समर्थकों को पदासीन करने चला पैसा और सोर्स
उम्र सीमा में छुट और जद्दोजहद के बाद भाजयुमो की बनी कार्यकारिणी
गुटबाजी के चलते किस्तों में घोषणा , रायपुर सहित क ई जिलों की घोषणा बाकी
नेता पुत्रों और चहेतों को तरजीह, 35 का फार्मूला फेल
सत्ताधारी कांग्रेस के खिलाफ मोर्चा लेने तेजतर्रार युवाओं की अभी भी तलाश
आंतरिक गुटबाजी से पार्टी की सेहत बिगड़ सकती है
गुटबाजी चरम पर तभी तो स्वर्ग सिधार चुके कार्यकर्ता को पद दे दिया
ज़ाकिर घुरसेना
रायपुर। भारतीय जनता पार्टी छत्तीसगढ़ में इन दिनों सब कुछ ठीक नहीं चल रहा है जिसके चलते आए दिन गुटबाजी की खबरों को लेकर सुर्खियों में बनी हुई है। तभी तो आये दिन लोगों के भाजपा की चमचागिरी वाली चटपटी ख़बरें आते रहती है। पिछले कई घटनाओं से अभी तक भाजपाईयों ृने सबक नहीं लिया, जबकि प्रदेश प्रभारी डी पुरंदेश्वरी ने साफ शब्दों में कहा था कि गुटबाजी खत्म कर कांग्रेस के खिलाफ एकजुट हो जाए,और जल्द से जल्द कार्यकारिणी सहित सभी पदों की घोषणा करें, लेकिन गुटबाजी के चलते किस्तों में घोषणा करनी पड़ रही है।
भाजपा में गुटबाजी चरम पर
प्रदेश भाजपा में गुटबाजी चरम पर है तभी तो राजनांदगाव में अपने समर्थक को सेट करवाने के चक्कर में स्वर्गवासी हो चुके कार्यकर्ता को भी संगठन में पद से नवाज दिया गया। गुटबाजी का ही परिणाम है कि युवा मोर्चा में पूरे प्रदेश में नियुक्ति अभी तक नहीं हो पाई है ऊपर से प्रदेश प्रभारी डी. पुरंदेश्वरी के स्पष्ट निर्देश के बावजूद नियक्ति नहीं हो पाना इसी बात की ओर इंगित करता है। बड़े नेता अपने नजदीकी कार्यकत्र्ताओं, रिश्तेदारों को या धन कुबेरों को एडजस्ट करने के चक्कर में अभी तक संपूर्ण जिला अध्यक्षों की नियुक्ति नहीं कर पाई है। एक युवा मोर्चा के नेता ने चर्चा में बताया कि प्रदेश प्रभारी डी पुरंदेश्वरी ने 35 पार नेताओं को युवा मोर्चा में नहीं रखने हेतु केंद्रीय संगठन फरमान सुना दिया है। लेकिन ऐसा लगता है कि उनकी भी अनसुनी की गई। एक नेता ने तो कहा कि जिन्होंने कभी धरना ,प्रदर्शन में कभी भाग नहीं लिया है और ऊँची पद की ख्वाहिश रखते हैं। जबकि प्रदेश प्रभारी ने साफ शब्दों में कहा है कि युवा मोर्चा के कार्यकर्ताओं को प्रमोट कर उनके अनुभव का लाभ लें एवं 35 पार कार्यकर्ताओ को युवा मोर्चा के बदले भाजपा संगठन में एडजस्ट किया जाय। लेकिन गुटबाजी के चलते नौसिखिये लोगो को उच्च पदों पर नियुक्ति देकर पार्टी अपने पैर में कुल्हाड़ी मार कर अपना मिट्टीपलित करवाना चाहती है। नेताओं की एकला चलो की नीति के कारण काफी कार्यकत्र्ता खफा हैं एक कार्यकत्र्ता बड़े मायूसी से कहता है की हमारी पार्टी व्यापारियों की पार्टी बन गई है जहाँ पैसे के दम पर पद खरीद लिए जाते हैं और ऐसे नेता किसी धरना प्रदर्शन में काम ही नजऱ आते हैं। देखा जा रहा है की नए नवेलों को पदाधिकारी बनाकर कमान सौंप देते हैं और पुराने नेता और कार्यकर्ताओं को उनके साथ कदम से कदम मिलकर चलने की हिदायत दी जाती है, कुछ तो विरोध कर लेते हैं लेकिन कुछ पार्टी लाइन के खिलाफ नहीं जाकर घर बैठना पसंद करते हैं।
