भूपेश सरकार की सबसे अच्छी योजना का वाट लगाते अधिकारी-कर्मचारी

Update: 2023-06-23 05:51 GMT

राजीव गांधी आश्रय योजना दम तोडऩे की कगार पर, एक भी लाभार्थी नहीं मिले

गरीबों को योजनाओं से लाभ पहुंचने के बजाय अपने परिजनों को कर रहे उपकृत

बाबू स्तर का ही काम चढ़ावा चढ़ाने के बाद ही हो रहा है

राजीव गांधी आश्रय योजना में सीएम भूपेश ने घोषणा की थी, जिन्हें पट्टा मिला है उनको फ्री होल्ड किया जाएगा लेकिन चार-पांच महीने में एक भी पट्टा फ्री होल्ड नहीं हुआ है

जसेरि रिपोर्टरे

रायपुर। राजीव गांधी आश्रय योजना में सीएम भूपेश ने घोषणा की थी, जिन्हें पट्टा मिला है उनको फ्री होल्ड किया जाएगा लेकिन साढ़े चार साल में एक भी पट्टा फ्री होल्ड नहीं हुआ है। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की योजनाएं तो गरीबों और जरुरतमंदों को फायदा पहुंचने का है। गरीब और मिस्कीनों के कल्याण के लिए सरकार अनेक प्रकार की योजनाएं लाती है ताकि गरीब मिस्कीनों का कल्याण हो लेकिन जिम्मेदार अधिकारी एवं कर्मचारियों की लापरवाही से जान कल्याणकारी योजनाओं का फायदा पात्र लोगों को नहीं मिल रहा है। ऐसा लग रहा है जैसे सरकारी अधिकारी कर्मचारी सर्कार की योजनाओं को पलीता लगाने बैठे हैं।मुख्यमंत्री का कहना है कि हमारी सरकार गांवों, किसानों, आदिवासियों, मजदूरों, भूमिहीनों, महिलाओं के सशक्तीकरण के लिए काम कर रही है। इन सबके लिए योजनाएं भी अच्छी-अच्छी सरकार ने लाई है परन्तु अधिकारियों की लापरवाही ने सब गुड़ गोबर कर दिया है। योजनाओं का लाभ वास्तविक लाभार्थियों तक नहीं पहुंच पा रही है। राज्य सरकार द्वारा हर वंचित तबके तक उनके सामाजिक और आर्थिक अधिकार पहुंचाने के लिए जगह जगह घोषणाएं की जा रही है। परन्तु धरातल में सब गायब है। मुख्यमंत्री ने राजीव गांधी आश्रय पट्टे को फ्री होल्ड करने की घोषणा भी किया था लेकिन आज तक एक भी राजीव गांधी आश्रय पट्टाधारी को मालिकाना हक नहीं मिल पाया है जबकि अधिकारी सिर्फ दावा कर रहे हैं की काफी लोगों को इसका फायदा मिला है।

राजीव गांधी आश्रय योजना क्या है

हमारे देश प्रदेश में शहरी क्षेत्र के काफी नागरिक ऐसे है जिनके के पास रहने के लिए घर भी नहीं है। जिससे वह नागरिक अपने बच्चों को लेकर उस छत्त के नीचे रह सकें। जिससे आने वाली बारिश से बच सकें इस समस्या को देखते हुए। छत्तीसगढ़ सरकार के भूपेश बघेल ने राजीव गांधी आश्रय योजना को 2 जून 2011 में शुरू किया था। जिसमें शहरी क्षेत्रों के नागरिकों को अपना घर बनाने के लिए छत्तीसगढ़ सरकार वित्तीय सहायता प्रदान कर रही है। जिससे शहरी नागरिक अपने झोपड़ पट्टी एवं कच्चे मकान को छोड़ कर खुद का बढिय़ा आवास बना कर खुद और अपने परिवार के साथ बहुत खुश रह सकता है। इस योजना का लाभ लेने के लिए आपको चिराग लेकर ढूंढना पड़ेगा। एक भी झोपड़ी वाले को इस योजना का लाभ नहीं मिला। राजीव गांधी आश्रय योजना का मुख्य उद्देश्य छत्तीसगढ़ राज्य में जितने भी शहरी क्षेत्र के गरीब नागरिक है। जो अपना जीवन-यापन झोपड़ी एवं कच्चे मकानों में बिता रहे है। उन लोगों को के लिए राज्य सरकार वित्तीय सहायता प्रदान कर रही है। जिसे पाकर नागरिक अपना खुद का बढिय़ा मकान बना सकते है। जिससे नागरिक अपने जीवन स्तर में काफी सुधार कर सकते है। जीवन स्तर सुधारने के इंतजार में हितग्राहियों के कांग्रेस सरकार के साढ़े चार साल पूरा हो गए पर गरीबों मंशा पूरी नहीं हो सकी।

राजीव गांधी आश्रय योजना दस्तावेज-आधार कार्ड,राशन कार्ड,निवास प्रमाण पत्र,आय प्रमाण पत्र,बैंक पासबुक,पासपोट साइज फोटो,मोबाईल नम्बर, राजीव गांधी आश्रय योजना 2023 में ऑनलाइन अप्लाई करने की प्रक्रिया है। इसके किए गए आवेदन कहां गए किसी को पता नहीं है। 

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