रायपुर। नगरीय प्रशासन एवं विकास तथा श्रम मंत्री डॉ. शिवकुमार डहरिया अभियंता दिवस के उपलक्ष्य में छत्तीसगढ़ अर्बन इंजीनियर्स एसोसिएशन द्वारा होटल बेबीलॉन इंटरनेशनल में आयोजित कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में शामिल हुए। इस अवसर पर उन्होंने इंजीनियरों को संबोधित करते हुए कहा कि जिस तरह एक चिकित्सक का पेशा जिम्मेदारियों से और किसी के जीवन से जुड़ा होता है, उसी तरह इंजीनियरों का कार्य भी अंधोसंरचना के साथ विकास से जुड़ा होता है। इसी अधोसंरचना और निर्माण से विकास की नींव तैयार होती है। एक सुनहरा भविष्य बुना जाता है। किसी भी निर्माण कार्य में गुणवत्ता के साथ उसे बेहतर से बेहतर बनाते हुए एक लैण्डमार्क बनाने में इंजीनियर की अदभुत कौशल कला नजर आती है। इसलिए इंजीनियर्स की पहचान एक सृष्टिकर्ता के रूप में भी होती है। उन्होंने कहा कि गुण्वत्तामूलक कार्य करने वाले इंजीनियरों की पहचान सदैव ही होती है। आकर्षक भवन, निर्माण कार्य को देखकर इंजीनियर के कौशल का अंदाजा लगाया जा सकता है।
कार्यक्रम में मंत्री डॉ. डहरिया ने छत्तीसगढ़ के नगरीय विकास में इंजीनियरों के योगदान की सराहना करते हु कहा कि ओ भी वे इसी तरह कार्य करते रहे। वर्तमान में कार्यरत उच्चाधिकारियों वरिष्ठ अभियंताओं द्वारा भी सभी अभियंताओं को मार्गदर्शन एवं अच्छा कार्य करने हेतु प्रोत्साहन दिया गया। सेवानिवृत्त अभियंताओं ने अपने अनुभव वर्तमान कार्यरत अभियंताओं से साझा किए एवं कार्य करने की शैली के संबंध में तथा विभाग के कार्यप्रणाली के संबंध में विस्तृत जानकारी अभियंताओं को दी। कार्यक्रम में छत्तीसगढ़ के सभी निकायों के इंजीनियर ,नगर पंचायत, नगर पालिका परिषद, नगर निगम एवं विभाग के संभागीय कार्यालयों के लगभग 450 इंजीनियर उपस्थित थे। मंत्री डॉ. डहरिया ने विभाग से सेवानिवृत्त अभियंताओं को शॉल, श्रीफल तथा मोमेंटो एवं प्रशस्ति पत्र प्रदान कर सम्मानित किया। कार्यक्रम में मुख्य रूप से विभाग के मुख्य अभियंता संजीव व्यवहार, मुख्य अभियंता श्री भागीरथी वर्मा, सहायक अभियंता मनीष कुमार स्वर्णकार ,सहायक अभियंता अंशुल शर्मा, सहायक अभियंता आभाष मिश्रा ,सहायक अभियंता निशिकांत, उप अभियंता सोहन गुप्ता ,उप अभियंता हर्षित अजमानी ,उप अभियंता मयंक साहू ,उप अभियंता सोनभद्र ,उप अभियंता सम्वेद, उप अभियंता सुरेंद्र मृगा तथा अन्य सभी अभियंता गढ़ उपस्थित थे। कार्यक्रम की सभी अभियंताओं ने बहुत सराहना की एवं आगामी वर्षों में भी ऐसे कार्यक्रम कराए जाने अपेक्षा की है। कार्यक्रम के दौरान छत्तीसगढ़ अर्बन इंजीनियर्स एसोसिएशन का गठन किया गया।