कई एसपी और कलेक्टर भी ED की रडार में

Update: 2022-10-18 09:09 GMT

रायपुर। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) को छत्तीसगढ़ में छापे-सर्वे की कार्रवाई को आठ दिन हो रहे हैं और वह अब तक 16 महीनों के कार्यकाल का हिसाब-किताब तलाश कर पाई है। उसे कुल 52 महीनों के मनीलॉड्रिंग, खदान आबंटन, जमीन खरीदी-बिक्री का रिकॉर्ड चाहिए। इसमें 2017 में सत्तारूढ़ भाजपा सरकार के कार्यकाल के भी शामिल हैं। इस बीच ईडी के 12 अफसरों की टीम सीआरपीएफ जवानों के साथ मंगलवार सुबह 5 बजे गरियाबंद के पाण्डुका पहुंची। जहां रानू साहू का मायका है। घर में रानू की मां लक्ष्मी साहू, जिला पंचायत सदस्य, चचेरे भाई शैलेन्द्र साहू रहते हैं। सुबह से घर में जांच के बाद ईडी अफसर पाण्डुका स्थित बैंक भी गए। जहां, साहू परिवार के कुछ खाते ऑपरेट होते हैं। इस संबंध में बताया गया है कि पाण्डुका के छत्तीसगढ़ ग्रामीण बैंक के कैशियर और एसडीएफसी की महिला कर्मी को भी पूछताछ के लिए अपने साथ लिया है।

सूत्रों के मुताबिक, गरियाबंद के मैनपुर में एक 12 एकड़ के तालाब का मालिकाना हक साहू परिवार के होने का पता चला था। उसके वेरिफिकेशन के लिए ईडी टीम गई है। बताया जा रहा है कि रानू और उसके परिजनों ने दो जमीन दलालों के जरिए रायपुर गरियाबंद में बड़े पैमाने पर जमीनें खरीदी हैं। दोनों दलालों के नाम एक है, लेकिन सरनेम अलग-अलग है। एडीशनल डायरेक्टर एक एईओ के साथ दर्जनभर अफसर लक्ष्मी साहू के घर पहुंचे तो पहले परिवार ने विरोध किया, लेकिन थोड़ी देर की चर्चा के बाद ईडी अफसर घर भीतर हो लिए। बताया गया है कि यह विरोध शैलेन्द्र साहू ने किया।

सूत्रों के मुताबिक ईडी जांच समीर विश्नोई, जेपी मौर्य, रानू साहू के साथ दर्जनभर और आईएएस, आईपीएस अफसरों तक जाने के संकेत हैं। इनमें अधिकांश वे, एसपी-कलेक्टर है जो 2017 से अब तक माइनिंग डिस्ट्रिक्ट में पदस्थ रहे हैं। साथ ही इसी दौरान खनिज विभाग में सचिव, संयुक्त सचिव, विशेष सचिव रहे अफसरों से भी पूछताछ होगी। ईडी सूत्रों ने चर्चा में बताया कि इस पूरे मामले शुरूआती पूछताछ के बाद से गायब लोगों पर लुक आउट नोटिस जारी की जा सकती है। इनमें एक साले-जीजा की जोड़ी शामिल है। इस बीच ईडी गिरफ्तार कारोबारी सुनील अग्रवाल की पत्नी से भी पूछताछ करेगी। इसके अलावा श्रीमती अग्रवाल को भी पूछताछ के लिए बुलाया गया है।

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