प्रदेश में संचालित एक एकलव्य आदर्श आवासीय विद्यालय के प्राचार्यों और विषय शिक्षकों का उन्मुखीकरण तथा क्षमता विकास प्रशिक्षण कार्यक्रम आज राज्य ग्रामीण विकास संस्थान निमोरा में प्रारंभ हुआ। आदिम जाति कल्याण विभाग की संचालक श्रीमती शम्मी आबदी ने चार दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम के प्रारंभिक सत्र में कहा कि सीखने की कोई उम्र नहीं होती। व्यक्ति जीवन पर्यन्त कुछ न कुछ सीखता रहता है। उन्होंने कहा कि प्रशिक्षण कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य शिक्षकों को नवीन शिक्षण पद्धतियों से अवगत कराना और उनमें विषय की बेहतर समझ का विकास करना है। प्रशिक्षण के बाद शिक्षक नवीन शिक्षण पद्धतियों के माध्यम से विद्यार्थियों को बहुत ही सरल माध्यम से विषय सम्बधी ज्ञान दे सकें। उल्लेखनीय है कि आदर्श आवासीय विद्यालय दूरदराज आदिवासी क्षेत्रों में स्थित है। यहां प्रवेशित विद्यार्थी प्रतिभावान तो है, किन्तु पारिवारिक पृष्ठभूमि कमजोर होने से उन्हें नवीन समाज के अनुरूप भूमिका के लिए तैयार करने हेतु शिक्षकों में सहनशीलता, धैर्य, सहयोगी एवं संवेदनशील होना आवश्यक है, तब ही जनजाति विद्यार्थी शिक्षक से खुलकर तारतम्य स्थापित कर पाएंगें।
यह प्रशिक्षण मुख्य रूप से तीन चरणों में सम्पन्न होगा। प्रथम चरण 9 मार्च से 12 मार्च तक चलेगा, जिसमें एकलव्य आदर्श आवासीय विद्यालयों के अंग्रेजी और सामाजिक विज्ञान के शिक्षकों को प्रशिक्षण दिया जाएगा। द्वितीय चरण में 15 मार्च से 18 मार्च तक होगा। इसमें हिन्दी और विज्ञान के शिक्षकों को प्रशिक्षण दिया जाएगा। तीसरा और अंतिम चरण 22 मार्च से 25 मार्च तक एकलव्य आदर्श आवासीय विद्यालयों के प्राचार्यों और गणित विषय के शिक्षकों को प्रशिक्षण दिया जाएगा। राष्ट्रीय स्तर की प्रशिक्षण संस्था अजीम प्रेमजी भाई फाउंडेशन के विषय-विशेषज्ञों के सहयोग से प्रशिक्षण दिया जा रहा है। प्रशिक्षण से एकलव्य आदर्श आवासीय विद्यालयों में अध्ययनरत् विद्यार्थियों के शैक्षणिक स्तर में वृद्धि होगी और वे भी बदलते सामाजिक परिवेश के अनुरूप स्वयं को प्रतिस्पार्धात्मक बना सकेंगें।