खैरागढ़ विधानसभा चुनाव मे मंत्रियों ने संभाला मोर्चा

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Update: 2022-04-06 12:30 GMT

छुरिया। खैरागढ़ विधानसभा चुनाव मे जहां भाजपा की प्रदेश मे सत्ता सरकार नही होने के बाद भी कार्यकर्ताओं की एक बड़ी फौज के साथ समुचा विधानसभा में मोर्चा संभाले हुए है, प्रत्येक बुथ में महिला कार्यकर्ता भी डटी हुई है, चर्चा है कि कांग्रेस पार्टी के नेता जिस तरीके से चुनाव मे रणनीति बनाकर अपने मंत्रियों को चुनाव के मैदान की जवाबदारी दी हुई है उससे खैरागढ़ पालिका चुनाव में जिला के नेताओं का परफारमेंस पार्टी हाईकमान ने देख लिया। बड़े-बड़े अपने को दिग्गज समझने वाले नेता के वार्डों में कांग्रेस के पार्षद बहुत कम वोटों से जीत हासिल किए है। उसी का परिणाम है काग्रेंस हाईकमान ने वर्तमान खैरागढ़ विधानसभा चुनाव में उन्हें जरा भी तवज्जो नहीं दिया गया। खबर काग्रेंस के बड़े नेताओं के इस निर्णय से स्थानीय काग्रेंस के वरिष्ठ कार्यकर्ता काफी खुश है और मन से कांग्रेस प्रत्याशी को जीत दिलाने क्षेत्र मे सक्रीय हो गए है।

तेज कुवर जीतू मुदलियार निखिल द्विवेदी रूबी गरचा वन अचंल क्षेत्र मे हुए शक्रीय?
खैरागढ़ चुनाव में काग्रेंस के शीर्ष नेताओं ने इस चुनाव में हाईकमान जहां एक तरफ व्हाट्सअप, फेसबुक व सिर्फ कुर्ता पैजामा वाले नेताओं को किनारे किया वहीं दिग्गज नेता जीतू मुदलियार, तेज कुवर नेताम, निखील द्विवेदी, रूबी गरचा जैसे नेताओं पर भरोसा कर उनका क्षेत्र में पहचान व जन आधार कार्य करने के तरीके का उपयोग चुनाव में किया जा रहा है। खबर है ये नेता लगातार ग्रामीण क्षेत्र में दौरा कर भूपेश सरकार के उपलब्धि को बता कर काग्रेंस प्रत्याशी के लिए वोट मांग रहे है।
काग्रेंस प्रत्याशी को चुनाव नुकसान पहुंचाने भीतरघात नेता शक्रीय
खैरागढ़ विधानसभा उप चुनाव मे जिला के कुछ काग्रेंस नेता नकाब ओड़कर क्षेत्र में काग्रेंस प्रत्याशी को चुनाव मे नुकसान पहुंचाने भीतरघात नेता भाजपा से सुपारी लेकर क्षेत्र में सक्रिय होने का भी जानकारी है। बताया जाता है जिला सगंठन के बड़े नेता द्वारा ऐसे नेता को संरक्षण प्राप्त है। खबर तो यहां तक है वे कार्यक्रम में कांग्रेस के कार्यकर्ताओं का अपमान व उपेक्षा कर रहे बताते है, वे स्वयं खैरागढ़ विधानसभा मे टिकट के दावेदार थे। टिकट नहीं मिलने से वे अंदर से काग्रेंस के लिए काफी खफा है, मगर क्षेत्र में जनता के बीच एक महौल जमकर बना हुआ है। भूपेश है तो भरोसा है। कका हमर जिंदा है। ये नारा कांग्रेस प्रत्याशी के लिए भारी मतो से जीत तय कर दिया है।

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