चिंतन शिविर से कई बड़े चेहरे नदारद

Update: 2021-09-01 05:40 GMT

कई मंत्रियों और बड़े पदाधिकारियों को आमंत्रण नहीं

जसेरि रिपोर्टर

रायपुर/जगदलपुर। चुनिंदा चेहरे के साथ बीजेपी मिशन 2023 के लिए रोड मैप तैयार कर रही बस्तर। छत्तीसगढ़ बीजेपी ने बस्तर में तीन दिवसीय 'चिंतन शिविरÓ का आयोजन किया है। इस चिंतन शिविर में बीजेपी मिशन 2023 के लिए चिंतन कर रही है। चुनावी रणनीति पर मंथन कर रही है। इस शिविर में कई बड़े चेहरे शामिल हुए और कई बड़े चेहरे नदारद रहे। गायब चेहरों में पूर्व मंत्री भी शामिल हैं, जिससे सियासी गलियारे में कई तरह के चर्चे हैं, जबकि नेताओं में भी कहीं न कहीं इस बात की खटास होगी कि पार्टी कहीं दरकिनार तो नहीं रही है। ये सवाल लाजमी है, क्योंकि कई बड़े चेहरे चुनावी रणनीति से बाहर हैं। छत्तीसगढ़ बीजेपी के कई नेता इस शिविर में हिस्सा नहीं ले सके। बस्तर में बीजेपी के चिंतन शिविर में इन चेहरों की गैरमौजूदगी कई सवालों को जन्म दे रही है, क्योंकि बीजेपी मिशन 2023 को लेकर एक्शन प्लान तैयार कर रही है। यहां कई बड़े नेताओं का जमावड़ा है। इसमें राष्ट्रीय सह संगठन महामंत्री शिवप्रकाश, प्रदेश प्रभारी डी. पुरंदेश्वरी, सह प्रभारी नितिन नबीन, पूर्व मुख्यमंत्री डॉक्टर रमन सिंह, प्रदेश अध्यक्ष विष्णुदेव साय समेत सभी सांसद-विधायक मौजूद हैं।

बड़े चेहरे नदारद

चिंतन शिविर में भाजपा नेता गौरीशंकर अग्रवाल, अमर अग्रवाल, राजेश मूणत, सुभाष राव समेत कई नेता शामिल हैं। ये नेता बरसों से संगठन के कर्ताधर्ता रहे हैं, लेकिन उन्हें बुलावा नहीं भेजा गया। इन नेताओं को जैसे ही चिंतन शिविर में न्यौता नहीं मिलने की जानकारी लगी, तो नेताओं के खूब हाथ-पांव मारा, लेकिन नियम कायदे कहां काम आने वाले थे। नेताओं को बड़े नेताओं के पास से खाली हाथ ही लौटना पड़ा। मीटिंग में शामिल नहीं होने से इन दिग्गजों के मन में मलाल तो जरूर होगा, लेकिन डी. पुरंदेश्वरी के फरमान के सामने कहां टिकने वाला था।

बस्तर में चिंतन शिविर से पहले कई नेता स्थल चयन के लिए जगदलपुर गए थे। इसमें सुभाष राव और राजेश मूणत दोनों भी गए थे, जिन्होंने वहां चिंतन शिविर के लिए पूरी व्यवस्था भी की थी, लेकिन अचानाक चले सियासी फरमान से पूर्व मंत्रियों समेत कई चेहरे पल भर में मीटिंग की लिस्ट से गायब हो गए। सूची हाथ में आते ही नेताओं की सांसें फूलने लगी और सांस हलक पर आ गई, लेकिन एंट्री मुनासिब नहीं हुआ। चुनिंदा चेहरे के साथ बीजेपी मिशन 2023 के लिए रोड मैप तैयार कर रही है, लेकिन राजनीतिक गलियारों में चर्चों का बाजार गर्म है।

सियासी सवाल पैदा

इस बैठक में कई दिग्गजों के नहीं होने पर पूर्व सीएम रमन सिंह ने कहा कि संगठन के लिए सभी महत्वपूर्ण हैं। कुछ पैरामीटर तय किया गया होगा, जबकि उन्होंने ये नहीं कहा कि नेताओं को क्यों इस मीटिंग से दूर रखा गया है. जबकि ये नेता पार्टी के लिए लंबे समय से कर्ताधर्ता रहे हैं, लेकिन अचानक से पार्टी मीटिंग से गायब कर देना, सियासी सवालों को पैदा कर रही है।