वर्चस्व की लड़ाई तो नहीं
यहाँ सिर्फ वर्चस्व की लड़ाई नजऱ आती है जो समय समय पर देखी जा सकती है। किसी बड़े नेता से इस सम्बन्ध में चर्चा करने पर एक ही जवाब मिलता है उन्हें इस बारे में कुछ मालूम नहीं है और प्रदेश स्तर पर किसी धरना प्रदर्शन या कार्यक्रम के दौरान सामंजस्य और आपसी सहमति का अभाव नजऱ आता है। एक युवा नेता ने कांग्रेस द्वारा चलाये जा रहे छत्तीसगढिय़ावाद की तारीफ करते हुए कहता है कि कांग्रेस प्रदेश में अपनी जड़ें मजबूत कर रही है और भाजपा गुटबाजी में उलझी हुई है अगर भाजपा भी यही नीति नहीं अपनायी तो हम काफी पीछे चले जायेंगे क्योंकि छत्तीसगढ़ में पिछड़ा वर्ग और एसटीएससी की बहुतायत है जिसे साधने के लिए इस नीति को अपनाना ही होगा।
अजय की चेतावनी की गूंज दिल्ली तक
केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पूरी के रायपुर आगमन के दौरान दो नेताओं में हुए वाक्युद्ध की गूंज दिल्ली दरबार के कानों तक पहुंच गई है कुछ नेताओं को इस घटना से अँधेरे में प्रकाश की उम्मीद नजऱ आ रही है, हो सकता है केंद्रीय संगठन इसे गंभीरता से लेकर यहाँ के नेताओ को सख्त नसीहत दे दे और इन उपेक्षित नेताओं का भाग्य का ताला खुल जाये।
तेज तर्रार युवाओं की जरुरत
दरअसल भारतीय जनता युवा मोर्चा में 35 वर्ष से कम उम्र के तेजतर्रार युवाओं की नियुक्ति होनी है संगठन द्वारा फरमान जारी किया गया है कि युवा मोर्चा में युवाओं को ही तरजीह दिया जाए ताकि वह अभी विपक्ष में है और विपक्ष में तेजतर्रार युवाओं की ही जरूरत पड़ती है जो समय काल परिस्थिति को देखते हुए कार्य कर सकें। चूंकि युवा हर विपरीत परिस्थिति में भी दमखम के साथ मोर्चा संभालते हैं यहां भाजपा विपक्ष में है और बहुत ही कम संख्या में विधायक हैं। इसलिए भाजपा के लिए विपरीत परिस्थिति भी कहे तो गलत नहीं होगा. भारतीय जनता युवा मोर्चा में ऐसे दमदार युवाओं की दरकार है जो धरना प्रदर्शन और सरकार के खिलाफ आंदोलन अच्छी तरीके से कर सकें ।
कुछ मंडल अध्यक्ष कबिलियत वाले भी
फिलहाल भाजयुमो को 35 से कम उम्र के कार्यकर्ता जिला अध्यक्ष के रूप में नहीं मिल रहे हैं, जबकि भारतीय जनता युवा मोर्चा के 18 मंडल अध्यक्षों ने अपनी जवाबदारी बखूबी निभाई है। उनमें से 5 से 6 मंडल अध्यक्ष ऐसे हैं उच्च शिक्षित और उच्च राजनीतिक सोच वाले है उन्हें भी जिला प्रमुख के पदों पर बैठाया जा सकता है,मसलन विशेष विद्रोही गुढिय़ारी मंडल, अर्पित सूर्यवंशी जवाहर नगर मंडल , सजन श्रीवास्तव पूर्व शहर जिला मंत्री सहित कई ऐसे युवा है जो शहर अध्यक्ष पद को संभालने की काबिलियत रखते हैं।
