बीजापुर। छत्तीसगढ़ के पुलिस की फाइल में मोस्ट वांटेड लिस्ट में शामिल रहे बस्तर में लंबे समय से माओवादी संगठन में सेंट्रल कमेटी मेंबर नक्सली नेता गजराला सत्यनारायण रेड्डी उर्फ गोपन्ना मरकाम को शनिवार को सभी आरोपों से बरी करते हुए केंद्रीय जेल जगदलपुर से रिहा कर दिया गया है। पुलिस उनके ऊपर लगे 18 से अधिक मामलों में से एक भी मामला सिद्ध नहीं कर पाई और सभी आरोप निराधार पाते हुए न्यायालय ने नक्सली नेता गोपन्ना मरकाम को रिहा करने के निर्देश दिए और शनिवार को केंद्रीय जेल जगदलपुर से गोपन्ना को रिहा कर दिया गया है। साल 2006 में राजधानी रायपुर से लगे गरियाबंद में पुलिस ने गोपन्ना को तस्कर समझकर गिरफ्तार किया था। यह गिरफ्तारी बड़े ही नाटकीय अंदाज में हुई थी। गिरफ्तारी के दौरान गोपन्ना नक्सलियों के छत्तीसगढ़ ओड़िशा बॉर्डर जोनल कमेटी का सचिव और केंद्रीय कमेटी का सदस्य था।
पुलिस ने उसे तुक्के में तस्कर समझ कर गिरफ्तार किया था, और उसके बाद उसकी पहचान नक्सली नेता गोपन्ना मरकाम के रूप में हुई थी, लगभग 16 साल केंद्रीय जेल जगदलपुर में रहने के बाद भी गोपन्ना पर पुलिस द्वारा लगाए गए सभी आरोप निराधार पाए गए, इन सभी मामलों में पुलिस के द्वारा सबूत पेश नहीं करने के चलते न्यायालय ने गोपन्ना मरकाम को बाईज्जत बरी कर दिया। शनिवार को बस्तर के केंद्रीय जेल से नक्सली नेता की रिहाई हो गई ,जानकारी के मुताबिक गोपन्ना मरकाम तेलंगाना के नलगोंडा जिला का रहने वाला है और उसके रिहाई के बाद उसका परिवार उसे लेने जगदलपुर के केंद्रीय जेल में पहुंचा हुआ था। गोपन्ना मरकाम पर 18 से अधिक मामलों के साथ कई बड़े नक्सली वारदातों में होने के आरोप थे ,गोपन्ना के सुकमा में सक्रिय रहने के दौरान आईडी ब्लॉस्ट कर जवानों पर हमला करने का भी आरोप लगा था ,पुलिस द्वारा उन पर लगे सभी आरोपों में से एक भी आरोप पर सबूत पेश नहीं कर पाई ,जिसके चलते आखिरकार गोपन्ना को रिहा कर दिया गया।