मिशन 2023 को लेकर तैयार की जा रही रणनीति

छत्तीसगढ़ बीजेपी ने बस्तर में 'चिंतन शिविरÓ का आयोजन किया है. जिसमें बीजेपी ने मिशन 2023 की चुनावी रणनीति पर मंथन शुरू कर दिया है. इस बैठक में राष्ट्रीय सह संगठन महामंत्री शिवप्रकाश, प्रदेश प्रभारी डी. पुरंदेश्वरी, सह प्रभारी नितिन नबीन, पूर्व मुख्यमंत्री डॉक्टर रमन सिंह, प्रदेश अध्यक्ष विष्णुदेव साय समेत सभी सांसद-विधायक मौजूद रहे. चिंतन शिविर में बीजेपी आदिवासी सीटों पर नजऱ रखने के साथ धर्मान्तरण पर राजनीतिक लाभ, नक्सल मामले में सरकार की असफलता, बेरोजग़ारी और ठप्प विकास जैसे मुद्दों पर रणनीति तैयार करेगी.चिंतन शिविर में शामिल हुए पूर्व मुख्यमंत्री डॉक्टर रमन सिंह ने कहा कि प्रकृति ने साथ दिया लंबे समय बाद 45 मिनट की तेज बारिश हुई है. बैठक की शुरुआत में हुई ये बारिश एक शुभ संकेत है. मौसम में बदलाव आया है. वैसे भी छत्तीसगढ़ का राजनीतिक मौसम बदल रहा है. छत्तीसगढ़ में सरकार के भीतर खुलेआम अब नारे लग रहे हैं. कांग्रेस पूरी तरह से विभाजित दिख रही है. इसकी परिणिति क्या होगी ये भविष्य बताएगा. उन्होंने कहा कि चिंतन शिविर के ज़रिए बीजेपी शॉर्ट टर्म और लाँग टर्म स्ट्रेटजी तैयार करेगी. आने वाले तीन और छह महीना की स्ट्रेटजी के साथ ढाई सालों की स्ट्रेटजी पर काम करेगी. मुख्य एजेंडा यही होगा कि 2023 के चुनाव में बीजेपी की स्ट्रेटजी कैसे होगी ? साथ ही कांग्रेस सरकार की असफलता को लेकर जनता के बीच हम कैसे जाएंगे. नेतृत्व को लेकर पूछे गए सवाल पर डॉक्टर रमन सिंह ने कहा कि आज यह तय कर पाना बेहद मुश्किल है. चेहरा कौन होगा या नहीं ? मूल विषय यही है कि दो दिनों तक हम अपनी कार्ययोजना पर चर्चा करेंगे. कई बड़े नेताओं को नहीं बुलाए जाने पर कहा कि संगठन के लिए सभी महत्वपूर्ण है. कुछ पैरामीटर तय किया गया होगा. प्रदेश अध्यक्ष विष्णुदेव साय ने कहा कि मिशन 2023 की रणनीति के लिहाज़ से ये सबसे अहम बैठक है. 2023 में राज्य में बीजेपी की सरकार बनानी है, सरकार कैसे बनेगी ? इसका रास्ता ढूँढा जाएगा।

राज्य सरकार किसानों, आदिवासियों जैसे तमाम मोर्चों पर फेल है. लोग समझ गए हैं कि सरकार ने केवल वोट बैंक के लिए उनका इस्तेमाल किया है.

राज्यसभा सांसद और पूर्व राष्ट्रीय महासचिव सरोज पांडेय ने कहा कि छत्तीसगढ़ में हम अब तक बड़ी बैठके रायपुर में होती रही है. अब बस्तर के जरिए दूसरी जगहों पर भी बैठक की शुरुआत कर रहे हैं. इस बैठक में पार्टी की रणनीति पर बात होगी. हार की वजहों पर चर्चा होगी और जीत की रणनीति पर बात होगी. नेतृत्व को लेकर बीजेपी में चल रहे बदलाव पर सरोज पांडेय ने कहा कि बीजेपी में संगठन काम करता है. फि़लहाल नेतृत्व में किसी तरह के बदलाव की बात नहीं है.

नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक ने कहा कि हर 5 साल में हम चिंतन शिविर का आयोजन करते हैं. आने वाले समय की कार्ययोजना बनेगी. नक्सलवाद के बढऩे, धर्मांतरण, सरकार के ख़िलाफ़ बढ़ते आंदोलन, भ्रष्टाचार जैसे मुद्दों पर चर्चा कर रोडमैप तैयार किया जाएगा. इस बैठक के ज़रिए बीजेपी संगठन को मज़बूत किया जाएगा. व्यापक कार्ययोजना इस बैठक में तैयार होगी.

भाजपा प्रदेश प्रभारी और राष्ट्रीय महामंत्री डी. पुरंदेश्वरी ने कहा कि बस्तर मेरे लिए मेरे घर जैसे ही है. बस्तर और मेरे गृह राज्य की सांझा संस्कृति हम सबको आपस में जोड़े रखी है. अपनों के बीच आई हूं. आप सभी के स्वागत से अभिभूत हूं. प्रदेश प्रभारी डी. पुरंदेश्वरी ने कहा कि वनवासी समाज के हितों की चिंता देश की आजादी के बाद जितना भाजपा ने किया है. उतना किसी भी राजनैतिक दल ने नहीं किया है. कांग्रेस के लिए हमेशा समाज का हर वर्ग वोट बैंक हिस्सा रहा है. उन्होंने कहा कि हम समाज के समग्रता के लिये कार्य कर रहे हैं. भाजपा ही ऐसा राजनैतिक दल है,जो कार्यकर्ताओं को गौरव प्रदान करती है. कार्यकर्ता पूरी निष्ठा व समर्पण से संगठन को मजबूत बनाने के लिये कार्य करें.

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