जगदलपुर। सर्पदंश से पीड़ित मां और बेटे को समय पर इलाज मिलने से जिंदगी वापस मिल गई। यह घटना दंतेवाड़ा जिला के फरसपाल निवासी सरिता ठाकुर अपने बेटे बिकेश्वर के साथ बकावंड विकासखण्ड स्थित बेलपुटी अपने मायके आई थी। यहां आठ सितंबर को दोपहर के भोजन के बाद सोते समय एक सांप ने मां-बेटे को डस लिया। बेटे को पैर में डसने के बाद उस सांप ने मां को गले में डसा। गले में तेज दर्द होने के कारण तुरंत मां ने आंखे खोली और सांप को दूसरे कमरे की ओर भागते हुए देखा। इससे पहले की सांप की पहचान हो पाती नए बन रहे दूसरे कमरे के फर्श के छेद में सांप अचानक ओझल हो गया।
सर्पदंश से पीड़ित इन मां-बेटों को तुरंत उपचार के लिए बकावंड सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र में पहुंचाया गया, जहां प्राथमिक उपचार के बाद इन्हें महारानी अस्पताल रिफर कर दिया गया। यहां डाॅ. एस राव के द्वारा सर्पदंश से पीड़ित इन मां-बेटोें का उपचार किया गया। मां सरिता दो दिनों तक जहर के असर के कारण बेहोश रही, मगर चिकित्सकों की दक्षता के कारण उन्हें अपनी जिंदगी वापस मिली। 13 सितंबर को स्वस्थ होने के बाद उन्हें हाॅस्पिटल से डिस्चार्ज किया गया। अब सरिता और उसका बेटा बिकेश्वर पूरी तरह स्वस्थ्य हैं, जिससे पूरे परिवार में खुशियां हैं। सरिता और उसके परिजन चिकित्सकों द्वारा किए गए उपचार के साथ ही महारानी अस्पताल में उपलब्ध सुविधाओं के लिए शासन और जिला प्रशासन का आभार जताया गया है।