चमचागिरी की संस्कृति हावी
चरण स्पर्श संस्कृति हावी हो गई भाजपा के एक वरिष्ठ कार्यकर्ता ने बताया कि अब हमारी पार्टी संगठित नहीं रही जो पहले थी। यहां भी चरण स्पर्श संस्कृति हावी हो गई है साथ ही पूंजीवादी ताकतों के चंगुल में आ गई है । उन्होंने आगे बताया कि भाजपा में अच्छे से अच्छा कार्यकर्ता आज भी मौजूद हैं लेकिन किसी को चरण स्पर्श नहीं करनी तो किसी को आर्थिक आधार पर अयोग्य घोषित कर दिया जा रहा है । ऐसा सिर्फ इसलिए हो रहा है ताकि अपने चहेतों या अपने रिश्तेदारों को उक्त पदों पर बिठा सकें । जबकि राष्ट्रीय संगठन के आदेश अनुसार 35 वर्ष से अधिक आयु के नेताओं कार्यकर्ताओं को युवा मोर्चा के में पदाधिकारी नहीं बनाना है। 35 वर्ष उम्र वालों को ही भाजयुमो में लेना है। चहेतों और रिश्तेदारों के लिए कर रहे लाबिंग जानकारी यह भी मिली है कि स्थानीय नेता अपने चहेतों या रिश्तेदारों को अध्यक्ष पद पर बिठाने या पदाधिकारी बनाने के लिए उम्र सीमा बढ़ाने की मांग करने वाले हैं । एक नेता ने तो यह भी कहा कि यह एनकेन प्रकारेण 35 वर्ष की उम्र पार कर चुके और 45 वर्ष के अपने चहेतों को हर हाल में ये पद पर आसीन करने का मन बना लिए हैं जो कि वास्तविक हकदार के साथ घोर अन्याय है ।
भाजपा को कांग्रेस से सबक लेना चाहिए
जिस प्रकार कांग्रेस में देखने को मिला था कि ब्लॉक अध्यक्षों की नियुक्ति के बाद बवाल मचा और पैसा देकर रिश्तेदारों को पद देने का आरोप लगाया जा रहा था। बवाल भी ऐसा मचा कि निगम मंडल में नियुक्ति तक के लिए सोचना पड़ रहा है। भाजपा को इससे सबक लेना चाहिए । तरफ भाजपा के वरिष्ठ कार्यकर्ता है जो पैसे की चमक के सामने गुमनाम हो गए हैं वहीँ नए नवेले और धन कुबेरो का बल्ले बल्ले हो गया है। विधानसभा में इतनी बड़ी हार के बाद भी संगठन बेलगाम नजर आ रहा है ।
योग्यता के नाम पर राजनीति
हालांकि प्रत्येक जिले में 35 वर्ष या उससे कम उम्र के काफी दावेदार मिल भी जाएंगे लेकिन योग्यता के नाम पर उनके नाम काट दिए जाएंगे। क्योंकि अभी देखा जा रहा हैं कि योग्यता का पैमाना जी हुजूरी और आर्थिक दृष्टि से संपन्नता को मानी जा रही है ।
अभी भी कई जिला अध्यक्षों की घोषणा बाकी
गुटबाजी के दबाव के कारण अभी केवल कार्यकारिणी और कुछ जिला अध्यक्षों की घोषणा हुई है,कई जिला अध्यक्षों की घोषणा बाकी है जिसमें रायपुर शहर, महासमुंद, दुर्ग, भिलाई, बेमेतरा, कवर्धा, कांकेर, सरगुजा, सूरजपुर, कोरिया, जशपुर प्रमुख है।