लोकार्पण से पहले अंतर्राज्यीय बस टर्मिनल बना नशेडिय़ों का ओपन बार
शराब की बोतलों, नशे के खाली पुडिय़ों से अटा पड़ा है मैदान
जसेरि रिपोर्टर
रायपुर। राजधानी में नशाखोरों और शराबियों की हुल्लड़बाजी बढ़ती जा रही है। जिसे रोकने वाले पुलिस अधिकारियों के हाथ छुटभैय्या नेता बांध देते है। नशा एक ऐसी आदत है, जो किसी युवक को पड़ जाये तो, उसे दीमक की तरह अंदर से खोखला बना देती है। शराब के नशेड़ी लोग रायपुर के नये अंतर्राष्ट्रीय बस टर्मिनल के मैदान को अपना अड्डा बना लिया है। यहां शराब पीने पिलाने का दौरा देर रात तक तो चलता ही हैं। शराबी शराब की बोतलें भी तोड़ कर इसी मैदान में फेंक देते हैं। जिससे इस मैदान में खेलने घूमने वाले लोगों युवाओं और स्कूली छात्रों की परेशानी बढ़ जाती है। शराब के बोतलों के टूट शीशे से आये दिन लोगों को जख्मी कर रहे हैं।
नशे का बढ़ता असर
युवाओं में नशा सिर्फ सिगरेट व शराब सीमित नहीं रहा बल्कि वर्तमान समय में कोकीन, हेरोइन, गांजा, चरस, नशीली दवाइयाँ आदि का नशा युवाओं को तेजी अपनी गिरफ्त में ले रहा है। आकड़ो की बात करें तो रायपुर में 50 प्रतिशत युवा नशे के आदी है। हेरोइन की तरह युवाओं में नशीली दवाइयों का सेवन भी नशे के रूप में तेजी से बढ़ रहा है। नशे का कारोबार बहुत ही बड़ा है और यह दिन पे दिन एक विकराल रूप लेते जा रहा है और इसका मुख्य केंद्र मुंबई, दिल्ली जैसे बड़े शहर है।
ज्यादातार कॉलेज के छात्र भी शामिल
स्कूल और कॉलेज में पढ़ रहे कई छात्र नशेडिय़ों के चंगुल में फंस जाते हैं। शुरू में इन्हें शौक के लिए गांजे का नशा कराया जाता है। बाद में यह नशा छात्रों के ज़हन में इतना उतर जाता है कि वे इसके आदी हो जाते हैं।
बस टर्मिनल में युवाओं का अड्डा
बस टर्मिनल मैदान में ही शराब पीने वाले लोग अड्डा बना लेते है। सुबह और शाम काफी संख्या में युवा जुआ खेलते नजऱ भी आते हैं। लेकिन कुछ समय से रात में इस मैदान को शराबी अपना अड्डा जमाने लगे हैं। शराब पीने के बाद ये शराब की बोतलें तोड़ कर मैदान में ही फेंक कर चले जाते है।
ड्रग्स के नशे में डूबता रायपुर
ड्रग्स के नशे में डूबा रायपुर अब धीरे-धीरे नशे की जड़ में युवाओं को अंधा बनाते जा रहा है। नशे के चंगुल में फंस कर किस तरह लोग बर्बादी के कगार पर पहुंच रहे हैं। इन दिनों कुछ ऐसा ही रायपुर शहर के युवाओं में देखने को मिल रहा है। शहर की युवा पीढ़ी में तेजी से नशे की लत फैल रही है, क्षेत्र में युवाओं द्वारा नशे के ज्यादा आदि हो जाने के बाद से क्षेत्र में चोरी, लूटपाट, मारपीट जैसी घटना लगातार बढ़ती जा रही है। वहीं अब क्षेत्र में चंद रुपयों के कारण युवा लूट करते नजर रहे है। क्षेत्र में हुई चोरी, लूटपाट सहित वारदातों में सबसे ज्यादा युवा वर्ग के आरोपी है।
अपराधी बना देता नशा
नशा एक अपराध से कम नहीं है, और नशा वाला लोगों को अपराधी बना देती है। नशे की तलब को पूरा करने के लिए लोग चोरी करने लगता है, और छोटे छोटे अपराध कब बड़े अपराध में बदल जाते है पता ही नहीं चलता। अफीम, चरस, कोकीन का नशा लेने के बाद युवा के अंदर उत्तेजना आ जाती है, जिससे वो अपने काबू में नहीं रहता और इस नशे के बाद इन्सान चोरी, हत्या, हिंसा, लड़ाई-झगड़े, बलात्कार जैसे वारदातों को अंजाम देते है, जो उसे एक बड़ा अपराधी बना देता है।
कुछ दिनों में हो जाते है नशे के आदि
गांजे का नशा युवाओं के दिलो दिमाग पर इस कदर छा जाता है कि 15 दिन में ये इसके आदी हो जाते हैं। इसकी तलब मिटाने के लिए गो-गो को जैसे-तैसे गांजे का जुगाड़ करना पड़ता है। गांजा नहीं मिलने पर युवाओं में गुस्सा होना, झगड़ा करना इत्यादि आदतें सामान्य हो जाती है। ऐसे में महंगे नशे का शौक पूरा करने के लिए कई युवा अपराध की राह चुन रहे हैं। शहर में गांजे के आदी कई युवा नशे के रूप में अदृश्य दलदल में धसते चले जा रहे है।