Khusur Fusur: मत बुरे करम कर बंदे एक दिन पछताएगा, तेरा किया तेरे सामने आएगा

Update: 2024-06-07 05:39 GMT

ज़ाकिर घुरसेना/ कैलाश यादव

चंड़ीगढ़ से दिल्ली रवाना हो रही मंडी की सांसद के साथ एयरपोर्ट पर थप्पडक़ांड हो गया। दरअसल मामला पुराने किसान आंदोलन को लेकर वर्तमान सांसद कंगना रनौत ने किसान आंदोलन में बैठी एक महिला पर सौ रुपए के लिए दिन भर बैठने जैसी टिप्पणी कर दी थी। बात आई गई हो गई लोग सब भूल गए लेकिन उस आंदोलन में जिस महिला पर कंगना ने टिप्पणी की थी उसकी बेटी ने इस बात को गांठ में बांध कर रख ली थी। महिला किसान की बेटी और बहन अब एसआईएसएफ में भर्ती होकर सेवाएं दे रही थी, मौका मिलते ही उस बात को याद रखी महिला सिपाही ने एयरपोर्ट में चेकिंग के दौरान सांसद की क्लास लगा दी, बात बढ़ते-बढ़ते तू-तू-मैं-मैं से आगे बढ़ गई जब तक कंगना कुछ संभल पाती उससे पहले महिला सिपाही ने कंगना पर थप्पड़ जड़ दिए । जनता में खुसुर-फुसुर है कि शपथ ग्रहण के पहले चपत ग्रहण हो गया । महिला सिपाही ने लोकतंत्र की मिली आजादी की ताकत का इस्तेमाल कर लोकतंत्र का दर्शन करा दिया। जिसका हम समर्थन नहीं करते, लेकिन इस तरह की घटना माननीयों के साथ नहीं होनी चाहिए । गलती से महिला सिपाही के पास वैपन होता तो कोई बड़ी अनहोनी हो सकती थी। इसलिए देश भर के संतों का कहना है कि मत बुरे करम कर बंदे एक दिन पछताएगा, तेरा किया तेरे सामने आएगा।

मौके का फायदा

धड़ाधड़ यात्री ट्रेनों के निरस्त होने का फायदा बस मालिक उठा रहे हंै। टिकटों के रेट में बेतहाशा वृद्धि कर दिए हैं, बस टर्मिनल में अनाधिकृत टिकट काउंटर और कर्मचारी बैठने लग गए हैं जो टिकट के बारे में किसी तरह की पूछताछ करने पर मारपीट पर उतारू हो जाते है और कई यात्रियों को मार भी दिए हैं, मजे कि बात ये है कि वहां उपस्थित पुुलिस वालों को इसकी शिकायत करो तो उनका कहना होता है थाने चलो यानी पुलिस और बस मालिकों की फुल सेटिंग । ये तो यही बात हो गई कि सेब चाकू पर गिरे या चाकू सेब पर नुकसान तो सेब का ही होना है। जनता में खुसुर फुसुर है कि आम जनता का न तो पुलिस वाले साथ दे रहे हंै ंऔर न हीं कोई दूसरे। जनता जाए तो जाए कहां।

जो जहां बैठे थे उन्हें हम वहीं बैठाएंगे

एनडीए की सरकार बनाने की औपचारिकताएं लगभग पूरी हो गई है। जो राम को लाए है उन्हें हम लाएंगे का नारा चुनाव परिणाम के बाद लुप्त हो गया है। अब नया नारा चल पड़ा है। भाजपा ने केंद्र में लगातार तीसरी बार नरेंद्र मोदी नेतृत्व में सरकार बनाने की तैयारी पूरी कर ली है। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने सात घंटे तक पार्टी नेताओं के साथ कई राउंड की मैराथन बैठक कर, सरकार के गठन की रूपरेखा और तैयारियों को लेकर पूरा खाका तैयार कर लिया है। विपक्षी दलों के तमाम दावों के बीच भाजपा ने एनडीए की ताकत दिखाने की भी तैयारी पूरी कर ली है। लोकसभा चुनाव में 293 सीटों पर जीत हासिल कर, एनडीए बहुमत के लिए जरूरी 272 सांसदों के आंकड़े से काफी ज्यादा है, लेकिन भाजपा ने इस आंकड़े को भी बढ़ाने की तैयारी कर ली है। जनता में खुसुर-फुसुर है कि अब दिल्ली सहित पूरे भाजपा खेमे में एक नया नारा बुलंद हो रहा है कि जो जहां बैठे थे उन्हें हम वहीं बैठाएंगे।

