दैनिक वेतनभोगी की सम्पूर्ण सेवाअवधि की पेंशन में गणना हेतु आदेश जारी हो : वीरेंद्र नामदेव

Update: 2023-09-07 12:11 GMT

रायपुर। छत्तीसगढ़ राज्य संयुक्त पेंशनर फेडरेशन के प्रदेश संयोजक तथा भारतीय राज्य पेंशनर्स महासंघ छत्तीसगढ़ के प्रांताध्यक्ष वीरेंद्र नामदेव ने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल से मांग किया है कि नियमित किये गए दैनिक वेतन भोगी कर्मचारी अर्धवर्षिकी आयु पूर्ण करने के बाद इन दिनों लगातार रिटायर हो रहे हैं परंतु उनकी सम्पूर्ण सेवा अवधी को पेंशन भुगतान हेतु गणना नहीं की जा रही है जबकि सेवानिवृत होने वाले नियमित किये गए दैनिक वेतन भोगी कर्मचारी की कुल सेवा अवधी पूर्ण पेंशन पात्रता की सेवा अवधी 33 वर्ष से भी अधिक होने के बावजूद न्युनतम पेंशन केवल 7750/- रुपए प्राप्त करने के लिए मजबूर है. कई लोग तो ऐसे भी जिन्होंने मात्र 18 साल की उम्र में दैनिक वेतन भोगी के रूप में काम करना शुरू कर दिया था और 62 वर्ष की उम्र में रिटायर हुए हैं. इस तरह 44 वर्ष की सेवा के बाद भी केवल 10 वर्ष की सेवा के आधार मानकर न्युनतम पेंशन का भुगतान करना दैनिक वेतन भोगी से नियमित होकर रिटायर होने वाले पेंशनर और परिवार पेंशनर के साथ घोर अन्याय है. इस पर पुनर्विचार कर नैसर्गिक न्याय के सिद्धांत तहत राहत प्रदान करने की अपील किया है और मुख्य मंत्री भूपेश बघेल, मुख्य सचिव अमिताभ जैन, पेंशन संचालक सुश्री नम्रता गांघी, और पी एस ध्रुव सदस्य सचिव पेंशन निराकरण समिति को अलग अलग पत्र भेजकर दैनिक वेतन भोगी से नियमित और कार्यभारित पदों पर नियमित किये सेवानिवृत कर्मचारियों की दैनिक वेतन भोगी के रूप में कार्य किये गए अवधी को पेंशन निर्धारण के लिए गणना करने की मांग की है.

जारी विज्ञप्ति में पेंशनर फेडरेशन के प्रदेश संयोजक वीरेंद्र नामदेव, भारतीय राज्य पेंशनर्स महासंघ के राष्ट्रीय मंत्री पूरन सिंह पटेल,दैनिक वेतन भोगी पेंशन प्रकोष्ठ के प्रदेश प्रमुख बी एस दसमेर, पेंशनर्स महासंघ के महामन्त्री अनिल गोल्हानी, प्रगतिशील पेंशनर कल्याण संघ के महामन्त्री अनिल पाठक, राज्य कर्मचारी संघ के प्रदेश महामन्त्री ए के चेलक,आर जी बोहरे,नागेंद्र सिंह,नैन सिंह, जे पी शर्मा, रामकुमार साहू आदि ने दैनिक वेतन भोगी कर्मचारी के रूप में की गई सम्पूर्ण सेवा को प्रारम्भिक नियुक्ति दिनांक से सेवानिवृति अवधि अथवा मृत्यु दिनांक तक पेंशन गणना हेतु मान्य कर पात्रता प्रदान करने सम्बन्धी आदेश प्रदान करने की मांग की है और जीवन के अंतिम चरण में वृद्धाअवस्था में सम्मान जनक पेंशन राशि से परिवारिक जीवन का निर्वाह कर सके.

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