देश की सुदृढ़ अर्थव्यवस्था के लिए मजबूत स्तंभ है एलआईसी : मुख्यमंत्री भूपेश बघेल

Update: 2021-11-23 15:58 GMT

रायपुर। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल आज शाम राजधानी रायपुर स्थित आनंद समाज वाचनालय के सभागार में आयोजित इंश्योरेंस एम्पलाइज यूनियन के राज्य स्तरीय सम्मेलन में शामिल हुए। उन्होंने यूनियन द्वारा कन्वेंशन में एलआईसी के निजीकरण/आईपीओ लाए जाने के खिलाफ चलाए जा रहे आन्दोलन का समर्थन करते हुए सभी को एकजुट होकर संघर्ष करने के लिए आह्वान किया। उन्होंने कहा कि इसके विरोध के लिए चलाए जा रहे अभियान को व्यापक जन आन्दोलन का स्वरूप दिया जाए। गौरतलब है कि ऑल इंडिया इंश्योरेंस एम्पलाइज एसोसिएशन, एलआईसी के आईपीओ जारी करने तथा आम बीमा निगम सुधार के नाम पर कमजोर कर उनको निजीकरण के रास्ते पर धकेले जाने के केन्द्र सरकार के निर्णयों का विरोध कर रही है। साथ ही देशभर में केन्द्र सरकार के इस मुहिम के खिलाफ जन लामबंदी का अभियान चला रही है। इसी तारतम्य में आज रायपुर में यह राज्य स्तरीय कन्वेंशन आयोजित हुई।

मुख्यमंत्री बघेल ने कहा कि भारतीय जीवन बीमा निगम देश की अर्थव्यवस्था को हमेशा से ताकत देती रही है। यह देश की सुदृढ़ अर्थव्यवस्था के लिए एक मजूबत स्तंभ है। इस कन्वेंशन में हम सार्वजनिक क्षेत्र की बीमा कंपनियों के निजीकरण के लिए केन्द्र सरकार द्वारा रची गई साजिशों और उनके खतरों पर बात कर रहे है। लेकिन हमारी यह चिंता केवल बीमा कंपनियों तक ही सीमित नहीं है। हम बैंकों और सार्वजनिक क्षेत्र की तमाम राष्ट्रीय परिसंपत्तियों के निजीकरण की साजिशों पर भी बात कर रहे है, क्योंकि इन तमाम विषयों को अलग-अलग करके देखा नहीं जा सकता।

मुख्यमंत्री बघेल ने कहा- हम जानते हैं कि सार्वजनिक क्षेत्र के बहुत सारे उपक्रम अपनी बेहतरीन सेवा के लिए जाने जाते हैं, वे अच्छा कारोबार भी कर रहे हैं। इसके बावजूद केंद्र सरकार उनके निजीकरण पर उतारू है। सार्वजनिक क्षेत्र का कोई उपक्रम यदि घाटे में जा रहा है तो उसके कारणों पर बात होनी चाहिए। उन कारणों का पता लगाकर उनके निदान पर बात होनी चाहिए। पंडित जवाहरलाल नेहरू ने इस देश को मजबूत सार्वजनिक क्षेत्र दिया जो आज भी हमारी ताकत है। बड़े-बड़े आर्थिक झंझावातों के बीच सार्वजनिक क्षेत्र दमदारी के साथ देश का सहारा बन कर खड़े रहे। सार्वजनिक उपक्रमों के निजीकरण से सामाजिक और आर्थिक न्याय को भारी नुकसान पहुंचेगा। राष्ट्रीयकृत बैंकों और सार्वजनिक क्षेत्र की बीमा कंपनियों के निजीकरण की जिद देश को बहुत बड़े खतरे में धकेल देगी।

मुख्यमंत्री बघेल ने कहा कि सड़क, रेलवे, हवाई अड्डे, बिजली, कोयला, दूरसंचार, पेट्रोलियम, प्राकृतिक गैस, वेयर हाउसिंग, रियल स्टेट, होटल, स्टेडियम जैसी सार्वजनिक परिसंपत्तियों के निजीकरण पर भी केन्द्र सरकार उतारू है। बीमा कंपनियों, बैंकों और सार्वजनिक उपक्रमों के निजीकरण के खिलाफ आपकी एकजुटता भी रंग लाएगी, क्योंकि आपका यह आंदोलन केवल आपके लिए नहीं है, बल्कि यह देश के हर नागरिक के हितों के लिए है। आपका आंदोलन हमारी आर्थिक स्वतंत्रता को बचाए रखने के लिए हैं। आपका आंदोलन हमारे आर्थिक लोकतंत्र को बचाए रखने लिए है।

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