मुख्यमंत्रियों को दिल्ली बुलाने के मायने

हाईकमान ने बीजेपी शासित सभी राज्यों के मुख्यमंत्रियों को दिल्ली बुलाया है। 7 जून को हेडक्वार्टर में सभी मुख्यमंत्रियों और वरिष्ठ नेताओं की बड़ी बैठक होनी है। सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक आगे की रणनीति पर चर्चा की जाएगी। इसके अलावा जिन राज्यों में करारी हार का सामना करना पड़ा है इसको लेकर भी मंथन होगा। उत्तर प्रदेश से भाजपा को सबसे बड़ा झटका मिला है। जिसके बाद चर्चा तेज है कि यूपी में मिली करारी शिकस्त का ठीकरा मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पर फोड़ा जा सकता है। ऐसे में क्या अब सीएम योगी पर इस्तीफा देने का दवाब बनाया जाएगा? इसके अलावा दूसरा राज्य जहां बीजेपी का प्रदर्शन खराब रहा है। प्रचार के दौरान अमित शाह ने एक रैली में नेताओं से कहा था कि अगर उनके इलाके में पार्टी कमजोर हुई तो खामियाजा भुगतना पड़ेगा। जनता में खुसुर-फुसुर है कि एनडीए को महफूज रखने के लिए सारे सांसदों को मूलमंत्र दिया जाएगा, ताकि मंत्रिमंडल के कही कोई गलती से असंतुष्ट हो जाए तो इंडिया न बन जाए इस बात की भी ताकिद की जाएगी।

सूरमा का बना चूरमा

सीएम विष्णुदेव साय नवनिर्वाचित सांसदों के साथ दिल्ली रवाना होने से पहले कहा कि उनके प्रत्याशियों ने कांग्रेस के बड़े -बड़े सूरमाओं का चूरमा बना दिया। सीएम साय साहब के बात में दम तो है, लेकिन पूरे देश में देखा जाए तो इधर और उधर दोनों तरफ के सूरमा चूरमा बन गए हंै। मसलन नए नवेले यूसूफ पठान, कंगना रानौत सहित कई नए सांसद बने हैं जो पहली बार चुनाव लड़े और बड़े -बड़े सूरमाओं को चूरमा बना दिया। खुद दाल बाटी चूरमा के प्रदेश राजस्थान में भी यही हाल हुआ । जनता में खुसुरु-फुसुर है कि जनता जनार्दन जब चाहे जिसे सूरमा से चूरमा बना सकती है।

एक अनार सौ बीमार

पिछले दिनों सीएम विष्णुदेव साय सभी 10 सांसदों को लेकर दिल्ली पहुंच गए हैं । जाते -जाते उन्होंने उम्मीद भी जताई कि छत्तीसगढ़ को केंद्र सरकार में मंत्री पद जरूर मिलेगी। लेकिन अभी समस्या एनडीए के घटक दलों को लेकर भी है, बीजेपी पास खुद पूर्ण बहुमत नहीं है ऐसी स्थिति में घटक दलों को खुश करने के लिए ज्यादा से ज्यादा मंत्री पद देना पड़ेगा। ये फार्मूला लागू हुआ तो छत्तीसगढ़ को एक मंत्री पद मिल जाय तो भी बहुत खुशी होगी। केंद्र में जितना प्रतिनिधित्व होगा उतना ज्यादा विकास की गति रफ्तार पकड़ेगी। जनता में खुसुर-फुसुर है कि जिस हिसाब से हमने 11 में 10 दिया है, उस हिलाज से कम से कम तीन मंत्री तो मिलना ही चाहिए ।

अब तो डबल इंजन सरकार है फिर क्यों मनमानी

टे्रनों को लेकर छत्तीसगढ़ में तरह-तरह के ट्रेंड चल पड़ा है, सरकार चाहे डबल इंजन वाली हो या सिंगल इंजन वाली सरकार तो यही समझती है कि जनता को भटकने तरसने की आदत में शुमार हो गई है। केंद्र सरकार को सिंगल इंजन की सरकार के दौरान भी तत्कालीन सरकार ने सैकड़ों पत्र लिखे कि ट्रेनों का परिचालन नियमित करें। लेकिन कांग्रेस सरकार के पत्र आए -गए हो गए। अब जनता को उम्मीद है कि छग में ट्रिपल इंजन की सरकार है। यह उम्मीद जता रही है कि कुछ तो ट्रेनों का ढर्रा सुधरने वाला है। जनता में खुसुर-फुसुर है कि सरकारें जनता की परीक्षा न लेकर उनको सुविधाए मुहैया कराए तो सार्थक है। 

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