बंदरों के हमले से कई लोग हुए जख्मी, कड़ी मशक्क्त के बाद वन विभाग ने पकड़ा

Update: 2022-11-03 03:15 GMT

दुर्ग। जिले में पिछले तीन चार दिनों से बंदरों का आतंक है। तीन बंदर इतने उत्पाती हो गए थे कि वो इंसान पर हमला करके उन्हें घायल कर रहे थे। इन बंदरों ने अब तक 10 लोगों को बुरी तरह घायल कर दिया है। वही  ओडिशा से आई एक 55 साल की महिला के पैर को बंदर ने बुरी तरह काटा, जिससे उसे रायपुर मेकाहारा रेफर करना पड़ा। बंदर ने महिला के पैर से मांस नोच लिया है।

उसे जिला अस्पताल ले जाया गया, जहां से महिला को सीधे रायपुर रेफर किया गया। घायल महिला का नाम अहिल्या कख (55 साल) है। वह अपनी बेटी सुजाता सोनी के घर दुर्ग आई थी। सुजाता ने बताया कि उसकी मां सुबह 8 बजे पास की दुकान में दूध लेने गई थी। वहां अचानक बंदर आया और महिला के पैर को इतना बुरी तरह काटा कि महिला वहीं गिर गई। आसपास के लोगों ने किसी तरह महिला को बचाया। इसके बाद उसे जिला अस्पताल भिजवाया गया। डाक्टरों ने कहा कि महिला की हालत गंभीर है, अगर जल्दी काबू में नहीं आई तो उसका पैर काटना पड़ेगा।

डीएफओ शशि कुमार ने बताया कि तीनों बंदर नर हैं। बंदरों के झुंड ने उन्हें अपने से अलग कर दिया था। इससे वह पहले से हिंसक हो गए। कसारीडीह क्षेत्र में कुछ लड़कों ने बंदरों को पत्थरों से मारा और काफी परेशान किया। इसके बाद वह इतने हिंसक हो गए कि लोगों पर हमला करने लगे। बाद में वन विभाग दुर्ग, राजनांदगांव और रायपुर से आई विशेष टीम ने तीनों बंदरों का रेस्क्यू किया। बंदरों को पकड़ने में स्नेक रेस्क्यू करने वाले राजा की महत्वपूर्ण भूमिका रही।

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