बारकोड चिपकाकर ठेलों-खोमचों, होटलों में ठगी का नया धंधा

Update: 2023-03-16 05:37 GMT

डाब वाले के फोन-पे बार कोड पर ठग ने चिपकाया अपना बार कोड

झारखंड जामताड़ा छोडक़र ठगों ने छत्तीसगढ़ को बनाया गढ़, ऑनलाइन साइबर ठगी एक्सपर्ट

जसेरि रिपोर्टर

रायपुर। राजधानी रायपुर ठगों के नए-नए पैंतरे अजमाने के लिए सबसे सुरक्षित और सेफ जोन साबित हो रहा है। देशभर के ठगों ने का जमावड़ा रायपुर में हो चुका है। वो ठेले-खोमचे से लेकर बड़े कंपनियों और होटलों में फोन पे का बार कोड बदल कर रुपए अपने खातों में ट्रांसफर आसानी से कर रहे है। ठग ऐसे जगह जाते है जहां बहुत भीड़ हो या बिलकुल खाली हो। चुपचाप वहां लगे फोन-पे के बारकोड को बदल कर वहां अपने खाते वाला बारकोड चिपका देते है और वहां से फुर्र हो जाते है। ऐसे बहुत से घटनाएं रायपुर में लगातार हो रहे है। ठगों के गिरोह ने बारकोड वाला पेन-पे प्लान लेकर राजधानी में हडक़ंप मचा दिया है। ठगों का गिरोह राजधानी में इस तरह सक्रिय है कि जहां भी फोन पे सिस्टम लागू है वहां-वहां जाकर शिकार बना रहे है। ठगों ने किसी को भी नहीं बक्शने का मास्टरप्लान बनाया है जिसमें वो कामयाब होते नजर आ रहे है। पुलिस में शिकायत करने के बाद भी ठगी की रकम नहीं मिल पा रही है। एक ठग ने अकेले रायपुर में 20 हजार से अधिक लोगों से ठगी कर चुका है । महिला को काल करके फोन पे का केवाइसी अपडेट करने का झांसा देकर फोन-पे स्केनर से एटीएम कार्ड को स्कैन करने को कहा और लाखों रुपए ठग लिया।

ऑनलाइन साइबर ठगों पर कार्रवाई करते हुए रायपुर पुलिस ने एक अंतरराज्यीय गिरोह के मास्टमाइंड को गिरफ्तार किया है। झारखंड राज्य का जामताड़ा इलाका आनलाइन साइबर ठगों का गढ़ माना जाता है। इस गढ़ में हजारों युवा केवल नए-नए तरीके से देशभर में हजारों लोगों को ठगी का शिकार बना चुके है और यह सिलसिला अब भी जारी है। रायपुर पुलिस ने इस गिरोह से जुड़शातिर मास्टर माइंड सुनील मंडल को दबोचा है। पुलिस का दावा है कि महज 22 साल की उम्र का सुनील अब तक अकेले ही देशभर में 20 हजार से अधिक लोगो से करोड़ों रूपये ठग चुका है। एएसपी सिटी अभिषेक माहेश्वरी ने बताया कि मूलत: झारखंड राज्य के गोड्डा जिले के मुफ्फसील थाना क्षेत्र के ग्राम डहरलंगी परसपानी निवासी सुनील मंडल ने पिछले साल जुलाई महीने में कबीरनगर इलाके की रहने वाली महिला को काल करके फोन पे का केवाइसी अपडेट करने का झांसा देकर फोन-पे स्केनर से एटीएम कार्ड को स्कैन करने को कहा। महिला ने जैसे ही एटीएम कार्ड स्कैन किया, उसके एसबीआइ खाते से 2.95 लाख रूपये पार हो गए। शिकायत पर पुलिस ने धोखाधड़ी का केस दर्ज कर जांच शुरू की।

