रायपुर। विधानसभा नेता प्रतिपक्ष नारायण चंदेल ने कांग्रेस सांसद राहुल गांधी व कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे से सवाल किया है कि छत्तीसगढ़ की दुष्कर्म पीड़ित बेटियों की चीख उन्हें क्यों सुनाई नही देतीं? खरगे को तो एक परिवार के आदेश निर्देश के सिवाय कुछ सुनाई नहीं देता। उन्हें छत्तीसगढ़ की बेटियों, बहनों, बुजुर्ग महतारियों की चीखें सुनाई नहीं देतीं तो शायद उम्र का असर होगा। कम सुनाई पड़ता होगा। राहुल गांधी ने दुष्कर्म के एक मामले में मध्यप्रदेश की भाजपा सरकार को गुनाहगार बता दिया तो वह खरगे को सुनाई दे गया। गांधी परिवार जो कहे, उसे दोहराना खरगे का मुख्य कर्म है। नित्य कर्म है। रोज ही उन्हें गांधी परिवार के वचनों का भजन गाना ही पड़ता है। न जाने कब केसरी की गति को प्राप्त हो जाएं, इसलिए उतना ही सुनते हैं, जितना राहुल, सोनिया, प्रियंका बोलें। उतना ही कहते हैं, जितना गांधी परिवार कहता है।
नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि कांग्रेस सांसद राहुल गांधी और बहिन प्रियंका तो युवा हैं। उन्हें तो छत्तीसगढ़ की मासूम बच्चियों से लेकर उम्रदराज माताओं तक की चीख सुनाई पड़नी चाहिए। कमाल है कि इनके करुणामयी नेत्रों में न तो छत्तीसगढ़ की भूपेश बघेल सरकार की हकीकत दिखाई देती है और न ही बेटियों की चीखें इनके कान में प्रवेश करती हैं। कारण यह है कि आंखों पर एटीएम की पट्टी बंधी हुई है और कानों में रुई घुसी हुई है। ये छत्तीसगढ़ में मां बहिन बेटियों के साथ हर रोज हो रहे दुष्कर्म के खिलाफ कुछ बोलने की हिम्मत नहीं करते। कारण यह है कि मुंह पर सोने का ताला जड़ दिया गया है।
उन्होंने कहा कि मध्यप्रदेश की घटना राहुल गांधी को भारत माता के हृदय पर आघात लगती है और छत्तीसगढ़ महतारी की बेटियों की अस्मिता पर कांग्रेस राज में जो वज्राघात हो रहा है, वह उन्हें क्या लगता है, यह छत्तीसगढ़ महतारी की संतानें पूछ रही हैं। राहुल, प्रियंका, खरगे बताएं कि इन दुष्कर्म के लिए छत्तीसगढ़ की कांग्रेस सरकार को गुनाहगार कब कहेंगे? जिस दिन प्रियंका गांधी आईं, उस दिन राजधानी में एडिशनल एसपी के दफ्तर की पार्किंग में मासूम बच्ची से रेप हुआ। रक्षाबंधन पर बेटियों के साथ रेप हुआ, शिक्षक दिवस पर शिक्षिका के साथ गैंगरेप हुआ। पोटाकेबिन में छह साल की बच्ची से रेप हुआ। खरगे, राहुल प्रियंका को छत्तीसगढ़ में महिलाओं पर बढ़े अपराध के आंकड़े दिखाई नहीं दे सकते क्योंकि यह इनकी मजबूरी है। कांग्रेस का खर्चा लेना है तो भूपेश बघेल को सारी छूट देना है। लेकिन छत्तीसगढ़ की बेटियों, बहनों और महतारियों के धैर्य का बांध अब टूट गया है। वे कांग्रेस सरकार को उखाड़ फेंकने हुंकार भर रही हैं।