रायपुर। छत्तीसगढ़ की जेलों में इस बार भी रक्षा बंधन का पर्व सूखा रहेगा। जेल में बंद कैदियों की बहनों की अरमान पर इस बार भी कोरोना का ग्रहण लग गया है। कोरोना संक्रमण को देखते हुए जेल मुख्यालय ने पिछले दो साल की तरह इस बार भी कैदी भाइयों के लिए रक्षा-बंधन पर्व का आयोजन नहीं करने का फैसला लिया है। लिहाजा, बहनों के लिए जेल प्रबंधन ने परिसर के बाहर बाक्स लगा दिया है, जहां लिफाफों में अपने भाइयों के लिए राखी रखकर बिना मुलाकात के ही लौट जाएंगी।
जेल प्रशासन ने रक्षाबंधन के अवसर पर आयोजित होने वाले राखी बांधने के कार्यक्रम को इस साल फिर से निरस्त कर दिया है। यह तीसरा साल होगा, जब जेल परिसर रक्षाबंधन पर्व के दिन सूना रहेगा। जेल परिसर में नई व्यवस्था के तहत अलग-अलग बाक्स रखे जाएंगे। इसमें कैदियों की बहनें अपने भाइयों के नाम-पता लिखकर राखी बाक्स डालेंगी। लिफाफों में राखी के साथ टीका और चावल दे सकती हैं। उन्हें पूरी तरह सैनिटाइज कर बंदियों को तक पहुंचाया जाएगा।