रायपुर। माल वाहन में सवारी बिठाना न केवल गैरकानूनी है, बल्कि यह सुरक्षा के दृष्टिकोण से भी बेहद खतरनाक है। मोटर वाहन अधिनियम के तहत इसके लिए कठोर दंड का प्रावधान है। वाहन चालकों और मालिकों को चाहिए कि वे कानून का पालन करें और इस प्रकार के जोखिम से बचें।
👉माल वाहन यात्रियों के बैठने के लिए डिज़ाइन नहीं किए गए होते हैं। सुरक्षा बेल्ट, हैंडल और अन्य सुरक्षा सुविधाओं का अभाव होता है।
👉 वाहन चलाते समय झटका इत्यादि से दुर्घटना का खतरा
👉सवारियों का वजन वाहन का संतुलन बिगाड़ सकता है, जिससे दुर्घटना की संभावना बढ़ जाती है।
बीमा नियमों का उल्लंघन
👉माल वाहन का बीमा केवल सामान ढुलाई के लिए होता है। यदि वाहन में सवारियां बिठाई जाती हैं और कोई दुर्घटना हो जाती है, तो बीमा कंपनी मुआवजा देने से इनकार कर सकती है।
कानूनी प्रावधान (मोटर वाहन अधिनियम, 1988)
धारा 66: परमिट की शर्तों का उल्लंघन
👉माल वाहन को केवल सामान ढुलाई के लिए पंजीकृत किया जाता है। अगर सवारी बिठाई जाती है, तो यह परमिट की शर्तों का उल्लंघन होगा। जुर्माना ₹10,000 (पहली बार) और ₹25,000 (दोबारा उल्लंघन पर) के साथ जेल का प्रावधान।
190(2)खतरनाक स्थिति पैदा करना
👉 सवारियों को बिठाना खतरनाक माना जाता है। यह अन्य लोगों के जीवन को खतरे में डाल सकता है। जुर्माना ₹5000 या अधिक, साथ में वाहन का पंजीकरण रद्द किया जा सकता है।
धारा 192: अनधिकृत उपयोग
यदि वाहन को उसके पंजीकरण उद्देश्य (माल ढुलाई) के अलावा किसी अन्य उद्देश्य (सवारी बिठाने) के लिए उपयोग किया जाता है, तो यह अवैध माना जाएगा, जुर्माना ₹5000 - ₹10,000 और वाहन जब्त किया जा सकता है।
धारा 200: कंपाउंडेबल अपराध
वाहन मालिक या ड्राइवर को मौका दिया जा सकता है कि वह अदालत में जाने के बजाय मौके पर जुर्माना भर दे।
मालवाहनो में सवारी बिठाना गैर कानूनी एवम असुरक्षित है ,इसलिए याता यात के नियमो का पालन करें।