कांकेर। कलेक्टर शुक्ला की अध्यक्षता में आज चिराग परियोजना अंतर्गत जिला परियोजना प्रबंधन इकाई की बैठक आयोजित की गई, जिसमें जिला स्तरीय अधिकारी तथा चिराग परियोजना निदेशक चंदन संजय त्रिपाठी, विश्व बैंक के टॉस्क टीम लीडर राज गांगुली को टास्क टीम लीडर ब्रिमला नाथन, एएफएडी से गायत्री माहर के साथ 25 सदस्यीय विशेषज्ञ दल के सदस्य शामिल हुए। कलेक्टर डॉ. प्रियंका शुक्ला की ओर से जिले में चिराग परियोजना अंतर्गत किए जा रहे कार्यों व विभिन्न विभागों की भूमिका के विषय में विस्तार से बताया गया। उन्होंने कहा कि परियोजना के उद्देष्य के अनुरूप किसानों के लिए पोषण उपलब्धता में सुधार व उनकी आय में वृद्धि के लिए निरंतर प्रयास किये जा रहे हैं। मिलेट मिषन के तहत् जिले में कोदो, कुटकी, रागी की खेती को बढ़ावा दिया जा रहा है, इस वर्ष 05 हजार क्विंटल की खरीदी की गई है। कृषि विज्ञान केन्द्र कांकेर व दुर्गूकोंदल विकासखंड के ग्राम गोटुलमुण्डा में लघु धान्य प्रसंस्करण इकाई स्थापित की गई है। इसके अलावा निजी क्षेत्र में अवनी आयुर्वेदा द्वारा कांकेर जिले के नाथियानवागांव में देष का सबसे बड़ा मिलेट प्रोसेसिंग यूनिट स्थापित की गई है। महिलाओं की आय में वृद्धि के लिए समूह के माध्यम से विभिन्न गतिविधियां संचालित की जा रही है। गौठानों में लेयर फार्मिंग, बत्तख पालन, सामुदायिक बाड़ी, मछली पालन, वर्मी कम्पोस्ट का निर्माण, गौ-मूत्र से कीटनाषक (ब्रम्हास्त्र) इत्यादि से संबंधित कार्य भी किये जा रहे हैं। चारामा विकासखंड के सराधुनवागांव गौठान में गोबर से पेंट व पुट्टी भी बनाया जा रहा है। जिले में सीताफल के उत्पादन व विक्रय की जानकारी भी उनके द्वारा दी गई।
चिराग परियोजना के निदेशक चंदन संजय त्रिपाठी की ओर से चिराग परियोजना का संक्षिप्त परिचय देते हुए इसके विभिन्न घटकों के अंतर्गत सामुदायिक संरचनात्मक व्यवस्था, समन्वित कृषि प्रणाली व मूल्य संवर्धन की श्रृंखला के विषय में बताया गया। उन्होंने बताया कि कृषि आधारित आजीविका और पोषण इस परियोजना के मुख्य लक्ष्य है, जिसके लिए विभिन्न स्तरों पर विशेषज्ञ व तकनीकी सहयोगी संस्था कार्यरत है। विश्व बैंक के टॉस्क टीम लीडर राज गांगुली ने जिले व विकासखंड स्तरीय विशिष्टता आधारित नियोजन की बात कही जो स्थानीय आजीविका व पोषण का समर्थन करें, साथ ही मूल्य श्रृंखला विकसित कर स्थानीय उत्पादों को वैष्विक स्तर तक पहुंचाने के लिए व्यवस्था विकसित करने का सुझाव भी दिया। विश्व बैंक के टॉस्क टीम लीडर ब्रिमला नाथन ने कहा कि यह एशिया का पहला विष्व बैंक समर्पित परियोजना है, जो आजीविका विकास के साथ-साथ स्थानीय स्तर पर पोषण को बढ़ावा देने के लिए क्रियान्वित किया जा रहा है। आईएफएडी के गायत्री महार ने चिराग परियोजना अंतर्गत विभिन्न गतिविधियों का क्रियान्वयन, परियोजना क्षेत्र में जेंडर समानता, सीमांत व लघु कृषकों के जुड़ाव, पर्यावरणीय व सामाजिक सुरक्षा, लिंग आधारित हिंसा की रोकथाम विषय पर अपने विचार व्यक्त किये। विश्व बैंक के वरिष्ठ सामाजिक सलाहकार पार्थ प्रिया घोष की ओर से पर्यावरण व सामाजिक मापदंडों के अनुरूप परियोजना में आदिवासी विकास, शिकायत निवारण प्रणाली, श्रमिक की ओर से पालन किए जाने वाले नियमों व निषेध तथा पर्यावरण व सामाजिक प्रबंधन प्रणाली के विषय में बताया गया। विश्व बैंक के पोषण सलाहकार लक्ष्मी दुर्गा की ओर से चिराग परियोजना में पोषण के महत्व व किए जाने वाले कार्यों के विषय में चर्चा की गई। चिराग परियोजना निदेशक चंदन संजय त्रिपाठी की ओर से आगामी 3 माह में किए जाने वाले कार्यों के विषय में बताया गया। जिला पंचायत सीईओ की ओर से सुमीत अग्रवाल द्वारा जिले में संचालित गतिविधियों का प्रस्तुतीकरण किया गया। बैठक में वन मंडलाधिकारी कांकेर आलोक बाजपेयी सहित विभिन्न विभागों के जिला अधिकारी उपस्थित थे।