14 मार्च को खदान महाबंद, संयुक्त सलाहकार समिति ने बताया निंदनीय

छत्तीसगढ़

Update: 2022-03-13 14:58 GMT

कोरबा। कोरबा जिले की एसईसीएल कुसमुंडा परियोजना में नौकरी की मांग को लेकर 14 मार्च को खदान महाबंद का ऐलान किया गया है। इस महाबंद को एसईसीएल प्रबंधन के साथ हुई बैठक को श्रमिक नेताओं ने उचित नहीं ठहराया है। खदान बंद की सूचना के मद्देनजर शनिवार को क्षेत्रीय संयुक्त सलाहकार समिति की बैठक में प्रबंधन द्वारा विचार मंगाया गया।

बैठक में उपस्थित सदस्यों बीकेएमएस से डी.सी. झा, राजेश त्रिवेदी, अरूण झा केएमएस, एसईकेएमसी से आर.सी. मिश्रा, ए.के. अंसारी, ए.एस.एन. राव, एसकेएमएस, राज लल्लन पाण्डेय एसकेएमएस, शेख बच्चा केएसएस, सज्जी टी. जॉन केएसएस, शैलेष राय सीएमओएआई एवं मिलन कुमार पाण्डेय केएमएस ने संयुक्त रूप से 14 मार्च को बाहरी तत्वों द्वारा प्रस्तावित कुसमुंडा खदान महाबंद की कड़ी निंदा एवं भर्त्सना की है।

इन्होंने कहा है कि ऐसे समय में जब देश में कोयला को लेकर हाहाकार मचा हुआ है और मार्च माह में इस प्रकार खदान बंद करने से छग शासन की आमदनी एवं देश को कोयले की आवश्यकता प्रभावित होगी। हड़ताल का आह्वान करने वालों को संदेश दिया जाए कि रोजगार की समस्या काफी पुरानी है इसलिए खदान बंद करना कोई समाधान नहीं है बल्कि वार्तालाप के माध्यम से समाधान संभावित है।

हमारा कोई भी कामगार इस हड़ताल का समर्थन नहीं करेगा एवं वे अपना कार्य निष्ठापूर्वक करेंगे तथा प्रयास करेंगे कि अन्य दिनों की अपेक्षा अधिक उत्पादन हो सके। कुसमुंडा खदान के कर्मचारीध्अधिकारी किसी भी कीमत पर बाहरी तत्वों के द्वारा बंद में शामिल नहीं होंगे। सलाहकार समिति ने कहा है कि हड़ताली व्यक्तियों से वार्तालाप के माध्यम से समस्याओं के उचित निदान करने की पहल की जाए।

खदान में बाहरी प्रवेश पर हो सख्त पाबंदी
क्षेत्रीय संयुक्त सलाहकार समिति के पदाधिकारियों ने यह भी कहा है कि खदान में बाहरी व्यक्तियों के प्रवेश पर सख्त पाबंदी लगाई जाए ताकि पूर्व में कर्मचारियों के साथ बाहरी व्यक्तियों द्वारा गाली-गलौच, मारपीट इत्यादि किये जाने की घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो।
प्रतिनिधियों ने यह भी कहा कि इसके लिए जिला प्रशासन एवं राज्य शासन से इसकी शिकायत एवं कार्यवाही हेतु अनुरोध किया जाए तथा ऐसे लोगों पर प्रतिबंधात्मक कार्यवाही हेतु सतत रूप से कार्यवाही की मांग की जाए।

Similar News

-->