवल दो साल तक इसकी पढ़ाई की थी। कोर्स पूरा नहीं किया, जबकि छत्तीसगढ़ के समाज कल्याण विभाग में उन्होंने तीन साल पूरा होने का सर्टिफिकेट लगाया था। उन्होंने फिजियोथैरेपी का फर्जी डिप्लोमा सर्टिफिकेट लगाया था। इसका खुलासा होने पर थाने में शिकायत की गई। कार्रवाई नहीं होने पर न्यायालय में परिवाद दायर किया गया। सुनवाई के बाद प्रथम श्रेणी न्यायिक मजिस्ट्रेट समीर कुजूर ने ज्वाइंट डॉयरेक्टर वर्मा के खिलाफ अपराध दर्ज करने का आदेश दिया।

क्या कर रहे हैं जिम्मेदार अधिकारी

छत्तीसगढ़ में फर्जी दस्तावेज लगाकर नौकरी हासिल करने वाले कर्मचारियों की फेहरिस्त काफी लंबी है और ऐसे अधिकारी कर्मचारियों के खिलाफ मंत्रालय सहित अलग-अलग विभागों में पुख्ता दस्तावेजों के साथ सैकड़ों शिकायतें भी हुई हैं लेकिन विभाग के जिम्मेदार अधिकारी कर्मचारी धृतराष्ट बने कुंभकर्णी की नींद में सोए हुए है। ऐसे फर्जी कर्मचारियों को बचाने में ये तनखाहखोर भी कोई कसर नहीं छोड़ रहे हैं। यही कारण है कि चाहे जाति प्रमाण पत्र का मामला हो या फर्जी दस्तावेजों के मामले का सार्वजनिक खुलासा होने के बाद भी इन फर्जियों पर कोई कार्रवाई नहीं हो रही है। अब ऐसे भ्रष्टाचार के मामले कोर्ट की शरण में पहुंच रहे हैं।

ऐसे फर्जी नौकरी पाने वालों पर ऐसी जांच होनी चाहिए

छत्तीसगढ़ के सभी विभागों में पदस्थ अधिकारी -कर्मचारियों सर्टिफिकेट की गहन जांच हो। समाज कल्याण विभाग के कारनामे अजीबो-गरीब मामला है। यह समाज कल्याण की जगह स्व कल्याण पर टिका हुआ है। फर्जी अंक सूची से फार्मासिस्ट के पद पर रहते हुए लगातार आउट आफ टर्न प्रमोशन लेते हुए अपर संचालक बनकर एक हजार करोड़ का घोटाले को अंजाम दिया। समाज कल्याण के तथा कथित प्रमोशन देने वाले अधिकारियों की भी जांच होनी चाहिए ताकि मामले का खुलासा हो सके।

1 हजार करोड़ के घोटाले का आरोपी

बाहरी मूल के मंत्रालय में पदस्थ अधिकारी गैर छत्तीगढिय़ा वाद को बढ़ावा देकर छत्तीसगढिय़ों की हक में डाका डाल कर गैर छत्तीगढिय़ों को प्रमोशन देकर समाज कल्याण विभाग में वषों से पदस्थ फार्मासिस्टों को पूरे सेवाकाल के दौरान एक भी प्रमोशन नहीं मिला और गैर छत्तीसगढिय़ों को प्रमोशन देकर हजारों करोड़ का घोटाला करने में भागीदारी निभाते रहे। तथाकथित समाज कल्याण विभाग के अपर संचालक पंकज कुमार वर्मा के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने के निर्देश रायपुर कोर्ट ने दिए है। यह जानकारी वकील बी एल सोनी ने दी है। पंकज कुमार वर्मा फर्जी अंक सूची के आधार पर नौकरी कर रहा था। जिसकी शिकायत रायपुर एसएसपी से भी हुई थी। लेकिन कार्रवाई नहीं होने पर मामला कोर्ट चला गया। पंकज कुमार वर्मा पर 1 हजार करोड़ के घोटाले के भी आरोप लगे है। जिसकी जांच जारी है।

400 अधिकारी-कर्मचारी के सर्टिफिकेट फर्जी

फर्जी सर्टिफिकेट से मंत्रालय में सैकड़ों मामले मंत्रालय में अविभाजित मध्यप्रदेश से लेकर विभाजित छत्तीसगढ़ में हजारों की संख्या में बाहरी मूल के अधिकारी अपने लोगों को फर्जी सर्टिफिकेट से बड़े -बड़े पदों पर भर्ती कर चुके है। सरकार ने 2018 से पहले भाजपा शासन में फर्जी सर्टिफिकेट से नौकरी करने वालों की जांच हुई जिसमें 400 से अधिकारी कर्मचारी फर्जी जाति सर्टिफिकेट, फर्जी अंक सूची के पाए गए जिन पर कुछ पर कार्रवाई हुई है और कुछ के मामले कोर्ट में लबित है। जिन्हें बाहर के अधिकारी बचाने के लिए हर संभव कोशिश करते रहे हैं। कुछ को बचा भी लिए हैं। जांच में हुआ खुलासा-पंकज कुमार वर्मा की शैक्षणिक दस्तावेजों की जांच की गई। थाना पुरानी बस्ती द्वारा इंस्टीट्यूट ऑफ इंजीनियरिंग एण्ड रूरल टेक्नोलॉजी, इलाहाबाद, उत्तर प्रदेश से पत्राचार किया गया परन्तु उक्त संस्था द्वारा कोई जानकारी नहीं दी गई। अब कोर्ट के आदेश पर धारा 420, 468 , 471 के तहत पुरानी बस्ती पुलिस ने कार्रवाई शुरू कर दी है।

लाखों रूपए का नजराना पेश किया

अब पुलिस केस खात्मे की पुलिस ने कोर्ट में चालान पेश किया है उसका संज्ञान लेगी और कार्रवाई करने वाली है। बड़े अधिकारी के साथ सेटिंग कर घोटालेबाज पंकज वर्मा योग आयोग में भा हाथ साफ करने पदस्पना करवा लिया है। जिसके लिए बताते है कि अधिकारियों को लाखों रूपए का नजराना पेश किया है। 

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