सरकार की योजना लाभदायी होने के बाद भी विडंबना देखिए नहीं हो पाया चालू...
ऐप के जरिए घर बैठे कराएं जमीन की रजिस्ट्री, दफ्तर जाने से मिलेगी मुक्ति
नाराज दस्तावेज लेखक संघ हड़ताल पर
मात्र तीन घंटे की ट्रेनिंग में कोई कैसे सीखेगा, गलती होने का चांस अधिक
रायपुर। पहले दिन ही इ-स्टेंपिंग एप शुरू नहीं हो पाया। जिससे रिजस्ट्री कराने आने वाले हितग्राहियों को दिन भर अधिकारियों के आश्वासन की घूंट पीना पड़ा। प्रदेश में ई- पंजीयन और ई स्टेम्पिंग ऐप शुरू होने से लोगों को पंजीयन दफ्तर के चक्कर लगाने से मुक्ति मिलेगी। अब दुनिया के किसी भी कोने में बैठकर छत्तीसगढ़ में प्रॉपर्टी की खरीद-बिक्री कर सकेंगे। इसकी रजिस्ट्री के लिए राजधानी या अपने स्थानीय शहर के पंजीयन दफ्तर आने की जरुरत नहीं पडऩे वाली है। घर बैठे ही ऑन लाइन रजिस्ट्री और नामांतरण करवाया जा सकता है। इस सॉफ्टवेयर से प्रदेश के सभी जिलों को शामिल किया गया है। वहीं दूसरी ओर दस्तावेज लेखक संघ ने इसे आनन फानन में लागू करने को अव्यावहारिक बताते हुए हड़ताल पर हैं। संघ का कहना है कि सॉफ्टवेयर जनता की सुविधा के लिए बनाया गया है जो सही भी है लेकिन बिना ट्रेनिंग के और जल्दी ही इसे लागू करना उचित नहीं है। दस्तावेज लेखक संघ के सदस्यों को इसकी ट्रेनिंग देकर ही इसे लागू करना चाहिए।
जनता की सुविधा के लिहाज से यह ऐप बहुत अच्छा और सुविधाजनक है जिसके जरिये घर बैठे बिना किसी दफ्तर के चक्कर काटे लोग जमीन और मकान की रजिस्ट्री हो सकेगी, इस सॉफ्टवेयर से प्रदेश के सभी जिलों को कनेक्ट किया गया है इससे प्रदेश की जनता को कम से कम समय कम्प्यूटराइज्ड दस्तावेज आसानी से मिल सकेगा। और परेशानी से मुक्ति भी मिलेगी। साथ ही नामांतरण के लिए पटवारी के घर या दफ्तर जाने की जरुरत भी पड़ेगी और पहले नामांतरण के लिए सालों लग जाता था लेकिन अब इस आप के माध्यम से हफ्ते दो हफ्ते में हो जाएगा।
अब राज्य में पूरी तरह से पेपरलेस और फेसलेस रजिस्ट्रेशन होगा इसके जरिये गवाह की भी जरूररत नहीं पड़ेगी। बिना गवाह के रजिस्ट्री आसानी से हो जायेगा। इसके बाद रजिस्ट्री कार्यालय जाने की जरूरत नहीं पड़ेगी तथा रजिस्ट्री कराने वाले पक्षकारों की जानकारी सीधे आधार से और भूमि/संपत्ति की जानकारी भू-अभिलेख और स्थानीय निकाय पोर्टल से प्राप्त की जा सकती है। ई-मेल, व्हाट्सएप और डिजिलॉकर के जरिए भी दस्तावेज उपलब्ध होने लगेंगे।
योजना तो चालू ही नहीं हो सका
सरकार की योजना बहुत ही लाभदायी होने के बाद भी विडंबना देखिए वो चालू ही नहीं हो सका। इसके कारण सोमवार को पहले दिन ही एप के जरिए होने वाली जमीन की रजिस्ट्री नहीं हो सका. कायार्लय महानिरीक्षक पंजीयक व अधीक्षक मुद्रांक छग व्दारा एमजीडीआरएस प्रणाली के सिटीजन सुगम व्दारा संपत्ति का निर्देशांक व फोटो अफलोड करने के संबंध में सभी वरिष्ठ जिला पंजीयक व वरिष्ठ उप संजीयकों को निर्देश जारी किए है। प्रदेश में दस्तावेजों के पंजीयक के लिए मोबाइल आधारित एप्लीकेशन सुगम का लोकार्पण किया गया।इस एप्लीकेशन में कोई भी व्यक्ति अपनी रजिस्ट्रीकृत दस्तावेज के संपत्ति स्थल जाकर स्थान की तीन साइज में फोटो और भौगोलिक को रजिस्ट्री साफ्टवेयर में इंट्री कार्यालय आए बिना संपत्ति रजिस्ट्री हो सकती है । सोमावार को यह प्रक्रिया शुरू भी हो गई । इसमे को व्यक्ति एप डाउनलोड कर निर्धारित शुल्क आनलाइन जमा पुराने दस्तावेज को सर्च करने के साथ -साथ उसकी कापी आनलाइन डाउनलोड करने के लिए प्रयास किया गाय। लेकिन यह एप ही नहीं खुल पाया । कई शिकायत आई है कि पहले दिन आनलाइन रजिस्ट्री नहीं हो पाई आधिकारिक सूत्रों का कहना है कि तकनीकी िदक्कतों को जल्द दूर करने का प्रयास किया जा रहा है।
जाने ई-पंजीयन को
प्रदेश में जमीन के दस्तावेजों के पंजीयन के लिए एनआईसी पुणे व्दारा निर्मित एनजीडीआरएस प्रणाली का उपयोग किया जा रहा है। इश प्रणाली में पक्षकार व्दारा सिटीजन लागिन में पूर्ण रूप से दस्तावेज तैयार कर वेबसाइड में जाकर पजीयन के लिए आनलाइन अपाइंमेंट लिया जाता है।