3 नए क्रिमिनल कानून के बारे में जानिए डिटेल्स

Update: 2024-05-15 04:35 GMT

रायपुर। देश में 3 नए क्रिमिनल कानून लागू होने वाले हैं। 1 जुलाई से ये कानून IPC-CRPC की जगह लेंगे। इन कानूनों के लागू होने के बाद हत्या के आरोपी पर धारा 302 की जगह 101 लगेगी। ठग के आरोपियों को 420 की जगह अब 316 का आरोपी कहा जाएगा। इसके साथ ही रेप के दोषी को फांसी और गैंग रेप दोषी को मरते दम तक जेल की सजा। इसके अलावा 7 साल से ज्यादा की सजा वाले अपराधों पर फॉरेंसिक टीम का घटना स्थल पर जाकर जांच पड़ताल करनी जरूरी होगी।

इन कानूनों को लेकर मंगलवार को भारत सरकार के गृह मंत्रालय और पत्र सूचना विभाग ने चर्चा का आयोजन किया गया था, जिसमें क्राइम और लीगल क्षेत्र से जुड़े लोगों से चर्चा की गई। इस चर्चा में बिलासपुर रेंज के आईजी संजीव शुक्ला भी शामिल हुए थे।

शुक्ला ने इन कानूनों के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि भारत की न्याय व्यवस्था 150 साल पुराने अंग्रेजों के जमाने के कानूनों से निकलकर नए भारत के नए कानूनों के अनुसार चलेगी। इन कानून का मकसद व्यक्ति को सजा देने के बजाय न्याय देना है। इन नए कानून में आधुनिक जमाने में हो रहे साइबर अपराध को ज्यादा बेहतर ढंग से जोड़ा गया है। इसके अलावा पुलिस के काम करने के प्रोसेस को ज्यादा पारदर्शी किया गया है।

केंद्र सरकार ने हाल ही में तीन कानून संसद के शीत कालीन सत्र में पारित किए हैं। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने 25 दिसंबर को कानूनों को अपनी सहमति दे दी। नए कानून भारतीय दंड संहिता, आपराधिक प्रक्रिया संहिता और भारतीय साक्ष्य अधिनियम की जगह लेंगे। ये तीन नए कानून क्रिमिनल जस्टिस कानून भारतीय न्याय संहिता (‌BNS), भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (BNSS) और भारतीय साक्ष्य अधिनियम (BSA) को अधिसूचना के बाद एक जुलाई से पूरे देश में लागू कर दिया जाएगा। इसके बाद नए कानूनों के तहत ही पुलिस थानों में आपराधिक मामले दर्ज होंगे।

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