रायपुर। लगभग 6 साल की शिफ्त फातिमा भोली सूरत और मुस्कान लिए हुए जन्म के साथ बड़ी हुई। जन्म के कुछ साल बाद जब परिजनों को महसूस हुआ कि शिफ्त सुन नहीं सकती तो उन्होंने बच्ची के इलाज के लिए अपने स्तर पर पूरा प्रयास किया। इधर-उधर का चक्कर काटने के बाद जब मासूम शिफ्त फातिमा के परिजनों ने नगरीय प्रशासन एवं विकास एवं श्रम मंत्री डॉ. शिव कुमार डहरिया से बच्ची के उपचार और श्रवण यंत्र के लिए फरियाद की तो मंत्री डॉ.डहरिया ने संवेदनशीलता दिखाते हुए उनकी फरियाद पूरी कर दी। समाज कल्याण के माध्यम से आज आरंग कार्यालय में 6 साल की शिफ्त फातिमा को मंत्री के हाथों श्रवण यंत्र प्रदान किया गया। मंत्री की इस पहल से सुनने में असमर्थ शिफ्त आने वाले कुछ दिनों में सुन पाएगी।
आरंग विकासखण्ड मुख्यालय में रहने वाले मोहम्मद निशाद की पोती शिफ्त बचपन से ही सुनने में असमर्थ है। शिफ्त फातिमा के परिजनों ने कई बार बच्ची के उपचार और श्रवण यंत्र के लिए इधर-उधर चक्कर भी काटे। उनके परिजनों ने बताया कि घर की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं होने की वजह से वे अपनी बच्ची का ठीक से उपचार भी नहीं करा पा रहे थे। कुछ लोग सुनने के लिए कानों का आपरेशन कराने की सलाह भी दे रहे थे। शिफ्त फातिमा के परिजनों ने अपनी समस्या अपने क्षेत्र के विधायक और मंत्री डॉ. डहरिया को बताई। शिफ्त फातिमा के विषय में जानकारी लगते हुए मंत्री डॉ. डहरिया ने न सिर्फ गंभीरता दिखाई। अपनी संवेदनशीलता का परिचय देते हुए उन्होंने तत्काल अपने अधीनस्थ अधिकारियों को निर्देशित किया। उन्होंने समाज कल्याण विभाग के माध्यम से शिफ्त फातिमा को श्रवण यंत्र दिलाने पहल की। आखिरकार समाज कल्याण विभाग के माध्यम से शिफ्त फातिमा को लगभग 84 हजार राशि वाल श्रवण यंत्र मंत्री डॉ. डहरिया ने आज अपने हाथों से प्रदान किया। मंत्री के हाथों श्रवण यंत्र मिलने से जहां उनके परिजन भावुक होने के साथ खुश नजर आए, वहीं दोनों कानों से सुन नहीं पाने वाली बच्ची शिफ्त फातिमा भी श्रवण यंत्र पाकर अपने परिजनों की आवाज सुनने बेताब सा नजर आई। उनके परिजनों का कहना है कि श्रवण यंत्र को कानों में सेट कराने के बाद आपरेशन की संभावना भी कम हो जाएगी। मंत्री की इस पहल का समाज के लोगों सहित आरंगवासियों ने सराहना की। शिफ्त फातिमा को श्रवण यंत्र मिलने पर परिजनों ने मंत्री डॉ. डहरिया के प्रति आभार भी जताया।