पत्थलगांव। जशपुर क्षेत्र पत्थलगांव, तपकरा और बगीचा वन परिक्षेत्र में लंबे अरसे के बाद भी वन विभाग का अमला हाथी और मानवव्दंद को रोक पाने सफल नहीं हो पा रहा है। वन्य प्राणियों के लिए जंगलों में चारा पानी की समस्या के चलते हाथियों के दल अब रिहायशी इलाकों के आसपास ही डेरा डाल कर रहने लगे हैं।
वहीं गरीब परिवार के लोगों के बार बार घरों को तोडऩे से ग्रामीण खुले आसमान के तले रहने की खातिर मजबूत हो गए हैं। जशपुर वन मंडल में 60 से अधिक हाथियों का उत्पात से ग्रामीणों को बचाने के लिए वन मंडलाधिकारी जितेंद्र उपाध्याय ने तपकरा वन परिक्षेत्र में हाथी की पाठशाला की शुरुवात की थी, जहां हाथी मित्र दल गांव—गांव जाकर ग्रामीणों को हाथी से बचने उपाय कर सुरक्षा का दावा कर रहे थे। लेकिन अब हाथी की पाठशाला तपकरा रेंज में सफेद हाथी साबित हो रही है। यहां के दर्जन भर गांवों में एक पखवाड़े से तपकरा हाथियों के दल ने दो दर्जन घरों को अपना निशाना बनाया है तथा 50 एकड़ क्षेत्र में साग—सब्जी की फसल और घर में रखा अनाज को चौपट कर डाला है।
दरअसल, बीते रात तपकरा वनपरिक्षेत्र के अम्बाकछार, सहसपुर, वनमुंडा गांव में हाथियों ने जमकर उत्पाद मचाया है और आधा दर्जन से अधिक घरों को तोड़फोड़ कर घर में रखे अनाज को चट कर गया। हाथी के उत्पात ने तो एक परिवार को खुले आसमान के रहने को मजबूर कर दिया है।