स्कूली बच्चों, एनएसएस के छात्राओं को दी गई कानूनी जानकारी और कैरियर संबंधी टिप्स

Update: 2024-12-13 07:44 GMT

महासमुंद। शासकीय माता कर्मा कन्या महाविद्यालय महासमुंद के तत्वाधान में राष्ट्रीय सेवा योजना (एनएसएस) महिला इकाई द्वारा ग्राम मचेवा की शासकीय प्राथमिक शाला में सात दिवसीय एनएसएस शिविर का आयोजन किया गया। गुरुवार को शिविर एक बौद्धिक परिचर्चा सत्र का आयोजन किया गया, जिसमें जिला विधिक सेवा प्राधिकरण महासमुंद के सचिव श्री दामोदर प्रसाद चन्द्रा ने बच्चों और एनएसएस छात्राओं को कानूनी जानकारी दी और उनके उज्जवल भविष्य निर्माण के लिए विभिन्न करियर गाइडलाइन पर चर्चा की।

चन्द्रा ने सायबर अपराध और उससे सुरक्षा, महिलाओं और बच्चों से संबंधित अपराधों के प्रति जागरूक किया। उन्होंने बताया कि बच्चों को अपनी रुचियों और पसंदीदा विषयों के बारे में जानकर ही भविष्य में सही कैरियर की दिशा तय करनी चाहिए। साथ ही, उन्होंने बच्चों को यह भी समझाया कि अध्ययन में कठिन परिश्रम और ईमानदारी से ही उज्जवल भविष्य का निर्माण संभव है।

इसके अलावा चन्द्रा ने जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के कार्यों और कानूनी सहायता के बारे में भी विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने बताया कि भारतीय संविधान के अनुच्छेद 39 ए के तहत सभी के लिए न्याय सुनिश्चित किया गया है और समाज के कमजोर वर्गों के लिए निःशुल्क कानूनी सहायता की व्यवस्था की गई है। संविधान के अनुच्छेद 14 और 22(1) के अंतर्गत राज्य का यह कर्तव्य है कि वह सबके लिए समान अवसर सुनिश्चित करे और कमजोर वर्गों को न्याय उपलब्ध कराने के लिए विधिक सेवा तंत्र स्थापित किया जाए। इसके तहत 1987 में विधिक सेवा प्राधिकरण अधिनियम पास किया गया, जिसके तहत राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण (नालसा) का गठन किया गया। चन्द्रा ने बताया कि नालसा की नीतियों और निर्देशों के तहत प्रत्येक राज्य में राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण और जिले स्तर पर जिला विधिक सेवा प्राधिकरण का गठन किया गया है। इन संस्थाओं का मुख्य कार्य गरीब और जरूरतमंद लोगों को निःशुल्क कानूनी सहायता प्रदान करना है।

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