राजनांदगांव। कृषि विज्ञान केन्द्र राजनांदगांव में भारतीय मृदा विज्ञान संस्था भोपाल मध्यप्रदेश, टीएसपी. एक्रीप मुलार्प रायपुर एवं कृषि विज्ञान केन्द्र के संयुक्त तत्वावधान कृषि विज्ञान केन्द्र प्रक्षेत्र सुरगी में प्राकृतिक खेती के अंर्तगत कृषि मेला सह कृषक संगोष्ठी कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि के रूप में माँ बम्लेश्वरी कृषक प्रोड्यूस कंपनी से फूलबासन यादव उपस्थित थी। कार्यक्रम की अध्यक्षता अधिष्ठाता कृषि महाविद्यालय राजनांदगांव ने की। विशेष अतिथि के रूप में सरपंच आनंद साहू, अन्य जनप्रतिनिधि, कृषि वैज्ञानिक उपस्थित थे। कार्यक्रम में प्राकृतिक खेती के अंर्तगत लाभान्वित कृषकों को 16 नग ड्रम, एक्रीप मुलार्प परियोजना के अंर्तगत स्प्रेयर, उद्यानिकी औजार एवं फफूदीनाशक, आदिवासी उपयोजना टीएसपी अंर्तगत 100 वर्मीबेड, 30 क्विंटल धान बीज, 10 क्विंटल ग्रीष्मकालिन मूंग, ड्रम एवं अन्य सामाग्री का वितरण किया गया। कृषि ड्रोन तकनीकी का जीवंत प्रदर्शन कृषकों के समक्ष किया गया।
कृषि विज्ञान केन्द्र राजनांदगांव के वरिष्ठ वैज्ञानिक एवं प्रमुख इंजीनियर राजेन्द्र कुमार स्वर्णकार कार्यक्रम के उद्देश्य के संबंध में जानकारी दी। उन्होंने कहा कि रासायनिक खेती को छोड़कर प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देना है। प्राकृतिक खेती में गोबर एवं गौ-मूत्र का उपयोग कर बीजामृत, घनजीवामृत एवं जीवामृत तैयार कर बीजोपचार एवं संपूर्ण खेती में इसका उपयोग कर मृदा की उपजाऊ क्षमता एवं मृदा में उपस्थित विभिन्न प्रकार के सूक्ष्म जीव की संख्या को बढ़ा सकते हैं। पोषक तत्वों की उपलब्धता को बढ़ाने में मृदा में उपस्थित सूक्ष्म जीवों का बहुत महत्व है। रासायनिक खेती की तुलना प्राकृतिक खेती से कृषक अपने आय में वृद्धि कर सकते हैं। कार्यक्रम में अनूसुचित जनजाति के उपयोजना अंर्तगत आदिवासी कृषकों को अनाज वाली फसलों के बाद दलहनी फसलों को लगाने एवं मिट्टी की उर्वराशक्ति को बनाये रखने के लिए प्रोत्साहित प्रोत्साहित किया गया। कार्यक्रम में कृषि वैज्ञानिक डॉ. आर ईलनचेलियन, डॉ. प्रभात त्रिपाठी, डॉ. निशा साहू, डॉ. एम वसुन्धा कुमार, डॉ. नारायण लाल, डॉ. दिनेश यादव एवं उन्न्तशील कृषक लक्ष्मण कोलीयारे, चिंताराम नायक, घनश्याम टेकाम, योगेन्द्र तथा कृषि विज्ञान केन्द्र के वैज्ञानिक गुंजन झा, अंजली घृतलहरे, अतुल डांगे, मनीष सिंह, सुरभि जैन, जितेन्द्र मेश्राम, कृषि महाविद्यालय के वैज्ञानिक विनम्रता जैन एवं अन्य कर्मचारी सहित जिले के विभिन्न विकासखण्ड के कृषक एवं महिला कृषक, कृषि विषय के विद्यार्थी उपस्थित थे।