आदमखोर तेंदुआ हुआ पिंजरे में कैद, रेस्क्यू कर सुरक्षित जंगल में छोड़ा, चार लोगों पर किया था हमला
छत्तीसगढ़ के गरियाबंद जिले में कई दिनों से आतंक मचा रहा आदमखोर तेंदुआ पिंजरे में कैद हो गया है
छत्तीसगढ़ के गरियाबंद जिले में कई दिनों से आतंक मचा रहा आदमखोर तेंदुआ पिंजरे में कैद हो गया है। तेंदुआ को पकड़ने के लिए वन विभाग ने तीन जगहों पर पिंजरा लगाया था। तेंदुए ने एक महिला और बच्ची को अपना शिकार बनाया था। वहीं तेंदुए के हमले से दो लोग घायल भी हो चुके हैं। तेंदुए की वजह से क्षेत्र के लोगों में काफी दहशत और वन विभाग के खिलाफ आक्रोश था। तेंदुआ कैद होने की खबर मिलते ही बड़ी संख्या में ग्रामीण पहुंच गए और पिंजरा को चारों तरफ से घेर लिया। वन विभाग ने लोगों की भीड़ के मद्देनजर पुलिस को भी मौके पर बुलाया। शनिवार को दोपहर तेंदुए को उदंयी सीतानदी टाइगर रिजर्व में सुरक्षित छोड़ दिया गया।
बता दें कि गरियाबंद जिले के बम्हनी, मरौदा, कोचेना, काजनसरा सहित कई गांवों में तेंदुए की मौजूदगी से काफी दहशत थी। एक महीने पहले ग्राम बम्हनी एवं कोचेना में तेंदुए ने एक महिला और एक बच्ची का शिकार किया था। दो ग्रामीण भी तेंदुए ने हमला किया था, लेकिन उनकी जान बच गई। इसके बाद वन विभाग की टीम ने गरियाबंद वन परिक्षेत्र के काजनसरा, बम्हनी और कुचैना के जंगल में पिंजरा लगाया था। काजनसरा के जंगल में रखे पिंजरे में शुक्रवार को तेंदुआ आकर फंस गया। ग्रामीणों ने इसकी सूचना वन विभाग को दी। तब टीम मौके पर पहुंची। वन विभाग के मुताबिक पिंजरे में कैद हुआ तेंदुआ मादा है और उसकी उम्र लगभग पांच वर्ष है।
उदंती सीतानदी टाइगर रिजर्व एरिया में छोड़ा
गरियाबंद के वन मंडलाधिकारी मयंक अग्रवाल ने बताया कि कोचेना-काजनसरा में लगाए गए पिंजरा में तेंदुआ के कैद होने की सूचना मिली थी। उसे सुरक्षित रेस्क्यू किया गया। डॉ. सुधीर पंचभाई एवं डॉ. तामेश कंवर पशु द्वारा तेंदुए के दांत, पंजा, सिर एवं शरीर का परीक्षण किया गया। शरीर पर कही भी चोट के निशान नहीं थे। चिकित्सकों ने तेंदुए के स्वस्थ होने की पुष्टि की, जिसके बाद मनोज चंद्राकर उप वनमंडलाधिकारी गरियाबंद, राजेन्द्र कुमार सोरी उप वनमंडलाधिकारी देवभोग के नेतृत्व में उसे उदंती सीतानदी टाइगर रिजर्व एरिया में शनिवार को छोड़ दिया गया।