आदिवासी समाज को नशा मुक्त बनाने में योगदान देना सुनिश्चित करें : विधायक नीलकंठ टेकाम
नारायणपुर। जनजातीय गौरव दिवस के अवसर पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बिहार के जिला जमुई से वर्चुवल माध्यम से कार्यक्रम को संबोधित किया। उन्होंने कहा कि भारत के स्वतंत्रता संग्राम को आदिवासी समुदायों द्वारा किए गए कई आंदोलनो ने मजबूत किया। ब्रिटिश औपनिवेशिक शासन के खिलाफ देश के विभिन्न क्षेत्रों में आदिवासी आंदोलन राष्ट्रीय स्वतंत्रता संग्राम से जुड़ गए और पूरे देश में भारतीयों को प्रेरित किया। आने वाली पीढ़ियों को देश के लिए उनके बलिदान के बारे में जागरूक करने के लिएए सरकार ने 15 नवंबर को जनजातीय गौरव दिवस के रूप में घोषित किया है। इस दिन को श्री बिरसा मुंडा की जयंती के रूप में मनाया जाता है। आज भगवान बिरसा मुंडा का 150वीं जयंती पूरे देश में मनाया गया, जिन्हें देश भर के आदिवासी समुदाय भगवान के रूप में पूजते हैं। बिरसा मुंडा ने ब्रिटिश औपनिवेशिक व्यवस्था की शोषणकारी व्यवस्था के खिलाफ देश के खिलाफ बहादुरी से लड़ाई लड़ी और ब्रिटिश उत्पीड़न के खिलाफ आंदोलन का नेतृत्व किया। न्याय के हित में सर्वस्व बलिदान करने की भावनाएं जनजातीय समाज की विशेषता रही है। स्वाधीनता संग्राम के इतिहास में जनजातीय समुदायों द्वारा किए गए विद्रोहों की अनेक धाराएं भी शामिल हैं।
बिहार के जिला जमुई से संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जनजातीय दिवस, कार्तिक पूर्णिमा, देव दिवाली, गुरु नानक प्रकाशपर्व की बधाई दी और कहा कि भगवान बिरसा मुंडा के 150 जन्म जयंती उत्सव कार्यक्रम अगले एक साल तक मनाया जायगा। इस अवसर पर प्रधानमंत्री ने आदिवासी बाहुल्य क्षेत्रों में बिरसा मुंडा जनजातीय गौरव उपवन बनाने की घोषणा भी की। प्रधानमंत्री श्री मोदी ने कहा कि आदिवासी समाज प्रकृति पूजक भी है, भगवान राम के प्रति भी यह समाज अटूट श्रद्धा रखता है। उन्होंने कहा कि आदिवासी समाज का आजादी के प्रति अमूल्य योगदान रहा है, जिसे कभी भी भुलाया नहीं जा सकता। प्रधानमंत्री श्री मोदी ने आदिवासी महानायकों का देश, समाज और आजादी के प्रति किए गए योगदान को याद किया और कहा कि हम सब देशवासी इन महानायकों के ऋणी है। प्रधानमंत्री श्री मोदी ने जनजातीय समाज के विकास के लिए भारत सरकार के द्वारा लागू किए गए योजनाओं और कार्यक्रमों के बारे में विस्तार पूर्वक जानकारी दिए। आदिवासी प्रकृति पर आधारित जीवन यापन करते हैं और सम्मानपूर्वक प्रकृति की रक्षा भी करते हैं। ब्रिटिश शासन के दौरान प्राकृतिक संपदा को शोषण से बचाने के लिए जनजातीय समुदाय के लोगों ने भीषण संघर्ष किए थे। वन संपदा का संरक्षण काफी हद तक उनके बलिदान से ही संभव हो सका। आज के समय में जलवायु परिवर्तन और ग्लोबल वार्मिंग के दौर में आदिवासी समाज की जीवन शैली और वन संरक्षण के प्रति उनके दृढ़निश्चय से सभी को शिक्षा लेने की जरूरत है।
भगवान बिरसा मुंडा के जयंती पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बिहार के जिला जमुई के कार्यक्रम सेे भगवान बिरसा मुंडा के सम्मान में 150 का स्मारक सिक्का और विशेष स्मारक डाक टिकट का विमोचन किया। इस अवसर पर एजी ऑडिटोरियम नारायणपुर में जनजातीय गौरव दिवस कार्यक्रम का आयोजन किया गया। जिसमें मुख्य अतिथि के रूप में विधायक श्री नीलकंठ टेकाम शामिल हुए।
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि विधायक नीलकंठ टेकाम ने बिरसा मुंडा को नमन करते हुए कहा कि आज हम सबके लिए गौरव का दिन है। देश के प्रधानमंत्री आदिवासी समाज के महान शूरवीरों को पूरा सम्मान देने का काम कर रहें है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार द्वारा प्रदेश को खेल के क्षेत्र में बढ़ावा देने के लिए बस्तर ओलंपिक खेल का आयोजन किया जा रहा है। भगवान बिरसा मुंडा जयंती अवसर पर आदिवासी गौरव दिवस बिहार के जमुई के कार्यक्रम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संबोधन को देश के 1 करोड़ से अधिक लोंगो ने सुना। उन्होंने कहा कि भारत के 140 करोड़ जनता ने प्रधानमंत्री के बुनियादी बातों को अपनाने के लिए आवश्यकता बताई। उन्होंने आदिवासियों को नशा से दूर रहने के लिए अपील करते हुए कहा कि चिंतन और मनन करने के साथ ही स्वास्थ्य, शिक्षा और बुनियादी सुविधाओं को अपनाने की बात कही। गांव में लगभग 80 प्रतिशत से अधिक आदिवासी समुदाय के लोग निवास करते हैं आपसी जन भागीदारी के साथ समाज को आगे बढ़ाने के लिए कार्य करें। गांव में गायता, पुजारी, पटेल आदि निवास करते हैं, उन्हें अपने अधिकार को उपयोग करने का अपील किया, जिससे समाज को आगे बढ़ाने में अमूल्य योगदान मिलेगा। नारायणपुर के विकास के लिए सड़क पुल-पुलिया, शिक्षा, स्वास्थ्य, पेयजल जैसे बुनियादी सुविधाओं की जरूरत को पूरा करने में प्रयास करना होगा।