मलेरिया मुक्त छत्तीसगढ़ अभियान चौथा चरण प्रारंभ किया गया है। इस अभियान में नदी-नाला, पहाड़ी, जंगल पर कर मैदानी अमले में कार्यरत स्वास्थ्य संयोजकों, (महिला-पुरूष) मितानीनों के द्वारा जिले में घर-घर जाकर सर्वेक्षण कर आरडी किट के द्वारा परिवार के प्रत्येक सदस्यों की जांच कर उन्हें मलेरिया सकारात्मक प्रकरण पाये जाने पर तत्काल उपचार कर उन्हें मलेरिया से बचाव एवं रोकथाम हेतु प्रचार प्रसार किया जा रहा है। साथ ही मच्छरदानी के उपयोगिता के बारे में जानकारी दे कर मलेरिया के स्त्रोत पर नियंत्रण हेतु ग्रामीणों को प्रेरित किया जा रहा है। इसके अलावा कोविड-19 के बचाव एवं रोकथाम के बारे में डोर टू डोर जाकर जागरूक किया जा रहा है। यह अभियान 31 जुलाई 2021 तक चलाई जाएगी।
मलेरिया मुक्त छत्तीसगढ़ अभियान चौथा चरण में जिले के 06 विकासखंड बड़ेकिलेपाल, तोकापाल, दरभा, लोहण्डीगुड़ा, बस्तर एवं नानगुर में 21 दिवस में 29366 घर भ्रमण कर 146677 जनसंख्या वाले 149 ग्रामों के व्यक्तियों को आरडीकीट से जांच करने का लक्ष्य रखा गया है। जिसमें सरपंच, कोटवार एवं ग्रामीणों के द्वारा स्वास्थ्य अमले को सहयोग हेतु अपील की गई है। साथ ही सिथेटिक पायरेथ्राईड का छिड़काव विकासखंड किलेपाल, तोकापाल, दरभा लोहण्डीगुड़ा, बस्तर एवं बकावंड में एवं डीडीटी का छिड़काव विकासखंड नानगुुर में किया जा रहा है।
जिसमें सातों विकासखंडों के 368694 जनसंख्या के 78696 मकानों के 319 ग्रामों में 11 मेट्रिक टन, सिंथेटिक पायरेथ्राईड छिड़काव एवं 8.37 डीडीटी का छिड़काव किया जाना है। यह छिड़काव प्रथम चक्र 16 जून से 30 अगस्त तक एवं द्वितीय चक्र 01 सितंबर से 15 नवंबर तक चलाकर मलेरिया से संरक्षित किया जाएगा।