मनेंद्रगढ़। जहां भगवान श्रीराम और माता सीता का आगमन हुआ था वहां रेत तस्करों ने रेत का पहाड़ बना दिया है। वहां पर भारी मात्रा में रेत भंडारण हो रहा है। बताया जा रहा है कि मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ के बॉर्डर घुघरी में रेत भंडारण किया गया है।
मिली जानकारी के अनुसार, जहां पर रेत भंडारण हो रहा है वहां से 10 मीटर दूर मवई नदी का पुल है जिसके बाद से मध्य प्रदेश की सीमा शुरू हो जाती है। ग्राम पंचायत ने बताया कि इस भंडारण की जानकारी ग्राम पंचायत को नहीं है क्योंकि, 25% पैसे ग्राम पंचायत के नाम रसीद काटी जाती थी जो नहीं काटी गई है। भरतपुर के तहसीलदार ने बताया कि ग्राम घुघरी में रेत भंडारण के दस्तावेज बनें हैं। मगर इतनी भारी मात्रा में रेत भंडारण करना कई प्रश्न चिन्ह खड़ा करता है। जानकारी मिली है कि यहां से रेत मध्यप्रदेश और उत्तरप्रदेश भेजी जाती है।
सीतामढ़ी हरचौका संरक्षित क्षेत्र है। बताया जा रहा है कि यहां पर भगवान श्रीराम का आगमन हुआ था। यहां पर ज्यादा मात्रा में रेत का भंडारण किया गया है लेकिन यहां किसी भी प्रकार से इस बारे में कोई जानकारी नहीं दर्शाई गई है। मवई नदी के तट पर ही सीतामढ़ी धाम भी है जहां राम भगवान एक दिन के लिए रुके थे। हरचौका और घुघरी के ग्रामीण लगातार रेत को लेकर आंदोलन कर रहे हैं।