एनीडेस्क एप लोड करते ही खाता साफ : ठगी की शिकार अविनाश प्राइड,कबीरनगर की उमा मिश्रा ने पुलिस थाने में शिकायत दर्ज कराया था कि चार जुलाई 2022 को शाम 5.30 बजे उसके मोबाइल नंबर ठग ने 8757087202 से काल करके कहा कि आपके फोन-पे की केवाइसी नहीं हुई है, इसलिए कल आपके अकाउंट से 22 सौ रूपये कट जाएगा, यदि आपको पैसे नहीं कटवाना है तो जैसा मैं बताता हूं, आप करिये कुछ ही मिनट में आपका केवाइसी कंपलीट हो जाएगा। पैसे बचाने के लालच में महिला ने हां कहा। इसके बाद ठग ने कहा कि अपने सीनियर से आपकी काल कनेक्ट कर रहा हूं। फिर उसने दूसरे मोबाइल नंबर 9060185892 से काल कर फोन-पे का केवाइसी वेरिफिकेशन का मैसेज नहीं आने पर एटीएम कार्ड को फोन-पे स्केनर से स्केन करने कहा। महिला ने जैसे ही एटीएम कार्ड स्केन किया उसके स्टेट बैंक खाते से लगातार पैसे कटने के मैसेज आने लगे,तब उसने ठग से कारण पूछा।ठग ने किसी तकनीकी एरर की वजह से पैसे कटने के मैसेज आने और पैसे वापस आ जाने का झांसा देकर एनी डेस्क एप डाउनलोड करवाया।एप डाउनलोड करते ही महिला के दूसरे बैंक खाते से पैसे कटने लगे।इस तरह दोनों खाते से कुल 2.95 लाख रूपये शातिर ठग ने उड़ा लिए।

किराए पर लिए गए खाते में रकम स्थानांतरित

शातिर ठग सुनील ने महिला के खाते से पैसा उड़ाकर किराए पर लिए गए खाते में रकम स्थानांतरित किया था।पुलिस की साइबर टीम ने मोबाइल नंबर के लोकेशन के आधार पर आरोपित की शिनाख्त करने के साथ ही उन बैंक खातों की पूरी जानकारी हासिल की जिसमें ठगा गया पैसा डाला गया था। झारखंड के गोड्डा जिले में कबीरनगर थाना प्रभारी एलेक्जेंडर किरो के नेतृत्तव में पहुंची टीम ने कई दिनों तक कैंप कर आखिरकार सुनील मंडल को दबोच लिया। आरोपित ने ठगी को अंजाम देने दूसरे के नाम पर जारी मोबाइल सिम का इस्तेमाल किया था। यहीं नहीं बैंक खातों के पते भी दूसरे स्थानों के मिले।

फर्जी तरीके से जमीन बेचने वाला गिरफ्तार : राजधानी में फर्जी तरीके से जमीन बेचने का नया मामला सामने आया है। मुजगहन क्षेत्र में कल्पवृक्ष प्रोजेक्ट पार्टनर को धोखा देकर, प्रोजेक्ट की जमीन को फर्जी तरीके से चोरी-छिपे दस्तावेज तैयार कराए गए। इसके बाद करीब 1 करो? 66 लाख से ज्यादा की जमीन लोगों को बेच दी। पार्टनर से धोखाधड़ी कर आरोपी फरार हो गया था। इस मामले की राजेन्द्र नगर थाने में शिकायत की गई, जिसके बाद इस प्रोजेक्ट मालिक विजय नागपुरे को पुलिस ने गिरफ्तार किया है। साथ ही उससे पूछताछ भी की जा रही है। राजधानी के राजेंद्र नगर थाने में खम्हारडीह निवासी अभिषेक अटलानी ने धोखाधड़ी की रिपोर्ट दर्ज कराई है। फरियादी जीके कसलोनाइजर एंड बिल्डर लिमिटेड कंपनी में डायरेक्टर के पद पर कार्यरत है। फरियादी अभिषेक ने बताया कि कोलर टेकारी और छछानपैरी गांव में स्थित जमीन में एक कल्पवृक्ष नामक प्रोजेक्ट लाया गया था। इस संबंध में प्रोजेक्ट की देखरेख और विकास के लिए जीके कालोनाइजर एंड बिल्डर लिमिटेड के डायरेक्टर विनोद जैन और विजय नागपुरे को एमओयू कराकर जिम्मेदारी दी गई थी। कई डायरेक्टरों को यह जानकारी दी कि विजय नागपुरे और विनोद जैन प्रोजेक्ट की देखरेख और विकास कार्य में अनियमितता कर रहे हैं। इसके बाद कुछ और भी शिकायते आईं थी। इस दौरान कंपनी के संचालकों ने जीके कालोनाईजर एंड बिल्डर के कार्यालय में एक बैठक कर तय किया गया कि कल्पवृक्ष प्रोजेक्ट की जमीन को कंपनी के डायरेक्टर सुरेश अटलानी और विजय नागपुरे के संयुक्त हस्ताक्षर से विक्रय किया जाना है। इसके बाद भी विजय नागपुरे और विनोद जैन ने कई प्लाटों को जानकारी और सहमति के बिना विक्रय किया गया। अलग-अलग आकार के प्लाटों को विजय नागपुरे ने सुरेश अटलानी के हस्ताक्षर के बिना अवैध रूप से फर्जी रजिस्ट्री कर बेच दिया गया।  

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